जयपुर. परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार का खेल कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन अब यह खेल खुलकर परिवहन आयुक्त रवि जैन के सामने भी आ गया है. परिवहन आयुक्त रवि जैन 5 दिसम्बर सड़क मार्ग से भरतपुर जा रहे थे, तभी उन्हें एक ओवर हाइट का ट्रक दिखा. उन्होंने जब ट्रक ड्राइवर से पूछे, तो 30 हजार के चालन के बदले 2000 का चालान काटने का मामला सामने आया था. इसके बाद परिवहन आयुक्त ने अधिकारियों को नोटिस जारी करें है. परिवहन आयुक्त रवि जैन ने बताया कि इस मामले के सामने आ जाने के बाद ब्यावर डीटीओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है.
परिवहन आयुक्त रवि जैन की ओर से यह नोटिस जारी किया गया है. कम राशि का चालान कर ट्रक को छोड़ने का प्रकरण सामने आने के बाद नोटिस जारी किया गया है. नियम की बात की जाए तो नियम के अनुसार चालान करीब 30 हजार रुपए का होना था, जिससे विभाग को राजस्व भी मिलता है, जबकि परिवहन निरीक्षक ने 2000 रुपए का पोलूशन का चालान कर उसे छोड़ दिया था.
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आयुक्त ने उनसे 3 दिन में जवाब मांगा है, वहीं जवाब पर संतुष्टि नहीं पाई जाएगी तो परिवहन आयुक्त रवि जैन के द्वारा संबंधित डीटीओ के खिलाफ भी एक कार्रवाई की जा सकती है. इसके साथ ही आयुक्त रवि जैन अब खुद इंस्पेक्टर के द्वारा की जाने वाली कार्रवाई की मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं. आयुक्त ने सभी इंस्पेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में अब जो भी कार्रवाई की जाए, उसकी डिटेल उनके व्हाट्सएप पर भेजी जाएगी. यदि ऐसे में अब को एक गड़बड़ी पाई जाएगी तो उसके खिलाफ भी परिवहन आयुक्त रवि जैन के द्वारा कार्रवाई की जाएगी.
जानिए क्या था मामला
बता दें कि परिवहन आयुक्त रवि जैन न्यायालय में पेशी के लिए वैर जा रहे थे, आयुक्त ने जब भरतपुर के लुधवाई टोल प्लाजा पर ट्रक को देखा तो, ट्रक ओवर हाइट था और ट्रक का एक्सेल भी उठा हुआ था. फिर परिवहन आयुक्त रवि जैन के द्वारा तत्काल रूप से ट्रक को रुकवाया गया और उसके जब चालान काटने की बारी आई, तो उसके द्वारा आयुक्त रवि जैन को एक इंस्पेक्टर के द्वारा 2000 रुपए की लेने की बात भी कही गई. इसको लेकर परिवहन आयुक्त रवि जैन भी काफी नाराज हुए.
इस प्रकार और ओवर हाइट का 20 हजार रुपए का चालक करना था और एक्सेल उठा होने का 5000 रुपए और रिफ्लेक्टर टेप नहीं होने के चलते भी इसका 5000 रुपए का चालान करना था. ऐसे में ट्रक का कुल परिवहन विभाग के इंस्पेक्टर के द्वारा 30 हजार रुपए का चालान करना था, लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारियों के द्वारा चालान कार्रवाई नहीं करते हुए वहां पर भ्रष्टाचार का खेल खेला गया है.