जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी में शिक्षकों को डिबार करने का मामला तूल पकड़ रहा है. एनएसयूआई ने शिक्षकों को पहले डिबार करने और फिर बहाल करने में मिलीभगत का आरोप लगाया है. साथ ही यूनिवर्सिटी गेट पर विरोध प्रदर्शन करते हुए लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की भी है.
प्रदेश प्रवक्ता रमेश भाटी ने बताया कि पहले शिक्षकों ने कॉपी जांचने सहित कई जगह पर लापरवाही बरती. इस पर कमेटी ने सिफारिश करके उनके खिलाफ एक्शन लेने पर को कहा लेकिन यूनिवर्सिटी कुलपति ने मिलीभगत करके शिक्षकों को वापस बहाल कर दिया है. जिन 120 शिक्षकों को लापरवाही पर परीक्षा कार्यों से बहिष्कृत किया था, उसमें 30 शिक्षक तो राजस्थान यूनिवर्सिटी और गवर्नमेंट कॉलेज के हैं. अब उस आदेशों को स्थगित कर दिया है. यूनिवर्सिटी का कहना है कि इसकी समीक्षा की जाएगी.
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विद्यार्थी है परेशान
राजस्थान यूनिवर्सिटी के इस सत्र के परिणाम आने के बाद 160500 विद्यार्थियों ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया है. इसके अलावा 5400 ने आरटीआई में कॉपी मांगी. इनकी जांच जब विशेषज्ञ ने कराई गई तो पता चला कि कई कॉपियों में नंबर देकर ठीक से जोड़ा नहीं, कई उत्तरों को बिना जांचे छोड़ दिया गया और कईओं के तो मार्कशीट में ही शून्य अंक दे दिया. जिसके बाद परीक्षा विभाग ने नंबर बढ़ाते हुए फिर रिजल्ट जारी किया था. इसमें 130 शिक्षकों की लापरवाही सामने आई थी, जिनमें से यूनिवर्सिटी ने 120 शिक्षकों को बहिष्कृत करने की लिस्ट निकाली थी लेकिन डिबार शिक्षकों को समीक्षा के नाम पर उनको रोक दिया गया.
भारत लॉ कॉलेज का स्टूडेंट महेश कायर ने बताया कि लॉ सेकंड ईयर के एक विषय में बैक आने से दोबारा पेपर दिया और पेपर बहुत अच्छा हुआ लेकिन जब मार्कशीट आई तो शून्य अंक दे दिए गए. महेश अपनी मार्कशीट लेकर यूनिवर्सिटी के चक्कर काट रहा है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. जिसके चलते अब महेश कॉपी का पुनर्मूल्यांकन करवाएंगे.