जयपुर. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश चंद्र मीणा ने प्रधानमंत्री के साथ (Ramesh Chandra Meena on Central government Schemes) गरीब कल्याण सम्मेलन में वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान कई तरह के मुद्दे उठाए. कार्यक्रम के बाद मीणा मीडिया से रूबरू होकर केंद्र की योजनाओं पर निशाना साधा. केंद्र सरकार की नरेगा, उज्जवला योजना, इस्टर्न कैनाल, जल जीवन मिशन को लेकर सवाल उठाए. साथ ही राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को चुनाव नहीं लड़ने की नसीहत भी दी.
रमेश चंद्र मीणा ने कहा कि गरीब कल्याण सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वर्चुअल बातचीत हुई जिसमें कुछ मुद्दे उठाए गए. उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में केंद्र सरकार की योजनाएं 60: 40 के अनुपात में चल रही हैं. इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत अभियान एक कृषि से संबंधित योजनाएं शामिल हैं. मीणा ने कहा कि केंद्र सरकार का पैसा पूरी तरह से सही जगह पर नहीं पहुंच पा रहा.
प्रदेश का 2143 करोड़ रुपए बकाया: उन्होंने कहा कि कोरोना काल में कई ऐसे परिवार हैं जिनकी आर्थिक स्थिति खराब हुई. कई परिवारों में कमाने वाले व्यक्ति की मौत हुई. इसलिए उन्होंने खाद्य सुरक्षा योजना में नया सर्वे कराकर सीलिंग बढ़ाने की मांग की. जिससे नए परिवार इस योजना से जुड़ सके. उन्होंने कहा कि सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना का मुद्दा भी उठाया गया. इस योजना के तहत अभी भी प्रदेश का 2143 करोड़ रुपए बकाया है. पैसा समय पर नहीं मिल पा रहा जिससे काम रुका हुआ है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार नरेगा का 3000 करोड़ रुपए नहीं दे रही. मीणा ने कहा कि केंद्र सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. उज्जवला योजना पर सवाल उठाते हुए मीणा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस योजना की एक बार जांच करवाएं, कहीं ऐसा तो नहीं है कि एक बार सिलेंडर भरवाने के बाद लाभार्थी लकड़ी काट कर काम चला रहा हो. इस योजना की जांच होनी चाहिए कि धरातल पर काम हो रहा है या नहीं.
गडकरी ने सड़कों को लेकर किया अच्छा काम: मीणा ने कहा कि कई योजनाओं में केंद्र सरकार ने बहुत अच्छा किया. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सड़कों को लेकर बहुत अच्छा काम किया और उनकी हम प्रशंसा भी करते हैं. उन्होंने मांग की कि जिस तरह से प्रदेश में कृषि बजट अलग से पेश किया गया, वैसे ही केंद्र सरकार भी करे. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने चिरंजीवी योजना में इलाज की सीमा बढ़कर 10 लाख कर दी है. गंभीर बीमारियों का इलाज का प्रावधान भी इस योजना में किया गया है. 5 लाख तक का दुर्घटना बीमा भी दिया जा रहा है.
प्रदेश सरकार का डिजिटल करण पर फोकस: मीणा ने कहा कि प्रदेश सरकार डिजिटलीकरण पर भी फोकस कर रही है. आजकल सारे काम ऑनलाइन हो रहे हैं. चिरंजीवी योजना के लाभार्थी एक करोड़ 33 लाख महिलाओं को स्मार्टफोन दिया जा रहा है, जिसमें 3 साल का डाटा दिया जाएगा. इससे महिलाओं के शिक्षा के स्तर भी बढ़ेगा. हजारों की संख्या में डेयरी बूथ भी सरकार की ओर से खोले जाएंगे, जिसमें महिलाओं को भी जगह दी गई है. इससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी. मंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी शहरी गारंटी योजना में 100 दिन का रोजगार दिया जाएगा. नरेगा योजना में योजना में 100 दिन के अलावा 25 दिन का काम अतिरिक्त दिया जाएगा, जिसमें सरकार के 750 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
ERCP को लेकर बोले मीणा: इस्टर्न कैनाल को लेकर मीणा ने कहा कि भाजपा नेताओं के समय इस योजना की डीपीआर तैयार की गई थी, जिसमें तेरह जिलों को लाभ मिलना था. प्रदेश में 25 सांसद हैं और इनमें से गजेंद्र सिंह शेखावत जल शक्ति मंत्रालय के मंत्री हैं. इसके बावजूद भी इस योजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं मिल पा रहा. उन्होंने कहा कि जब अन्य राज्यों में जल योजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया जा रहा है तो ईस्टर्न कैनाल को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा क्यों नहीं दिया जा रहा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की कथनी और करनी में अंतर है. नोटबंदी के बाद देश की स्थिति काफी खराब चल रही है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि जब पेमेंट की बात करते हैं तो पैसे की कमी बता दी जाती है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार निजीकरण कर रही है और देश की संपत्तियों को बेचने का काम कर रही है.
चंद्रा अपना समय और पैसा दोनों बर्बाद कर रहे: सुभाष चंद्रा के राज्यसभा का नामांकन भरने के सवाल पर मंत्री रमेश (Ramesh Chandra Meena on Subhash chandra nomination for RS) चंद्र मीणा ने कहा कि मैं उनसे कहना चाहता हूं कि, वो अपना समय और पैसा बर्बाद नहीं करें. वे भाजपा के झांसे में आ गए हैं. वे पहले भी राज्यसभा सांसद रह चुके हैं. मेरा सुझाव है कि उन्हें चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. मीणा ने कहा कि चुनाव में कांग्रेस का एक भी वोट कम नहीं होगा बल्कि एक दो वोट जरूर बढ़ेंगे. कांग्रेस में कोई विवाद नहीं है. राजस्थान चुनाव में किसी भी स्थानीय को टिकट नहीं देने के सवाल पर रमेश चंद मीणा ने कहा कि यह सब पार्टी आलाकमान तय करता है और पार्टी उसी को स्वीकार करती है.