दिल्ली/जयपुर. राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच दिल्ली में सचिन पायलट के राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की चर्चाओं के बीच पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अभी तक उनके पास किसी भी बागी विधायकों की तरफ से कोई सूचना नहीं आई है.
मुलाकात की चर्चाओं पर डोटासरा ने साफ कहा कि आलाकमान जो भी फैसला लेगा अपने विवेक से अच्छा ही फैसला लेगा . हम सभी उस फैसले को मानेंगे. यदि सचिन पायलट और बागी विधायक राजस्थान आना चाहते हैं तो उन्हें यहां पर पूरी सुरक्षा है . राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में ही सरकार पूर्ण बहुमत के साथ आगे भी काम करेगी. सूत्रों के मुताबिक पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थित विधायकों ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा था. बताया जा रहा है कि पायलट की राहुल गांधी और प्रियंका से मुलाकात भी हुई है. हालांकि, अधिकारिक रूप से कोई पुष्टि नहीं हो पाई है. पार्टी के सूत्रों के अनुसार सचिन पायलट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल और अहमद पटेल के संपर्क में हैं, जो राजस्थान में चल रहे सियासी संग्राम में सुलह कराने का प्रयास कर रहे हैं.
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बता दें कि पिछले एक महीने से पायलट और उनके समर्थित विधायक जयपुर में नहीं हैं. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पायलट पर जमकर निशाना साधा और यहां तक कि उन पर राज्य सरकार को गिराने के लिए भाजपा के साथ प्रयास करने का भी आरोप लगाया.
सूत्रों के अनुसार पायलट ने प्रदेश में चल रहे सियासी संग्राम को लेकर कुछ हफ्ते पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से भी मुलाकात की थी. इससे पहले प्रियंका गांधी ने पायलट से बात कर राजस्थान में संकट को दूर करने के प्रयास किए थे, लेकिन कोई परिणाम सामने नहीं आया था.
वहीं, दूसरी ओर विधानसभा सत्र से पहले रणनीति पर चर्चा करने के लिए रविवार को जैसलमेर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई. इस बैठक में सभी विधायकों ने मांग की पायलट कैंप से अब किसी तरह की बातचीत नहीं की जाए. साथ ही बागी विधायकों पर कार्रवाई की भी मांग की थी.
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बहरहाल, सियासी संकट से निपटने के लिए अब तक किए गए तमाम प्रयासों के बावजूद भी इसका समाधान नहीं निकल पा रहा है. दिन प्रतिदिन बदल रहे हालात के बाद अब मामला फ्लोर टेस्ट की स्टेज पर आ गया है. वहीं कांग्रेस पार्टी बार-बार राजस्थान विधानसभा में बहुमत होने का दावा कर रही है. साथ ही यह भी संकेत दे रही है कि पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के लिए अभी भी दरवाजे बंद नहीं हैं.