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प्रभारी मंत्री और स्थानीय नेता ही जिला स्तर पर तय करेंगे वार्डों के टिकट: सचिन पायलट - प्रभारी मंत्री और स्थानीय नेता

सचिन पायलट ने रविवार को पीसीसी में मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि प्रभारी मंत्री और स्थानीय नेता ही जिला स्तर पर वार्डों के टिकट तय करेंगे. जयपुर में बैठकर वार्डों की टिकट बांटना उचित नहीं है.

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Published : Nov 4, 2019, 12:06 AM IST

जयपुर. निकाय चुनाव को लेकर पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि निकाय चुनाव की तैयारी के लिए प्रभारी मंत्री अपने-अपने जिलों में गए हैं और हमने निकाय चुनाव के लिए टिकट बांटने का काम जिला स्तर पर छोड़ दिया है. वार्ड की टिकट हम जयपुर में बैठकर नही बांट सकते, यह उचित नहीं है. प्रभारी मंत्री, जिले के पदाधिकारी, अध्यक्ष, एमपी, एमएलए वहीं बैठ कर के स्थानीय परिस्थिति के अनुसार यह तय करेंगे कि कौन मजबूत उम्मीदवार है.

पीसीसी अध्यक्षः निकाय चुनाव के लिए टिकट बांटने का काम जिला स्तर पर छोड़ दिया है

पायलट ने कहा कि प्रदेश में उपचुनाव को देखने से लगता है कि भाजपा टुकड़ों में बंटी हुई है. प्रदेश में माहौल हमारे पक्ष में है. मंडावा सीट हमने 33 हजार के अंतर से जीती और खीवसर सीट हम बहुत कम मार्जिन से हारे है. कार्यकर्ताओं की मेहनत और जनता का अटूट विश्वास ही हमारी पूंजी है. आज हम जो जनता की सेवा करने के लायक बने है. वह सब कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मेहनत की वजह से ही है. उन्ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमने निकाय चुनाव को जिताने की जिम्मेदारी डाली है.

पढ़ेंः राजस्थान में डेंगू का जहरीला डंक : प्रदेश में 4 हजार से भी ज्यादा मामले आए सामने, 8 की मौत

पीसीसी अध्यक्ष ने बताया कि हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव परिणाम दिखाते है कि जनता सब समझ रही है. कौन काम कर रहा है और कौन काम नहीं कर रहा है. नारे, भाषण और इश्तहार देकर लोग राजनीति करना चाहते हैं लेकिन परफॉर्मेंस बिल्कुल भी नहीं दिखती है. आने वाले समय में दिल्ली और झारखंड में विधानसभा चुनाव है और मुझे नहीं लगता है कि केंद्र की सत्ताधारी पार्टी वहां कामयाब होगी.

बसपा छोड़कर कांग्रेस में आए विधायकों के लिए पायलट ने कहा कि सभी 6 विधायकों ने लिखित में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से आग्रह किया था कि उनका कांग्रेस में विलय कर दिया जाए. अध्यक्ष ने रूलिंग दे दी और उसके बाद में सभी विधायकों का कांग्रेस में विलय हो गया है. विधानसभा अध्यक्ष की रूलिंग फाइनल होती है. साथ ही बताया कि निश्चित रूप से निकाय चुनाव में पार्टी को इसका लाभ मिलेगा. वहीं टोल को लेकर किए गए सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि इसके बारे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विस्तार से बता दिया है.

जयपुर. निकाय चुनाव को लेकर पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि निकाय चुनाव की तैयारी के लिए प्रभारी मंत्री अपने-अपने जिलों में गए हैं और हमने निकाय चुनाव के लिए टिकट बांटने का काम जिला स्तर पर छोड़ दिया है. वार्ड की टिकट हम जयपुर में बैठकर नही बांट सकते, यह उचित नहीं है. प्रभारी मंत्री, जिले के पदाधिकारी, अध्यक्ष, एमपी, एमएलए वहीं बैठ कर के स्थानीय परिस्थिति के अनुसार यह तय करेंगे कि कौन मजबूत उम्मीदवार है.

पीसीसी अध्यक्षः निकाय चुनाव के लिए टिकट बांटने का काम जिला स्तर पर छोड़ दिया है

पायलट ने कहा कि प्रदेश में उपचुनाव को देखने से लगता है कि भाजपा टुकड़ों में बंटी हुई है. प्रदेश में माहौल हमारे पक्ष में है. मंडावा सीट हमने 33 हजार के अंतर से जीती और खीवसर सीट हम बहुत कम मार्जिन से हारे है. कार्यकर्ताओं की मेहनत और जनता का अटूट विश्वास ही हमारी पूंजी है. आज हम जो जनता की सेवा करने के लायक बने है. वह सब कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मेहनत की वजह से ही है. उन्ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमने निकाय चुनाव को जिताने की जिम्मेदारी डाली है.

पढ़ेंः राजस्थान में डेंगू का जहरीला डंक : प्रदेश में 4 हजार से भी ज्यादा मामले आए सामने, 8 की मौत

पीसीसी अध्यक्ष ने बताया कि हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव परिणाम दिखाते है कि जनता सब समझ रही है. कौन काम कर रहा है और कौन काम नहीं कर रहा है. नारे, भाषण और इश्तहार देकर लोग राजनीति करना चाहते हैं लेकिन परफॉर्मेंस बिल्कुल भी नहीं दिखती है. आने वाले समय में दिल्ली और झारखंड में विधानसभा चुनाव है और मुझे नहीं लगता है कि केंद्र की सत्ताधारी पार्टी वहां कामयाब होगी.

बसपा छोड़कर कांग्रेस में आए विधायकों के लिए पायलट ने कहा कि सभी 6 विधायकों ने लिखित में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से आग्रह किया था कि उनका कांग्रेस में विलय कर दिया जाए. अध्यक्ष ने रूलिंग दे दी और उसके बाद में सभी विधायकों का कांग्रेस में विलय हो गया है. विधानसभा अध्यक्ष की रूलिंग फाइनल होती है. साथ ही बताया कि निश्चित रूप से निकाय चुनाव में पार्टी को इसका लाभ मिलेगा. वहीं टोल को लेकर किए गए सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि इसके बारे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विस्तार से बता दिया है.

Intro:जयपुर। प्रभारी मंत्री और स्थानीय नेता ही जिला स्तर पर वार्डों के टिकट तय करेंगे। जयपुर में बैठकर वार्डों की टिकट बांटना उचित नहीं है। यह कहना है पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट का। सचिन पायलट ने रविवार को पीसीसी में मीडिया से रूबरू होते हुए यह बात कही।


Body:निकाय चुनाव को लेकर सचिन पायलट ने कहा निकाय चुनाव की तैयारी के लिए प्रभारी मंत्री अपने आपने जिलों में गए हैं और हमने निकाय चुनाव के लिए टिकट बांटने का काम जिला स्तर पर छोड़ दिया है। वार्ड की टिकट हम जयपुर में बैठकर नही बांट सकते, यह उचित नहीं है। प्रभारी मंत्री, जिले के पदाधिकारी, अध्यक्ष, एमपी, एमएलए वहीं बैठ कर के स्थानीय परिस्थिति के अनुसार यह तय करेंगे कि कौन मजबूत उम्मीदवार है।
पायलट ने कहा कि प्रदेश में उपचुनाव को देखने से लगता है कि भाजपा टुकड़ों में बंटी हुई है। प्रदेश में माहौल हमारे पक्ष में हैं। मंडावा सीट हमने 33 हजार के अंतर से जीती और खीवसर सीट हम बहुत कम मार्जिन से हारे हैं। कार्यकर्ताओं की मेहनत और जनता का अटूट विश्वास ही हमारी पूंजी है। आज हम जो जनता की सेवा करने के लायक बने हैं। वह सब कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मेहनत की वजह से ही है। उन्ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमने निकाय चुनाव को जिताने की जिम्मेदारी डाली है।
सचिन पायलट ने कहा हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव परिणाम दिखाते हैं कि जनता सब समझ रही है। कौन काम कर रहा है और कौन काम नहीं कर रहा है। नारे, भाषण और इश्तहार देकर लोग राजनीति करना चाहते हैं लेकिन परफॉर्मेंस बिल्कुल भी नहीं दिखती है। देश आज एक बदलाव चाह रहा है। आने वाले समय में दिल्ली और झारखंड में विधानसभा चुनाव है और मुझे नहीं लगता है कि केंद्र की सत्ताधारी पार्टी वहा कामयाब होगी। बसपा छोड़कर कांग्रेस में आए विधायकों के लिए सचिन पायलट ने कहा कि सभी 6 विधायकों ने लिखित में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से आग्रह किया था कि उनका कांग्रेस में विलय कर दिया जाए। अध्यक्ष ने रूलिंग दे दी और उसके बाद में सभी विधायकों का कांग्रेस में विलय हो गया है। विधानसभा अध्यक्ष की रूलिंग फाइनल होती है। वे नए नये पार्टी में आये है और आने वाले समय में और जिम्मेदारी देंगे। निश्चित रूप से निकाय चुनाव में पार्टी को इसका लाभ मिलेगा।
टोल को लेकर किए गए सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि इसके बारे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विस्तार से बता दिया है।

बाईट। सचिन पायलट, पीसीसी अध्यक्ष



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