जयपुर. प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) विधायकों की रायशुमारी कर अब दिल्ली लौट चुके हैं. अब कहा जा रहा है कि राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार (Rajasthan Cabinet Reshuffle) को लेकर काउंटडाउन शुरू हो चुका है. अगस्त में कभी भी मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल कर दिया जाएगा.
आगामी गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार में सचिन पायलट कैंप (Pilot Camp) के भी विधायक शामिल होंगे, इसमें किसी को कोई शक नही है. लेकिन अगर राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तान (Cabinet Reshuffle) हो जाता है, उसके बाद भी एक सवाल ऐसा है जिसे लेकर राजस्थान के राजनीति में थोड़ी भी रुचि रखने वाले को उत्सुकता है.
दरअसल, वो सवाल यह है कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व उप मुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट (Ex. PCC Chief) का खुद का भविष्य क्या होगा ? क्या सचिन पायलट दिल्ली में किसी पद को स्वीकार करेंगे या फिर राजस्थान में रहकर ही अपनी राजनीति जारी रखेंगे. इसमें भी सबसे बड़ी जिज्ञासा इस बात को लेकर है कि सचिन पायलट जो पिछले साल हुई राजनीतिक उठापटक (Rajasthan Political Crisis) के बाद एक ही बात कह रहे हैं कि उन्हें अपने लिए पद नहीं चाहिए, बल्कि कांग्रेस की सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाने वाले कार्यकर्ताओं को पार्टी में मान-सम्मान मिलना चाहिए. क्या वह सचिन पायलट राजस्थान में फिर से प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी संभालेंगे या फिर बिना किसी पद के ही वह राजस्थान में सक्रिय रहेंगे ?
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आलाकमान जो निर्णय लेगा पायलट को वो स्वीकार : सचिन पायलट के भविष्य (Future of Sachin Pilot) को लेकर अभी कुछ भी निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी. लेकिन एक बात अब साफ हो चुकी है कि सचिन पायलट का उपयोग कांग्रेस पार्टी 5 राज्यों के चुनावो में करना चाहती है. ऐसे में सचिन पायलट को चुनावी राज्यों में मुख्य भूमिका में रखा जा सकता है.
कहा जा रहा है कि सचिन पायलट को कांग्रेस पार्टी (Congress Party) का कार्यकारी अध्यक्ष या महासचिव बना दिया जाए, ताकि उन्हें किसी राज्य की जिम्मेदारी सौंपी जा सके. हालांकि, कहा जा रहा है कि सचिन पायलट राजस्थान नहीं छोड़ना चाहते हैं. ऐसे में वह बिना किसी पद के एक स्टार प्रचारक के तौर पर चुनावी राज्यों के प्रचार और रणनीति की जिम्मेदारी चाहते हैं, ताकि चुनाव के बाद वह वापस राजस्थान में सक्रिय हो सकें
इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि अगर कांग्रेस आलाकमान पायलट को राजस्थान में ही सक्रिय रखना चाहता है तो सचिन पायलट को वापस प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है. हालांकि, इसमें अभी समय लग सकता है. वैसे भी सचिन पायलट ने सरकार रिपीट नहीं होने का जो सवाल उठाया था, उस सवाल को अजय माकन ने सभी विधायकों से पूछकर यह तो साफ कर दिया कि सचिन पायलट की रखी गई बातों को कांग्रेस पार्टी कितना गंभीरता से ले रही है.