जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल व्याख्याता भर्ती-2024 में भूगोल विषय के लिए रीढ़ की हड्डी से दिव्यांग व्यक्तियों को आरक्षण का लाभ देने का निर्देश दिया है. यह आदेश जस्टिस समीर जैन ने विकास चौधरी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया. अदालत ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार के दिव्यांग आरक्षण संबंधी प्रावधान राज्य सरकार पर स्वत: लागू होते हैं और इसके लिए राज्य सरकार को अलग से निर्देश जारी करने की आवश्यकता नहीं है.
क्या है मामला ? : याचिकाकर्ता के वकील हरेन्द्र नील ने अदालत को बताया कि RPSC ने 25 अक्टूबर को भूगोल विषय के 210 पदों के लिए भर्ती विज्ञापन जारी किया। इसमें दिव्यांग वर्ग के लिए आरक्षित पदों में रीढ़ की हड्डी से दिव्यांग व्यक्तियों को शामिल नहीं किया गया. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता 45% दिव्यांगता से ग्रसित है और दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत केंद्र सरकार ने 2022 में अधिसूचना जारी कर इस वर्ग को आरक्षण का पात्र माना है. इसके बावजूद राज्य सरकार ने इसे भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं किया.
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता बी.एस. छाबा ने दलील दी कि दिव्यांग अधिनियम के तहत केंद्र और राज्य सरकारें अपने-अपने नियम बनाने के लिए स्वतंत्र हैं. राज्य सरकार ने 2018 में बनाए गए नियमों में रीढ़ की हड्डी से संबंधित दिव्यांगता को आरक्षण के तहत शामिल नहीं किया है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार के आरक्षण प्रावधान राज्य सरकार पर स्वत: लागू होते हैं. अदालत ने RPSC को निर्देश दिया कि रीढ़ की हड्डी से दिव्यांग अभ्यर्थियों को भी दिव्यांग वर्ग में शामिल कर आरक्षण का लाभ दिया जाए.