जयपुर. राजधानी जयपुर की परंपरागत लोकनाट्य तमाशा (Jaipur Traditional folk drama Tamasha) का गुरुवार को मंचन हुआ. परंपरागत आख्यान में आधुनिक संदर्भ को जोड़ते हुए संस्था वीणापाणि कला मंदिर की ओर से लोकनाट्य तमाशा हीर रांझा का मंचन ब्रह्मपुरी के छोटा अखाड़ा में आयोजित किया गया. वर्षों से होली के अवसर पर तमाशे का निर्देशन प्रसिद्ध तमाशा गुरु वासुदेव भट्ट ने किया.
तमाशा कार्यक्रम में प्रदेश की राजनीति पर कटाक्ष भी देखने को मिले. होली के गीतों के साथ कई रंगारंग प्रस्तुतियां देखने को मिली. वासुदेव भट्ट ने बताया कि हीर रांझा की कथा को आधुनिक संदर्भों से जोड़ते हुए वर्तमान राजनीतिक घटनाओं, रूस और यूक्रेन युद्ध, वर्तमान मुद्दों (बढ़ती महंगाई, पेट्रोल, शहर की बदहाल सड़कें) व आम आदमी के हालात पर कटाक्ष किए गए.
तमाशा में रांझा की ओर से बाग और गढ़ की बनावट वाले और रांझा हीर के वाद-विवाद वाले संवादों का दर्शकों ने जमकर लुत्फ उठाया. खुले मंच पर हुई तमाशा कार्यक्रम में कलाकारों की प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र बनी रही. तमाशा का मंचन राजा महाराजाओं के समय से ही जयपुर के ब्रह्मपुरी इलाके में किया जाता रहा है. कलाकार भट्ट परिवार के साथ ही दर्शकों की भी 7 पीढ़ियां तमाशा कार्यक्रम से जुड़ी हुई है. इस कार्यक्रम के जरिए जयपुर की सभ्यता और संस्कृति जीवंत किए हुए हैं.