जयपुर. राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET) पेपर आउट पर राजस्थान में बवाल (Rucks in Rajasthan on Reet) मचा है. सरकार ने शनिवार को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली को बर्खास्त कर दिया है. जबकि सचिव अरविंद सेंगवा को निलंबित किया है. REET के कॉर्डिनेटर प्रदीप पाराशर को एसओजी ने हिरासत में लिया है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा के आगामी बजट सत्र में भर्ती परीक्षाओं में नकल और पेपर आउट को लेकर कड़े कानून लाने और एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर भविष्य में पेपर आउट की घटनाओं को रोकने की घोषणा कर दी है. हालांकि, परीक्षा होने से पहले ही REET-2021 विवादों में रही है. पांच बार रद्द होने के बाद आखिरकार 26 सितंबर 2021 को REET का आयोजन हुआ.
26 लाख अभ्यर्थी पंजीकृतः दरअसल, 26 सितंबर को हुई REET में करीब 26 लाख अभ्यर्थी पंजीकृत थे. इसके माध्यम से ही प्रदेश में 32 हजार अध्यापकों की भर्ती होनी है. इस परीक्षा को कराने के लिए सरकार ने मीटिंग दर मीटिंग ली. अधिकारियों को तमाम निर्देश जारी किए गए. नकल रोकने के लिए इंटरनेट तक पर पाबंदी लगा दी. लेकिन सरकार के तमाम उपायों के बाद भी इस परीक्षा के पेपर लीक हो गए. इस मामले में एसओजी जांच कर रही है. पेपर लीक प्रकरण ने जहां सरकार की जमकर फजीहत कराई. वहीं भाजपा को आक्रमक होकर सरकार पर हमले करने का मौका दे दिया है. इस मामले में अभी जांच जारी है.
यूं समझे रीट प्रकरण को
दिसंबर 2019 में राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET) की घोषणा हुई. दो साल में पांच बार स्थगित होने के बाद आखिरकार 26 सितंबर को REET का आयोजन हुआ. नकल रोकने के लिए इंटरनेट बंद किया गया. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. बीकानेर में चप्पल में नकल के लिए डिवाइस फिट करके 25 लोगों को डेढ़ करोड़ रुपए में यह डिवाइस बेची गई.
परीक्षा से ठीक एक दिन पहले 24 सितंबर 2021 को बाड़मेर पुलिस ने दो सरकारी शिक्षकों को गिरफ्तार कर 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया. इन पर अंसार की के साथ पेपर देकर डमी कैंडिडेट्स को परीक्षा केंद्र पर भेजने की तैयारी करने का आरोप है.
सवाई माधोपुर के गंगापुर सिटी में परीक्षा से पहले मोबाइल पर पेपर आने पर एक कांस्टेबल और हैडकांस्टेबल को निलंबित किया गया. परीक्षा के साथ ही पेपर आउट के आरोप लगे. एक आरएएस, एक डीईओ, 2 आरपीएस और 12 शिक्षक सहित 20 कार्मिक निलंबित हुए.
सरकार के पूर्व मंत्री और बोर्ड अध्यक्ष रहे निशाने पर
पेपर आउट के आरोपों के चलते अधिकारियों-कर्मचारियों के निलंबन के बाद तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा और बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारोली विपक्ष के निशाने पर आ गए. पेपर आउट को लेकर विवाद बढ़ने पर नोडल एजेंसी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली ने कहा था कि पेपर आउट होना साबित होने पर पद और जीवनभर की कमाई छोड़ देंगे.
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एसओजी का एक्शन हुआ शुरू
शुरुआत में पेपर आउट गिरोह का मास्टरमाइंड बत्तीलाल उर्फ विकास मीना को माना गया. उसे एक साथी शिवा के साथ 10 अक्टूबर 2021 को केदारनाथ से गिरफ्तार किया गया. बत्तीलाल से मिली जानकारी के आधार पर एसओजी ने 11 अक्टूबर को पृथ्वीराज और दो अन्य साथियों को आगरा से गिरफ्तार किया गया. पृथ्वीराज मनरेगा में जेटीओ था. भाजपा सांसद किरोड़ीलाल मीना ने 18 अक्टूबर को एसओजी को पत्र लिखा. इसमें दावा किया कि पेपर शिक्षा संकुल से ही आउट हुए है. बत्तीलाल और पृथ्वीराज से पूछताछ में पता चला कि इन्हें पेपर भजनलाल से मिला था. उसने 30-40 लाख रुपए में पेपर बेचा था. एसओजी लगातार भजनलाल की तलाश में लगी रही.
लंबी खामोशी के बाद यह मामला फिर सुर्खियों में आया जब भजनलाल 20 जनवरी 2022 को गुजरात से एसओजी की गिरफ्त में आया. भजनलाल से पूछताछ में खुलासा हुआ कि पेपर शिक्षा संकुल से ही लीक हुआ था. एसओजी ने 27 जनवरी 2022 को रामकृपाल मीना और उदाराम को गिरफ्तार किया है. इन्होंने करीब सवा 2 करोड़ रुपए में भजनलाल से पेपर का सौदा किया था. इसके बाद एसओजी 27 जनवरी को ही अजमेर स्थित माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के कार्यालय जांच करने पहुंची और दस्तावेज जब्त किए. बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारोली से भी पूछताछ की गई.
गहलोत बोले कानून में बदलाव होगा
नकल और पेपर आउट को लेकर विवाद बढ़ने पर सीएम अशोक गहलोत ने 18 अक्टूबर को कहा कि कानून में बदलाव होगा. पेपर लीक और नकल करने या करवाने वालों को 7 साल की सजा होगी. अधिकारियों-कर्मचारियों को बर्खास्त करने का भी फैसला लिया गया.
सरकार का यह रहा एक्शन
28 जनवरी की आधी रात के बाद सीएम गहलोत ने बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली को बर्खास्त करने का फैसला लिया.
बोर्ड अध्यक्ष को बर्खास्त करने की खबर फैली तो 29 जनवरी को वे सीएम से मिलने अजमेर से जयपुर रवाना हो गए. कहा- बर्खास्तगी के आदेश नहीं मिले हैं.
29 जनवरी को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव अरविंद सेंगवा को निलंबित करने के आदेश कार्मिक विभाग ने और अध्यक्ष डीपी जारोली को बर्खास्त करने के आदेश शिक्षा विभाग ने जारी किए.
एबीवीपी ने राजीव गांधी स्टडी सेंटर को लेकर सीएम गहलोत और तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग पर गंभीर आरोप लगाए. 29 जनवरी को ही रीट के जयपुर जिला कॉर्डिनेटर प्रदीप पराशर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है.
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कोरोना गाइड लाइन के बहाने दबाया आंदोलन, अब फिर पकड़ेगा जोर
REET पेपर आउट की जांच सीबीआई से करवाने और पद बढ़ाने की मांग को लेकर युवाओं ने लंबे समय तक आंदोलन किए. राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने अनशन किया तो सीएपीएफ के सहायक कमांडेंट शौर्य चक्र विजेता विकास जाखड़ ने अपनी नौकरी से इस्तीफा देकर REET पेपर आउट को लेकर युवाओं की आवाज बुलंद करने की ठानी.
भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीना भी बेरोजगार युवाओं के समर्थन में शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे. हालांकि, इस साल की शुरुआत में कोरोना गाइड लाइन का हवाला देकर बेरोजगार युवाओं के आंदोलन को पुलिस ने खत्म करवा दिया. अब एसओजी के खुलासे के बाद एक बार फिर बेरोजगार अपनी आवाज बुलंद करने में जुटे हैं.