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Royal Family Property Matter: जयपुर के पूर्व राजघराने को कुछ विवाद सुलझे, कुछ अब भी कोर्ट में लंबित

जयपुर के पूर्व राजघराने के बीच जयमहल पैलेस और रामबाग होटल की संपत्ति को लेकर चल रहा विवाद (Royal Family Property Matter) सुलझ गया है लेकिन कुछ मामलों का निपटारा होना अभी भी बाकी है. मामले कोर्ट में लंबित चल रहे हैं.

Royal Family Property Matter
पूर्व राजघराने के विवाद अब भी अनसुलझे
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Published : Dec 22, 2021, 4:42 PM IST

जयपुर. जयमहल पैलेस और रामबाग होटल की संपत्ति को लेकर जयपुर के पूर्व राजघराने के बीच ​कानूनी विवाद (Royal Family Property Matter) का पटाक्षेप गत दिनों हो गया, लेकिन अभी भी परिवार के सदस्यों के बीच विभिन्न संपत्तियों को लेकर मुकदमे (many issues still in court of jaipur Royal Family) लंबित हैं.

दोनों होटल के शेयरों के मामले में दिवंगत गायत्री देवी के पोते देवराज और पोती लालित्य का साथ ही पृथ्वीराज सिंह के पुत्र विजित सिंह समेत सभी पक्षकारों ने कोर्ट के बाहर समझौता कर लिया है. इस समझौते के अनुसार गायत्री देवी के पोते देवराज सिंह और पोती लालित्या कुमारी को जयमहल पैलेस का पूरा मालिकाना हक मिलेगा. बदले में दोनों को रामबाग पैलेस में से उनके पिता की हिस्सेदारी छोड़नी होगी.

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इसी तरह जयसिंह, दिवंगत पृथ्वीराज सिंह के पुत्र विजित सिंह को रामबाग प्राइवेट लिमिटेड में पूरी हिस्सेदारी मिलेगी. जयसिंह और विजित सिंह जयमहल से अपने शेयर छोड़ेंगे. दोनों पक्ष इस पर सहमत हो गए हैं.

पूर्व राजपरिवार में प्रॉपर्टी के बंटवारे को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आर्बिट्रेटर और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस कुरियन जोसेफ मध्यस्थता में हुए समझौते को मान्य करते हुए देवराज और अन्य की अपील को निस्तारित कर दिया. आपसी समझौते के अनुसार देवराज और लालित्य का रामबाग होटल की मालिकाना हक वाली कंपनी रामबाग पैलेस प्राइवेट लिमिटेड में कोई शेयर नहीं होगा. जबकि जयमहल पैलेस प्राइवेट लिमिटेड में जय सिंह, दिवंगत पृथ्वीराजसिंह और उनके पुत्र विजित सिंह की कोई हिस्सेदारी नहीं रहेगी.

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समझौते के अनुसार देवराज और लालित्य को रामबाग पैलेस में अपने पिता के 4.74 फीसदी शेयर छोड़ने होंगे. रामबाग पैलेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में रामबाग पैलेस होटल, रामगढ़ लॉज और सवाई माधोपुर शटिंग लॉज शामिल हैं. अब समझौते के बाद इस पर समझौते के बाद देवराज और लालित्य का कोई हिस्सा नहीं रहेगा.

दोनों पक्ष कंपनी लॉ बोर्ड में नए सिरे से दस्तावेज पेश करेंगे

पूर्व राजपरिवार से जुड़े दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते को अब लागू करवाना भी आर्ब्ट्रिेटर की जिम्मेदारी है. दोनों पक्षों में से अब कोई कोर्ट नहीं जाएगा. कोर्ट के बाहर हुए इस समझौते के बाद जयमहल और रामबाग के शेयर होल्डिंग पैटर्न में होने वाले बदलाव की जानकारी कंपनी लॉ बोर्ड को देनी होगी. समझौते को धरातल तक आने में अभी करीब दो महीने का समय लगने की संभावना है.

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टाटा ग्रुप की कंपनी चला रही दोनों होटल

रामबाग पैलेस होटल और जसयमहल पैलेस दोनों ही अभी टाटा ग्रुप की कंपनी इंडियन होटल्स लिमिटेड चला रही है. कंपनी लॉ बोर्ड से नए मालिकाना हक और शेयर होल्डिंग पैटर्न का सर्टिफिकेट जारी होने के बाद नए सिरे से कॉन्ट्रैक्ट भी करना होगा. दोनों कंपनियों के शेयर होल्डर्स की बैठक बुलाने सहित कई तजरह की औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी. रामबाग और जयमहल को लेकर टाटा के साथ नए सिरे से करार होगा.

इन संपत्तियों का विवाद लंबित

रामबाग होटल और पूर्व राजपरिवार के सदस्य विजित सिंह के वकील रामजी लाल ने बताया कि अभी भी दोनों पक्षों के बीच कई विवाद लंबित हैं. इनमें लिलिपुल, गायत्री देवी की वसीयत और दिल्ली में चल रहा विभाजन का दावा अभी लंबित है. गायत्री देवी की वसीयत को लेकर एक मुकदमा जहां देवराज और लालित्या में पृथ्वी सिंह (अब मौत हो चुकी है), विजित सिंह, उर्वशी देवी और जय सिंह पर कर रखा है. वहीं पृथ्वीराज और उर्वशी देवी ने देवराज और लालित्या पर भी मुकदमा कर रखा है जो अभी कोर्ट में लंबित है.

जयपुर. जयमहल पैलेस और रामबाग होटल की संपत्ति को लेकर जयपुर के पूर्व राजघराने के बीच ​कानूनी विवाद (Royal Family Property Matter) का पटाक्षेप गत दिनों हो गया, लेकिन अभी भी परिवार के सदस्यों के बीच विभिन्न संपत्तियों को लेकर मुकदमे (many issues still in court of jaipur Royal Family) लंबित हैं.

दोनों होटल के शेयरों के मामले में दिवंगत गायत्री देवी के पोते देवराज और पोती लालित्य का साथ ही पृथ्वीराज सिंह के पुत्र विजित सिंह समेत सभी पक्षकारों ने कोर्ट के बाहर समझौता कर लिया है. इस समझौते के अनुसार गायत्री देवी के पोते देवराज सिंह और पोती लालित्या कुमारी को जयमहल पैलेस का पूरा मालिकाना हक मिलेगा. बदले में दोनों को रामबाग पैलेस में से उनके पिता की हिस्सेदारी छोड़नी होगी.

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इसी तरह जयसिंह, दिवंगत पृथ्वीराज सिंह के पुत्र विजित सिंह को रामबाग प्राइवेट लिमिटेड में पूरी हिस्सेदारी मिलेगी. जयसिंह और विजित सिंह जयमहल से अपने शेयर छोड़ेंगे. दोनों पक्ष इस पर सहमत हो गए हैं.

पूर्व राजपरिवार में प्रॉपर्टी के बंटवारे को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आर्बिट्रेटर और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस कुरियन जोसेफ मध्यस्थता में हुए समझौते को मान्य करते हुए देवराज और अन्य की अपील को निस्तारित कर दिया. आपसी समझौते के अनुसार देवराज और लालित्य का रामबाग होटल की मालिकाना हक वाली कंपनी रामबाग पैलेस प्राइवेट लिमिटेड में कोई शेयर नहीं होगा. जबकि जयमहल पैलेस प्राइवेट लिमिटेड में जय सिंह, दिवंगत पृथ्वीराजसिंह और उनके पुत्र विजित सिंह की कोई हिस्सेदारी नहीं रहेगी.

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समझौते के अनुसार देवराज और लालित्य को रामबाग पैलेस में अपने पिता के 4.74 फीसदी शेयर छोड़ने होंगे. रामबाग पैलेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में रामबाग पैलेस होटल, रामगढ़ लॉज और सवाई माधोपुर शटिंग लॉज शामिल हैं. अब समझौते के बाद इस पर समझौते के बाद देवराज और लालित्य का कोई हिस्सा नहीं रहेगा.

दोनों पक्ष कंपनी लॉ बोर्ड में नए सिरे से दस्तावेज पेश करेंगे

पूर्व राजपरिवार से जुड़े दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते को अब लागू करवाना भी आर्ब्ट्रिेटर की जिम्मेदारी है. दोनों पक्षों में से अब कोई कोर्ट नहीं जाएगा. कोर्ट के बाहर हुए इस समझौते के बाद जयमहल और रामबाग के शेयर होल्डिंग पैटर्न में होने वाले बदलाव की जानकारी कंपनी लॉ बोर्ड को देनी होगी. समझौते को धरातल तक आने में अभी करीब दो महीने का समय लगने की संभावना है.

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टाटा ग्रुप की कंपनी चला रही दोनों होटल

रामबाग पैलेस होटल और जसयमहल पैलेस दोनों ही अभी टाटा ग्रुप की कंपनी इंडियन होटल्स लिमिटेड चला रही है. कंपनी लॉ बोर्ड से नए मालिकाना हक और शेयर होल्डिंग पैटर्न का सर्टिफिकेट जारी होने के बाद नए सिरे से कॉन्ट्रैक्ट भी करना होगा. दोनों कंपनियों के शेयर होल्डर्स की बैठक बुलाने सहित कई तजरह की औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी. रामबाग और जयमहल को लेकर टाटा के साथ नए सिरे से करार होगा.

इन संपत्तियों का विवाद लंबित

रामबाग होटल और पूर्व राजपरिवार के सदस्य विजित सिंह के वकील रामजी लाल ने बताया कि अभी भी दोनों पक्षों के बीच कई विवाद लंबित हैं. इनमें लिलिपुल, गायत्री देवी की वसीयत और दिल्ली में चल रहा विभाजन का दावा अभी लंबित है. गायत्री देवी की वसीयत को लेकर एक मुकदमा जहां देवराज और लालित्या में पृथ्वी सिंह (अब मौत हो चुकी है), विजित सिंह, उर्वशी देवी और जय सिंह पर कर रखा है. वहीं पृथ्वीराज और उर्वशी देवी ने देवराज और लालित्या पर भी मुकदमा कर रखा है जो अभी कोर्ट में लंबित है.

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