जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने देवली-उनियारा विधानसभा सीट के उपचुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा की ओर से एसडीएम से मारपीट के बाद समरावता में हुए उपद्रव को लेकर दर्ज एफआईआर की केस डायरी तलब की है. जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने यह आदेश नरेश मीणा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता डॉ महेश शर्मा और अधिवक्ता फतेह राम मीणा ने बताया कि उपचुनाव के दौरान एसडीएम से मारपीट के आरोप में याचिकाकर्ता को गिरफ्तार किया गया था. वहीं बाद में पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच गतिरोध बना था. इस पर टोंक के नगरफोर्ट थाना पुलिस ने याचिकाकर्ता सहित दर्जनों अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. याचिका में कहा गया कि घटना के समय याचिकाकर्ता पुलिस अभिरक्षा में था. ऐसे में वह लोगों को कैसे उकसा सकता है. इसके अलावा प्रकरण में 18 आरोपियों की टोंक के सेशन कोर्ट से जमानत अर्जी मंजूर हो चुकी है, जबकि हाईकोर्ट ने भी करीब 40 आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए.
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इसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता पर करीब दो दर्जन केस हैं. ऐसे में उसे जमानत नहीं दी जानी चाहिए. इस पर याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि उसके खिलाफ दर्ज 11 मामले तय हो चुके हैं और अन्य लंबित मामले प्रदर्शन को लेकर हैं. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने मामले में केस डायरी तलब करते हुए मामले की सुनवाई एक सप्ताह बाद तय की है. गौरतलब है कि पिछले साल 13 नवंबर को देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने एसडीएम से मारपीट की थी. नरेश मीणा को हिरासत में लेने के दौरान उसके समर्थकों ने प्रदर्शन और आगजनी की थी. इस पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.