जयपुर. नागौर और बाड़मेर दौरे के समय पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने पंचायतों में भ्रष्टाचार को लेकर बयान दिया था. 300 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप सरपंचों को नागवार गुजरा. इन दोनों जिलों के अंतर्गत आने वाले गांवों के सरपंच खफा हो पैदल ही जयपुर निकल पड़े हैं. कल यानी 5 अगस्त को जयपुर में उनका महापड़ाव का इरादा है (Sarpanch Mahapadav In Jaipur). प्रदेश के बाकी के सरपंच भी इस महापड़ाव में शामिल होंगे. पंचायत संघ के बैनर तले इसका आयोजन किया जा रहा है. एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश भर के कुल 12 हजार सरपंच इसमें शिरकत करेंगे.
महापड़ाव की वजह: पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा के इस्तीफे, ग्राम पंचायतों की जांच पूर्व की भांति केंद्रीय ,राज्य सामाजिक अंकेक्षण या फिर ब्लॉक संसाधन दल की ओर से करवाए जाने समेत अपनी 38 सूत्रीय मांगों को लेकर सरपंच संघ महापड़ाव डालेगा (Rajasthan Sarpanchs On Street). सरपंचों का आरोप है कि मंत्री में रमेश मीणा ने नागौर और बाड़मेर दौरे की समीक्षा के दौरान बिना किसी जांच के इन दोनों जिलों के सरपंचों पर 300 करोड़ के घोटाले के आरोप लगाए. इस आरोप से वो नाराज और आहत हैं.
एनजीओ ऑडिट से नाराज: इन 38 सूत्री मांगों में से एक मांग एनजीओ ऑडिट पर लगाम लगाने की है. सरपंच चाहते हैं कि सरकार ग्राम पंचायतों की ऑडिट प्राइवेट एनजीओ की जगह फिर से सरकारी स्तर पर करवाए. आरोप है कि अरुणा रॉय का प्राइवेट एनजीओ महिलाओं से जिस तरह के सवाल करता है वो आपत्तिजनक हैं. उनके मुताबिक गांव में जाकर महिलाओं से आमदनी को लेकर, अन्य मद में मिली राशि को लेकर सवालात होते हैं जो गांव की महिलाओं को ज्यादातर ठीक से पता नहीं होता है. उससे सरपंचों की इमेज खराब होती है.
सरपंचों की चेतावनी: सरपंचों ने चेताया है कि जब तक मंत्री रमेश मीणा इस्तीफा नहीं दे देते तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. सरपंचों ने कहा कि रमेश मीणा के खिलाफ सरपंचों के आक्रोश की हालात यह हैं कि नागौर और बाड़मेर के सरपंच तो पैदल ही जयपुर पहुंच रहे हैं और बाकी अन्य 5 अगस्त को जयपुर पहुंचेंगे. ये सभी जयपुर के मानसरोवर में महापड़ाव करेंगे. सरपंचों ने कहा कि पहले भी उनकी 13 सूत्री मांगों पर मंत्री रमेश मीणा के साथ समझौता वार्ता हुई थी, लेकिन अब तक उन पर कोई काम नहीं हो पाया है. सरपंचों ने कहा है कि अब उनकी मांग मंत्री रमेश मीणा को हटाने और इस मामले में मुख्यमंत्री से बात किए बगैर पूरी नहीं होगी.
क्या कहा था मंत्री ने?: नागौर दौरे के दौरान पंचायती राज मंत्री रमेश कुमार मीणा ने मनरेगा को लेकर अपनी सरकार की फिक्र जाहिर की थी. उन्होंने भ्रष्टाचार की भी बात कही थी. नागौर में बयान दिया था- बाड़मेर और नागौर में मनरेगा के तहत 300 करोड़ का घोटाला किया गया है. मंत्री ने इसका आरोप मंत्री सरपंचों पर लगाया था. सरपंच मंत्री के इसी बायन पर खफा हैं (Sarpanch Against Panchaytiraj Minister).