जयपुर. नगर निगम में फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर नौकरी लेने पहुंचे दो युवकों को पकड़ने के बाद अब तक पुलिस थाने में एफआईआर भी दर्ज नहीं कराई गई है. इस बीच नगर निगम में फर्जीवाड़ा कर पदस्थापित सफाई कर्मियों से अधिक का वेतन हर माह उठाया जा रहा है. ऐसे में इस फर्जीवाड़ा की जांच की मांग की जा रही है.
वर्तमान में जयपुर नगर निगम क्षेत्र के लिए सफाई कर्मचारियों के 11 हजार 908 पद स्वीकृत हैं. इन पदों को ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम में बांटा गया है. ग्रेटर नगर निगम में 7145 जबकि हेरिटेज नगर निगम में 4763 पद स्वीकृत किए गए हैं. हालांकि वर्तमान में 8660 सफाई कर्मचारी ही कार्यरत हैं. जबकि साल 2018 में 4959 सफाई कर्मचारियों की भर्ती की गई थी. लेकिन इनमें 267 सफाई कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने या तो नौकरी छोड़ दी या फिर ज्वाइन ही नहीं की. ऐसे में नए 4692 सफाई कर्मचारी ही कार्यरत हैं.
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जबकि निगम का डाटा मेंटेन करने वाले ओसवाल डाटा के अनुसार 4811 सफाई कर्मचारियों को वेतन दिया जा रहा है. ऐसे में अब सवाल ये उठ रहा है कि आखिर 119 सफाई कर्मचारी आए कहां से. वहीं अब फर्जी भुगतान को लेकर जांच की भी मांग उठ रही है. ताकि सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति प्रकरण का फर्जीवाड़ा सामने आ सके.
हालांकि अब तक निगम प्रशासन की ओर से फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर घूम रहे युवकों पर भी कार्रवाई नहीं की गई है. इससे पहले भी निगम प्रशासन की उदासीनता के चलते फर्जी नियुक्ति पत्र वायरल होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. जिससे निगम में इस तरह की गतिविधियों को शह मिल रही है.