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राजस्थान यूनिवर्सिटी में इतनी बड़ी गफलत के बाद भी RU प्रशासन चुप...

राजस्थान यूनिवर्सिटी में शिक्षकों को डिबार करने का मामला तूल पकड़ रहा है. एनएसयूआई ने शिक्षकों को पहले डिबार करने और फिर बहाल करने में मिलीभगत का आरोप लगाया है. साथ ही शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

जयपुर की खबर, jaipur news
इतनी बड़ी गफलत के बाद भी RU प्रशासन चुप
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Published : Feb 6, 2020, 7:18 PM IST

जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी में शिक्षकों को डिबार करने का मामला तूल पकड़ रहा है. एनएसयूआई ने शिक्षकों को पहले डिबार करने और फिर बहाल करने में मिलीभगत का आरोप लगाया है. साथ ही यूनिवर्सिटी गेट पर विरोध प्रदर्शन करते हुए लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की भी है.

इतनी बड़ी गफलत के बाद भी RU प्रशासन चुप

प्रदेश प्रवक्ता रमेश भाटी ने बताया कि पहले शिक्षकों ने कॉपी जांचने सहित कई जगह पर लापरवाही बरती. इस पर कमेटी ने सिफारिश करके उनके खिलाफ एक्शन लेने पर को कहा लेकिन यूनिवर्सिटी कुलपति ने मिलीभगत करके शिक्षकों को वापस बहाल कर दिया है. जिन 120 शिक्षकों को लापरवाही पर परीक्षा कार्यों से बहिष्कृत किया था, उसमें 30 शिक्षक तो राजस्थान यूनिवर्सिटी और गवर्नमेंट कॉलेज के हैं. अब उस आदेशों को स्थगित कर दिया है. यूनिवर्सिटी का कहना है कि इसकी समीक्षा की जाएगी.

पढ़ें- बिड़ला ऑडिटोरियम से 'ऐ मेरे वतन के लोगों' सुर संगम कार्यक्रम LIVE

विद्यार्थी है परेशान

राजस्थान यूनिवर्सिटी के इस सत्र के परिणाम आने के बाद 160500 विद्यार्थियों ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया है. इसके अलावा 5400 ने आरटीआई में कॉपी मांगी. इनकी जांच जब विशेषज्ञ ने कराई गई तो पता चला कि कई कॉपियों में नंबर देकर ठीक से जोड़ा नहीं, कई उत्तरों को बिना जांचे छोड़ दिया गया और कईओं के तो मार्कशीट में ही शून्य अंक दे दिया. जिसके बाद परीक्षा विभाग ने नंबर बढ़ाते हुए फिर रिजल्ट जारी किया था. इसमें 130 शिक्षकों की लापरवाही सामने आई थी, जिनमें से यूनिवर्सिटी ने 120 शिक्षकों को बहिष्कृत करने की लिस्ट निकाली थी लेकिन डिबार शिक्षकों को समीक्षा के नाम पर उनको रोक दिया गया.

भारत लॉ कॉलेज का स्टूडेंट महेश कायर ने बताया कि लॉ सेकंड ईयर के एक विषय में बैक आने से दोबारा पेपर दिया और पेपर बहुत अच्छा हुआ लेकिन जब मार्कशीट आई तो शून्य अंक दे दिए गए. महेश अपनी मार्कशीट लेकर यूनिवर्सिटी के चक्कर काट रहा है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. जिसके चलते अब महेश कॉपी का पुनर्मूल्यांकन करवाएंगे.

जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी में शिक्षकों को डिबार करने का मामला तूल पकड़ रहा है. एनएसयूआई ने शिक्षकों को पहले डिबार करने और फिर बहाल करने में मिलीभगत का आरोप लगाया है. साथ ही यूनिवर्सिटी गेट पर विरोध प्रदर्शन करते हुए लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की भी है.

इतनी बड़ी गफलत के बाद भी RU प्रशासन चुप

प्रदेश प्रवक्ता रमेश भाटी ने बताया कि पहले शिक्षकों ने कॉपी जांचने सहित कई जगह पर लापरवाही बरती. इस पर कमेटी ने सिफारिश करके उनके खिलाफ एक्शन लेने पर को कहा लेकिन यूनिवर्सिटी कुलपति ने मिलीभगत करके शिक्षकों को वापस बहाल कर दिया है. जिन 120 शिक्षकों को लापरवाही पर परीक्षा कार्यों से बहिष्कृत किया था, उसमें 30 शिक्षक तो राजस्थान यूनिवर्सिटी और गवर्नमेंट कॉलेज के हैं. अब उस आदेशों को स्थगित कर दिया है. यूनिवर्सिटी का कहना है कि इसकी समीक्षा की जाएगी.

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विद्यार्थी है परेशान

राजस्थान यूनिवर्सिटी के इस सत्र के परिणाम आने के बाद 160500 विद्यार्थियों ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया है. इसके अलावा 5400 ने आरटीआई में कॉपी मांगी. इनकी जांच जब विशेषज्ञ ने कराई गई तो पता चला कि कई कॉपियों में नंबर देकर ठीक से जोड़ा नहीं, कई उत्तरों को बिना जांचे छोड़ दिया गया और कईओं के तो मार्कशीट में ही शून्य अंक दे दिया. जिसके बाद परीक्षा विभाग ने नंबर बढ़ाते हुए फिर रिजल्ट जारी किया था. इसमें 130 शिक्षकों की लापरवाही सामने आई थी, जिनमें से यूनिवर्सिटी ने 120 शिक्षकों को बहिष्कृत करने की लिस्ट निकाली थी लेकिन डिबार शिक्षकों को समीक्षा के नाम पर उनको रोक दिया गया.

भारत लॉ कॉलेज का स्टूडेंट महेश कायर ने बताया कि लॉ सेकंड ईयर के एक विषय में बैक आने से दोबारा पेपर दिया और पेपर बहुत अच्छा हुआ लेकिन जब मार्कशीट आई तो शून्य अंक दे दिए गए. महेश अपनी मार्कशीट लेकर यूनिवर्सिटी के चक्कर काट रहा है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. जिसके चलते अब महेश कॉपी का पुनर्मूल्यांकन करवाएंगे.

Intro:जयपुर- राजस्थान यूनिवर्सिटी में शिक्षकों को डिबार करने का मामला तूल पकड़ रहा है। एनएसयूआई ने शिक्षकों को पहले डिबार करने और फिर बहाल करने में मिलीभगत का आरोप लगाया है साथ ही यूनिवर्सिटी गेट पर विरोध प्रदर्शन करते हुए लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। प्रदेश प्रवक्ता रमेश भाटी ने बताया कि पहले शिक्षकों ने कॉपी जांचने सहित कई जगह पर लापरवाही बरती, कमेटी ने सिफारिश करके उनके खिलाफ एक्शन लेने पर को कहा लेकिन यूनिवर्सिटी कुलपति ने मिलीभगत करके शिक्षकों को वापस बहाल कर दिया है।


Body:राजस्थान यूनिवर्सिटी में इतनी बड़ी गफलत के बाद भी आरयू प्रशासन चुप है। जिन 120 शिक्षकों को लापरवाही पर परीक्षा कार्यों से बहिष्कृत किया था उसमें 30 शिक्षक तो आर यू व गवर्नमेंट कॉलेज के हैं। अब उस आदेशों को स्थगित कर दिया है। यूनिवर्सिटी का कहना है कि इसकी समीक्षा की जाएगी।

विद्यार्थी परेशान
राजस्थान यूनिवर्सिटी का इस सत्र का परिणाम आने के बाद 1,60, 500 विद्यार्थियों ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया है। इसके अलावा 5400 ने आरटीआई में कॉपी मांगी। इनकी जांच जब विशेषज्ञ ने कराई गई तो पता चला कि कई कॉपियों में नंबर देकर ठीक से जोड़ा नहीं, कई उत्तरों को बिना जांचे छोड़ दिया गया और कईओ को मार्कशीट में ही शून्य अंक दे दिया। परीक्षा विभाग ने नंबर बढ़ाते हुए फिर रिजल्ट जारी किया था। इसमें 130 शिक्षकों की लापरवाही सामने आई थी जिनमें से यूनिवर्सिटी ने 120 शिक्षकों को बहिष्कृत करने की लिस्ट निकाली थी लेकिन डिबार शिक्षकों को समीक्षा के नाम पर उनको रोक दिया गया।

भारत लॉ कॉलेज का स्टूडेंट महेश कायर ने बताया कि लॉ सेकंड ईयर के एक विषय में बैक आने से दोबारा पेपर दिया और पेपर बहुत अच्छा हुआ लेकिन जब मार्कशीट आयी तो शून्य अंक दे दिए गए। महेश अपनी मार्कशीट लेकर यूनिवर्सिटी के चक्कर काट रहा है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है जिसके चलते अब महेश कॉपी का पुनर्मूल्यांकन करवाएंगे।

बाईट- रमेश भाटी, प्रवक्ता, एनएसयूआई
बाईट- महेश कायर, पीड़ित स्टूडेंट


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