ETV Bharat / city

Bureaucracy in Rajasthan : गहलोत सरकार के विधायक नौकरशाही पर सवाल खड़े करके बढ़ा रहे मुसीबत, डोटासरा बोले- शिकायत करेंगे तो लेंगे संज्ञान

राजस्थान कांग्रेस की सरकार है. बावजूद इसके, सत्ताधारी दल के विधायक व नेता लगातार नौकरशाही पर सवाल (Bureaucracy in Rajasthan) खड़े कर रहे हैं. कुछ विधायक नौकरशाही की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं तो कुछ सीधे भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस विधायकों की ओर से लगातार उठाए जा रहे सवालों ने सीएम अशोक गहलोत की चिंता बढ़ा दी है. पढ़िए किस नेता ने नौकरशाही को लेकर क्या कुछ कहा...

CM Gehlot
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
author img

By

Published : May 26, 2022, 6:06 PM IST

Updated : May 26, 2022, 10:53 PM IST

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है, लेकिन इस सरकार की मुश्किलें अपने ही बढ़ा रहे हैं. सत्ताधारी दल के विधायक व नेता (Leaders on Rajasthan Bureaucracy) जिस तरह से राजस्थान की नौकरशाही पर सवाल उठाते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं, उससे सीएम अशोक गहलोत की चिंता बढ़ रही है. कांग्रेस के एक नहीं कई विधायक व आयोग के अध्यक्ष पुलिस महकमे, पीडब्ल्यूडी पर सवाल उठा चुके हैं. जबकि कई विधायक ब्यूरोक्रेसी की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा, गिर्राज सिंह मलिंगा, राजेंद्र बिधूड़ी जहां पुलिस महकमे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. वहीं, विधायक और देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष जोगिंदर अवाना ने पीडब्ल्यूडी महकमे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. आरोपों का सिलिसिला यहीं नहीं थमा. कांग्रेस विधायक व यूथ कांग्रेस अध्यक्ष गणेश घोघरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर विधायक ने ब्यूरोक्रेसी पर सवाल खड़े किए. इस मामले में विधायक रामलाल मीणा का उन्हें सहयोग मिला. कांग्रेस विधायक ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा भी ब्यूरोक्रेसी पर सवाल खड़े करते हुए विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी गृह विभाग को दे चुके हैं.

किसने क्या कहा सुनिए...

वहीं, एआईसीसी के सचिव धीरज गुर्जर भी ब्यूरोक्रेसी को लेकर सरकार को चेतावनी दे चुके हैं कि ब्यूरोक्रेसी किसी की नहीं होती है, वह विपक्ष के साथ मिलकर सरकार की कब्र खोद रही होती है. एक के बाक एक कांग्रेसी विधायक व नेताओं की ओर से नौकरशाही को लेकर उठाए जा रहे सवालों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मुश्किल में डाला हुआ है. हालात यह है कि नौकरशाही पर लगातार उठ रहे सवालों पर गहलोत सरकार के मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास को भी यह कहना पड़ा कि नौकरशाही का धर्म है कि वह विधायकों का सम्मान करे.

नौकरशाही पर सवाल उठाने के प्रमुख मामले :

विधायक गणेश घोघरा- डूंगरपुर में पट्टे नहीं देने पर जब विधायक और समर्थकों ने प्रदर्शन किया तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ. इसके बाद गणेश घोघरा ने न केवल विधायक पद से इस्तीफा दे दिया, बल्कि नौकरशाही पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

विधायक रामलाल मीना- गणेश घोघरा की नाराजगी में रामलाल मीना ने भी समर्थन दिया है.

विधायक दिव्या मदेरणा- कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने विधानसभा में ही पीएचइडी विभाग की नौकरशाही पर सवाल उठाते हुए यहां तक कह दिया था कि यह विभाग सचिव चला रहे हैं. मंत्री तो केवल रबर स्टाम्प हैं. उन्होंने विधानसभा में यहां तक कह दिया कि इसी नौकरशाही ने वसुंधरा राजे को बेहतरीन शासन देने के बावजूद विपक्ष में बैठाया और अब यही नौकरशाही कांग्रेस को भी विपक्ष में ले जाना चाहती है.

Leaders on Rajasthan Bureaucracy
नौकरशाही से परेशान सत्ताधारी दल के विधायक

विधायक गिर्राज मलिंगा- धौलपुर के बाड़ी में एईएन-जेईएन से मारपीट के मामले में न केवल कांग्रेस विधायक गिर्राज मलिंगा के ऊपर मुकदमा दर्ज हुआ. बल्कि उनकी गिरफ्तारी भी हुई. गिर्राज मलिंगा ने सीधे तौर पर पुलिस महकमे के मुखिया पर ही उन्हें फंसाने के आरोप लगा दिए.

विधायक जोगेंद्र अवाना- अपने क्षेत्र में सड़कों के खस्ताहाल होने पर जोगिंदर अवाना ने पीडब्ल्यूडी विभाग पर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए.

राजेन्द्र बिधूड़ी- कांग्रेस विधायक राजेंद्र विधूडी ने भी पुलिस महकमे पर गम्भीर आरोप लगाते हुए यहां तक कह दिया कि रीट के मामले में तो सरकार जांच सीबीआई को नहीं सौंपे. लेकिन डोडा पोस्ट के मामले की जांच तो करवाएं.

संयम लोढ़ा- संयम लोढ़ा निर्दलीय विधायक के साथ ही मुख्यमंत्री के सलाहकार हैं. ऐसे में संयम लोढ़ा ने जिस तरह से गृह विभाग और राजस्व विभाग को विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेजा है वह अपने आप में बड़े सवाल खड़े कर रहा है.

पढ़ें : Dheeraj Gurjar Big Statement : अधिकारी नहीं होते किसी के, कुर्सी बचाने के लिए विपक्ष से हाथ मिलाकर खोदते हैं सरकार की कब्र

धीरज गुर्जर- एआईसीसी के सचिव और प्रियंका गांधी के उत्तर प्रदेश में सहयोगी धीरज गुर्जर ने भी ट्वीट कर (Congress National Secretary Dheeraj on Officers) सरकार को नौकरशाही के प्रति सचेत किया है.

Dheeraj Gurjar Tweet
धीरज गुर्जर का ट्वीट...

डोटासरा बोले- विधायकों की शिकायत होगी तो लेंगे संज्ञानः विधायकों की नौकरशाहों के प्रति लगातार जताई जा रही नाराजगी पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि विधायिका और कार्यपालिका दोनों सिक्के के दो पहलू हैं. अगर किसी भी विधायक को या जनप्रतिनिधि को लगता है कि नौकरशाह सही से काम नहीं कर रहे हैं तो सरकार का कायदा होता है कि चाहे मुख्यमंत्री हों या मंत्री, इस पर संज्ञान लेते हैं.

मंत्री प्रताप बोले- ब्यूरोक्रेसी जान ले, विधायकों का सम्मान उनकी जिम्मेदारीः उधर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी लगातार नौकरशाही की मिल रही शिकायतों को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि विधायक और जनप्रतिनिधियों का सम्मान करना नौकरशाहों की जिम्मेदारी होती है. इसमें किसी तरीके की कोताही किसी नौकरशाह को नहीं बरतनी चाहिए.

अब चांदना ने जताई नाराजगी : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सबसे पावरफुल मंत्रियों में से एक अशोक चांदना अपने विभाग में नौकरशाही के दखल से नाराजगी जाहिर करते हुए ट्वीट किया. ट्वीट कर उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत से खुद को मंत्री पद से मुक्त करने और चार्ज कुलदीप राका को देने की बात कही है.

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है, लेकिन इस सरकार की मुश्किलें अपने ही बढ़ा रहे हैं. सत्ताधारी दल के विधायक व नेता (Leaders on Rajasthan Bureaucracy) जिस तरह से राजस्थान की नौकरशाही पर सवाल उठाते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं, उससे सीएम अशोक गहलोत की चिंता बढ़ रही है. कांग्रेस के एक नहीं कई विधायक व आयोग के अध्यक्ष पुलिस महकमे, पीडब्ल्यूडी पर सवाल उठा चुके हैं. जबकि कई विधायक ब्यूरोक्रेसी की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा, गिर्राज सिंह मलिंगा, राजेंद्र बिधूड़ी जहां पुलिस महकमे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. वहीं, विधायक और देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष जोगिंदर अवाना ने पीडब्ल्यूडी महकमे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. आरोपों का सिलिसिला यहीं नहीं थमा. कांग्रेस विधायक व यूथ कांग्रेस अध्यक्ष गणेश घोघरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर विधायक ने ब्यूरोक्रेसी पर सवाल खड़े किए. इस मामले में विधायक रामलाल मीणा का उन्हें सहयोग मिला. कांग्रेस विधायक ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा भी ब्यूरोक्रेसी पर सवाल खड़े करते हुए विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी गृह विभाग को दे चुके हैं.

किसने क्या कहा सुनिए...

वहीं, एआईसीसी के सचिव धीरज गुर्जर भी ब्यूरोक्रेसी को लेकर सरकार को चेतावनी दे चुके हैं कि ब्यूरोक्रेसी किसी की नहीं होती है, वह विपक्ष के साथ मिलकर सरकार की कब्र खोद रही होती है. एक के बाक एक कांग्रेसी विधायक व नेताओं की ओर से नौकरशाही को लेकर उठाए जा रहे सवालों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मुश्किल में डाला हुआ है. हालात यह है कि नौकरशाही पर लगातार उठ रहे सवालों पर गहलोत सरकार के मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास को भी यह कहना पड़ा कि नौकरशाही का धर्म है कि वह विधायकों का सम्मान करे.

नौकरशाही पर सवाल उठाने के प्रमुख मामले :

विधायक गणेश घोघरा- डूंगरपुर में पट्टे नहीं देने पर जब विधायक और समर्थकों ने प्रदर्शन किया तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ. इसके बाद गणेश घोघरा ने न केवल विधायक पद से इस्तीफा दे दिया, बल्कि नौकरशाही पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

विधायक रामलाल मीना- गणेश घोघरा की नाराजगी में रामलाल मीना ने भी समर्थन दिया है.

विधायक दिव्या मदेरणा- कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने विधानसभा में ही पीएचइडी विभाग की नौकरशाही पर सवाल उठाते हुए यहां तक कह दिया था कि यह विभाग सचिव चला रहे हैं. मंत्री तो केवल रबर स्टाम्प हैं. उन्होंने विधानसभा में यहां तक कह दिया कि इसी नौकरशाही ने वसुंधरा राजे को बेहतरीन शासन देने के बावजूद विपक्ष में बैठाया और अब यही नौकरशाही कांग्रेस को भी विपक्ष में ले जाना चाहती है.

Leaders on Rajasthan Bureaucracy
नौकरशाही से परेशान सत्ताधारी दल के विधायक

विधायक गिर्राज मलिंगा- धौलपुर के बाड़ी में एईएन-जेईएन से मारपीट के मामले में न केवल कांग्रेस विधायक गिर्राज मलिंगा के ऊपर मुकदमा दर्ज हुआ. बल्कि उनकी गिरफ्तारी भी हुई. गिर्राज मलिंगा ने सीधे तौर पर पुलिस महकमे के मुखिया पर ही उन्हें फंसाने के आरोप लगा दिए.

विधायक जोगेंद्र अवाना- अपने क्षेत्र में सड़कों के खस्ताहाल होने पर जोगिंदर अवाना ने पीडब्ल्यूडी विभाग पर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए.

राजेन्द्र बिधूड़ी- कांग्रेस विधायक राजेंद्र विधूडी ने भी पुलिस महकमे पर गम्भीर आरोप लगाते हुए यहां तक कह दिया कि रीट के मामले में तो सरकार जांच सीबीआई को नहीं सौंपे. लेकिन डोडा पोस्ट के मामले की जांच तो करवाएं.

संयम लोढ़ा- संयम लोढ़ा निर्दलीय विधायक के साथ ही मुख्यमंत्री के सलाहकार हैं. ऐसे में संयम लोढ़ा ने जिस तरह से गृह विभाग और राजस्व विभाग को विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेजा है वह अपने आप में बड़े सवाल खड़े कर रहा है.

पढ़ें : Dheeraj Gurjar Big Statement : अधिकारी नहीं होते किसी के, कुर्सी बचाने के लिए विपक्ष से हाथ मिलाकर खोदते हैं सरकार की कब्र

धीरज गुर्जर- एआईसीसी के सचिव और प्रियंका गांधी के उत्तर प्रदेश में सहयोगी धीरज गुर्जर ने भी ट्वीट कर (Congress National Secretary Dheeraj on Officers) सरकार को नौकरशाही के प्रति सचेत किया है.

Dheeraj Gurjar Tweet
धीरज गुर्जर का ट्वीट...

डोटासरा बोले- विधायकों की शिकायत होगी तो लेंगे संज्ञानः विधायकों की नौकरशाहों के प्रति लगातार जताई जा रही नाराजगी पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि विधायिका और कार्यपालिका दोनों सिक्के के दो पहलू हैं. अगर किसी भी विधायक को या जनप्रतिनिधि को लगता है कि नौकरशाह सही से काम नहीं कर रहे हैं तो सरकार का कायदा होता है कि चाहे मुख्यमंत्री हों या मंत्री, इस पर संज्ञान लेते हैं.

मंत्री प्रताप बोले- ब्यूरोक्रेसी जान ले, विधायकों का सम्मान उनकी जिम्मेदारीः उधर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी लगातार नौकरशाही की मिल रही शिकायतों को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि विधायक और जनप्रतिनिधियों का सम्मान करना नौकरशाहों की जिम्मेदारी होती है. इसमें किसी तरीके की कोताही किसी नौकरशाह को नहीं बरतनी चाहिए.

अब चांदना ने जताई नाराजगी : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सबसे पावरफुल मंत्रियों में से एक अशोक चांदना अपने विभाग में नौकरशाही के दखल से नाराजगी जाहिर करते हुए ट्वीट किया. ट्वीट कर उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत से खुद को मंत्री पद से मुक्त करने और चार्ज कुलदीप राका को देने की बात कही है.

Last Updated : May 26, 2022, 10:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.