जयपुर. प्रदेश में एक बार फिर सरकार और सरपंच संघ आमने-सामने है. क्योंकि, सरकार की ओर से सरपंचों के वित्त अधिकार सीमित करने, ग्रामीण एवं पंचायती राज विभाग के आदेश से 11 हजार से ज्यादा सरपंचों को बड़ा झटका लगा है. आदेश में सरपंचों से एक बार फिर से वित्तीय अधिकार छीन लिए हैं, इसके बाद सरपंच संघ ने सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी है.
दरअसल, ग्रामीण एवं पंचायती राज विभाग की ओर से आदेश दिया गया है कि सरपंचों के खर्च के लिए दिए जाने वाला बजट सीधा ना देकर पीडी अकाउंट में डाले जाएंगे. मतलब साफ है कि सरपंच को पंचायत में विकास कार्य के लिए पैसा खर्च करने के लिए पीडी अकाउंट से पैसा काम में लेना होगा, पीडी अकाउंट सीधा सरकार के अधीन होता है, स्टेट फाइनेंस कमीशन का पैसा अब सीधा पंचायतों के खातों में ट्रांसफर नहीं होगा. बल्कि, अब वित्त विभाग के पीडी खाते से पंचायतों को पैसा लेना पड़ेगा. सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेशभर के सरपंच लामबंद हो गए हैं.
बंध गए हैं सरपंचों के हाथ
गांव के मुखिया यानि सरपंच अब मरूधरा की पंचायतों पर तालाबंदी की तैयारी कर रहे हैं. मसलन राज्य सरकार ने सरपंचों से वित्तीय अधिकार छीन लिए है. यानि अब सरपंचों को पंचायतों के विकास कार्यों के लिए पैसा खर्च करने का अधिकार नहीं होगा. अब पंचायतों के पैसों का हिसाब किताब वित्त विभाग के पास होगा. वित्त विभाग सभी पंचायतों के लिए पीडी अकाउंट खोल रहा है. सरपंच को इन्ही अकाउंट से पैसा विकास कार्यों के लिए दिया जाएगा. सरपंच संघ के कार्यकारी अध्यक्ष बंशीधर गढवाल का कहना है चाय के पैसो के लिए भी अब विभाग के पास आना होगा. इस अधिकार को छीनने से सरपंचों की मुसीबते बढ़ जाएगी.
पढ़ें: करौलीः ग्राम पंचायतों में खोले जा रहे पीडी खातों का सरपंच संघ ने जताया विरोध, जलाई आदेशों की होली
पहले सीधा अकाउंट में ट्रांसफर होती थी राशि
प्रदेश की प्रत्येक पंचायत में विकास कार्यों के लिए सरकार स्टेट फाईनेंस कमीशन से सीधा पंचायतों के खातों में पैसा ट्रांसफर करती थी. यह राशि साल में दो किस्तों के रूप में पंचायतों के खातों में दी जाती थी. मध्यम पंचायतों में 10-10 लाख और बड़ी पंचायतों के लिए 15-15 लाख की दो किस्तों में पैसा दिया जाता था. पंचायत में विकास कार्यों के लिए सरपंच पंचायत के बैंक अकाउंट से पैसा खर्च करते थे, लेकिन अब ये व्यवस्था बंद कर दी है. पहले सरपंचों को खातों के ब्याज की राशि मिल जाती थी, लेकिन अब नहीं मिलेगी.
अब खातों पर वित्त विभाग का सीधा कंट्रोल
नई व्यवस्था के अनुसार, अब पंचायतों का पैसों पर कोई कंट्रोल नहीं होगा. सरकार ने हर पंचायत के लिए पीडी अकाउंट खोले हैं, जो वित्त विभाग के कंट्रोल में होगा.सरपंचों को पंचायत के विकास कार्यों के लिए वित्त विभाग से पैसा लेना होगा. अब सरपंच खुद पैसा खर्च नहीं कर पाएगा.
पढ़ें: केंद्र से मिलने वाली राशि को पीडी खाते में जमा कराने के आदेश, सरपंचों ने किया फैसले का विरोध
र्फोटिन फाईनेंस कमीशन का पैसा भी पीडी खाते से
पंचायतों के विकास के लिए राज्य सरकार की तरह केंद्र सरकार भी र्फोटिन फाईनेंस कमीशन का पैसा पंचायतों के खातों में डालती थी, लेकिन अब ये राशि भी सीधा पीडी अकाउंट में डाली जाएगी. केंद्र सरकार मध्यम पंचायतों के लिए 10-10 लाख और बड़ी पंचायतों के लिए 15-15 लाख की दो किस्तों में ट्रांसफर की जाती थी. वित्त विभाग ने अब तक 8 हजार पंचायतों के पीडी खाते खोल दिए हैं.
अब पंचायतों में हल्ला बोल
सरकार के इस फैसले के बाद सरपंच सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रहे हैं. आज सभी पंचायत मुख्यालयों पर कलक्टर को ज्ञापन दिया गया. 21 जनवरी को सभी 11344 पंचायतों पर तालाबंदी करेंगे.