जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजस्थान मुख्यालय भारती भवन में भी 73वें गणतंत्र दिवस समारोह संपन्न हुआ. यहां आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य हस्तीमल ने झंडारोहण कर (Flag Hoisting in Jaipur) देश और प्रदेश वसियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी. साथ ही कांग्रेस के उन नेताओं के आरोपों पर भी पलटवार किया, जो कहते हैं कि संघ कार्यालय में तिरंगा झंडा नहीं लगाया जाता. इस अवसर पर हस्तीमल ने कहा कि गणतंत्र दिवस भारत की आत्मा का प्रकटीकरण है. गणतंत्र भारत की ही पुरानी परंपरा है. बहुत पहले से भारत के विभिन्न राज्यों में गणतंत्र व्यवस्था थी.
बड़ी प्रसन्नता का विषय है कि देश में गणतंत्र की पुनर्स्थापना हुई है. उन्होंने कहा कि जहां तक तिरंगे ध्वज का विषय है, वर्ष 1930 में 26 जनवरी को स्वयं डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने सभी शाखाओं को परिपत्र भेजा कि कांग्रेस ने देर से ही सही, पूर्ण स्वातंत्र्य की मांग स्वीकार कर ली है. अतः संघ की सभी शाखाओं पर ध्वज लगाकर इसका अभिनंदन किया जाए और इसे समाचार पत्रों में भी दिया जाए. हस्तीमल ने कहा कि यह साल 1930 की बात है, लेकिन आश्चर्य है कि कुछ लोग कहते हैं कि संघ में ध्वज (RSS Replied to Congress and CM Gehlot) अब लगना शुरू हुआ है.
कांग्रेस स्वयं अपने बारे में सोचे कि 1885 में कांग्रेस बनी और 45 वर्ष बाद उसने पूर्ण स्वातंत्र्य की मांग स्वीकार की. इतनी सी बात स्वीकारने में उन्हें 45 वर्ष लग गए. भारती भवन में हुए इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य (Jaipur Republic Day Celebration) हस्तीमल के साथ ही क्षेत्र प्रौढ़ कार्य प्रमुख कैलाश, वरिष्ठ प्रचारक सत्यनारायण, महेश गुप्ता और अन्य स्वयंसेवक उपस्थित थे. गौरतलब है पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा था कि संघ मुख्यालय कानपुर में राष्ट्रीय ध्वज भी नहीं लगाया जाता. माना जा रहा है कि वरिष्ठ प्रचारक हस्तीमल ने सीएम के उसी बयान पर पलटवार किया है.