जयपुर. राजस्थान में एक बार फिर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट की नाराजगी की बातें सामने आने लगी हैं. सचिन पायलट 14 मई को ही कह चुके हैं कि अब कोई कारण नहीं है कि राजनीतिक उठापटक के समय उनसे कांग्रेस आलाकमान ने जो वादे किए थे उन्हें पूरा करने में अब और समय लगे.
पायलट का सीधे तौर पर इशारा कैबिनेट एक्सपेंशन, राजनीतिक नियुक्तियों में उनके कैंप से जुड़े नेताओं को शामिल करने की मांग थी. लेकिन कमेटी ने 11 महीने बीत जाने के बाद भी कोई निर्णय नहीं किया है. ऐसे में पायलट कैंप का असंतोष दिखने लगा है. खुद पायलट भी इसे लेकर नाराजगी जता चुके हैं. तो अब हर किसी की नजर 11 जून को सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर दौसा में होने वाले कार्यक्रम पर है.
यह तो साफ है कि इस कार्यक्रम में पायलट कैंप के विधायक मौजूद रहेंगे. लेकिन पायलट कैंप के अलावा इस कार्यक्रम में और कौन शामिल होगा, इस पर भी निगाहें होंगी. दरअसल हर साल 11 जून को दौसा में राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर बड़ा कार्यक्रम होता है. जिसमें बड़ी संख्या में विधायक और मंत्री भी पहुंचते हैं. लेकिन राजस्थान में हुई राजनीतिक उठापटक के बाद यह पहला मौका होगा जब राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर सचिन पायलट दौसा पहुंचेंगे.
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दौसा में राजेश पायलट की पुण्यतिथि के कार्यक्रम में सचिन पायलट कैंप के तो ज्यादातर विधायक मौजूद रहने की संभावना है. लेकिन पायलट कैंप के अलावा कितने विधायक इस कार्यक्रम में पहुंचते हैं. इस पर हर किसी की नजर होगी. दरअसल राजेश पायलट की पुण्यतिथि के कार्यक्रम को सचिन पायलट के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है. सचिन पायलट कैंप के विधायकों के साथ ही राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर पूर्वी राजस्थान के साथ ही गुर्जर बाहुल्य इलाकों से आने वाले विधायक भी पहुंचते हैं. पिछले साल भी प्रदेश में हुई राजनीतिक उठापटक से ठीक एक महीना पहले हुए कार्यक्रम में मंत्रियों समेत करीब 30 विधायक पहुंचे थे.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन भी 11 जून को
11 जून को एक तरफ राजेश पायलट की पुण्यतिथि है तो दूसरी तरफ 11 जून को ही कांग्रेस पार्टी की ओर से पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र सकार के खिलाफ कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन होगा. ऐसे में चाहे पायलट कैंप के ही विधायक क्यों न हों, उनके सामने दुविधा हो गई है कि वे पार्टी का कार्यक्रम छोड़कर राजेश पायलट की पुण्यतिथि में कैसे पहुंचे ?
जुलाई 2020 में राजनीतिक उठापटक, कमेटी ने नहीं दिया कोई निर्णय
राजस्थान में पिछले साल जुलाई के महीने में राजनीतिक उठापटक हुई थी. सचिन पायलट समेत 19 विधायक नाराज होकर मानेसर चले गए थे. इसे पायलट समेत उन विधायकों की बगावत मानी गई. इसके चलते सचिन पायलट को उनका प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री का पद, रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह को कैबिनेट मंत्री पद से बर्खास्त किया गया था. राकेश पारीक को सेवादल प्रदेश अध्यक्ष और मुकेश भाकर को यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से बर्खास्त किया गया था. करीब 1 महीने तक गहलोत कैंप के विधायक होटल में बाड़े बंदी में रहे थे और पायलट कैंप के विधायक मानेसर में.
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इस मामले में प्रियंका गांधी ने मध्यस्था की और एक 3 सदस्य कमेटी का गठन किया. जिसे सचिन पायलट कैंप के मामले को देखने की जिम्मेदारी दी गई. लेकिन पहले कमेटी के एक मेंबर अहमद पटेल का निधन हो गया और उसके बाद 11 महीने हो जाने पर भी इस कमेटी ने कोई फैसला नहीं दिया है. ऐसे में सचिन पायलट एक बार फिर नाराज बताए जा रहे हैं. वह अब कमेटी पर नाराजगी भी जाहिर कर रहे हैं.
जुलाई में हो सकता है कैबिनेट एक्सपेंशन
राजस्थान में पायलट कैंप के विधायक कैबिनेट विस्तार नहीं होने के कारण नाराज हैं. माना जा रहा है कि राजस्थान में जुलाई में कैबिनेट विस्तार हो सकता है. सरकार के ढाई साल भी पूरे हो गए हैं. पायलट कैंप के अलावा गहलोत कैंप के भी बड़ी तादाद में विधायक ऐसे हैं जो अपने लिए कैबिनेट विस्तार में जगह चाहते हैं.
ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर न केवल सचिन पायलट कैंप का बल्कि अपने विधायकों का भी दबाव है कि वे कैबिनेट विस्तार करें. उम्मीद जताई जा रही है कि जुलाई या अगस्त महीने में कैबिनेट विस्तार कर दिया जाएगा. हालांकि अभी तक राजेश पायलट की पुण्यतिथि के कार्यक्रम के लिए सचिन पायलट की ओर से किसी को फोन नहीं किए गए हैं. लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि उनके समर्थक विधायक और समर्थक नेता स्वेच्छा से ही इस कार्यक्रम में पहुंचेंगे.