जयपुर. गांव की सरकार चलाने वाले सरपंच अब सरकार के विरोध में खुलकर सामने आ चुके हैं. सरकार की ओर से पीडी खाता खोलने का विरोध कर रहे हैं. सरपंचों का कहना है कि पीडी खाता खोलने के बाद सरपंचों के वित्तीय अधिकार छीन लिए गए हैं और उन्होंने मांग की है कि सरकार पीडी खाता खोलने का आदेश वापस ले. गुरुवार को जयपुर जिले में सरपंचों ने पंचायतों में ताला जड़कर इसका विरोध जताया.
जोबनेर पंचायत समिति के अध्यक्ष शारदा मेहता ने कहा कि सरपंचों ने पंचायत मुख्यालय पर तालाबंदी कर पीडी खाता खोलने का विरोध जताया है. उनका कहना है कि ग्राम पंचायतों में पीडी खाता खोलने से उनके छोटे-छोटे कार्य नहीं हो पाएंगे और गांव का विकास कार्य बाधित होगा. पीडी खाता खोलने से पंचायत की निजी आय बिल्कुल बंद हो जाएगी और हर छोटे से छोटे काम के लिए उन्हें ग्राम विकास अधिकारी की ओर मुंह ताकना पड़ेगा. पीडी खाता खोलने से पहले सरपंचों को पंचायत फंड के मिलने वाले ब्याज मिलता था और यही उनकी निजी आय थी. इस निजी आय से सरपंच विकास कार्य भी करवाते थे, लेकिन अब यह सारे विकास कार्य बंद हो जाएंगे.
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शारदा मेहता ने कहा कि पीडी खाते खोलकर सरपंचों के वित्तीय अधिकारों में कटौती की जा रही है. इससे पंचायतों की निजी आय खत्म हो जाएगी. सरकार हर किसी कार्य के लिए फंड नहीं देती. कुछ कार्य ऐसे होते हैं, जो पंचायतों की निजी आय से ही संपन्न हो पाते हैं. पीडी खाते खोलने के बाद कई तरह की परेशानिया सरपंचों के सामने आएंगी. पीडी खाते से भुगतान करने पर एक कड़ी बढ़ जाएगी, जिससे भ्रष्टाचार होने की संभावना भी बढ़ जाएगी. भुगतान भी विलंब से होगा.
इस दौरान आसलपुर सरपंच सरला कुमावत, ढाणी बोराज सरपंच भेरूराम देगड़ा, ग्राम पंचायत बोबास रूपनारायण रुंडला, पंचायत पंचायत खेजड़ावास सोहन सेपट ने पंचायत मुख्यालय पर तालाबंदी की.