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बाबा बालकनाथ को वसुंधरा के इस खास नेता ने दी नसीहत...कहा- प्रत्याशी बेहतर हैं लेकिन, अलवर कांटों भरा ताज है और राहें काफी कठिन

लोकसभा चुनाव के तहत अलवर सीट पर भाजपा ने बाबा बालकनाथ को मैदान में उतारा है. उनके मैदान में उतरने के बाद पूर्व मंत्री डॉ रोहिताश शर्मा ने बाबा बालकनाथ राह कठिन होने की बात कहकर सियासी हलचल को बढ़ा दिया है....

भाजपा के पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा ने अलवर सीट के प्रत्याशी बाबा बालकनाथ को दी नसीहत।
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Published : Mar 30, 2019, 9:17 AM IST

अलवर . लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरते हुए भाजपा ने अलवर लोकसभा सीट पर जीत हासिल करने के लिए बाबा बालकनाथ को मैदान में उतारा है. इस सीट को साधने के लिए पार्टी की ओर से खेले गए इस दांव के बाद बढ़ी राजनीतिक हलचल के बीच संगठन के भीतर जहां विरोध का स्वर बना हुआ है. वहीं, वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे डॉ रोहिताश शर्मा ने अलवर के सियासी जमीन का हवाला देते हुए बाबा बालकनाथ को नसीहत दी है. उन्होंने साफ कहा कि बाबा बालकनाथ को प्रत्याशी बनाना बेहतर कदम है. लेकिन, उनकी राह काफी कठिन भी है.

रोहिताश शर्मा ने कहा कि अलवर की धरती पर एक तपस्वी को प्रत्याशी बनाकर भेजना हमारे लिए काफी शुभ है. हम पूरी ताकत लगाकर पीएम नरेंद्र मोदी के हाथ को मजबूत करेंगे. लेकिन, इस चुनाव में बाबा बालकनाथ को भी काफी सावधानी और सतर्कता के साथ इस चुनाव को लड़ना होगा. उन्होंने आगे कहा कि अलवर कांटों भरा ताज है. लोकसभा उपचुनाव के दौरान जसवंत सिंह जैसे दिग्गज, अनुभवी नेता को हार का मुंह देखना पड़ा था. उस हार के पीछ जिला संगठन का कमजोर होना मुख्य कारण था. इसी का परिणाम जसवंत सिंह को चुनाव के दौरान झेलना पड़ा था. ऐसी परिस्थिति में बाबा बालकनाथ को मोदी की हवा के बीच कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि बाबा बालकनाथ ने यदि इन कठिनाइयों को पूरी मुस्तैदी के साथ खड़े रहकर पार कर लिया तो वे चुनाव जीत सकते हैं.

भाजपा के पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा ने अलवर सीट के प्रत्याशी बाबा बालकनाथ को दी नसीहत।

वे अच्छे प्रत्याशी हैं, मोदी की हवा भी और लोग मोदी को फिर अगला पीएम देखना चाहते हैं. लेकिन, भाजपा का जिले का चेहरा काफी कमजोर है. उन्होंने कहा कि स्थानीय संगठन काफी कमजोर है, ऐसे में ये कांग्रेल के दिग्गजों का मुकाबला कर पाएंगे इसमें संश्य है. इस दौरान रोहिताश शर्मा ने चुनाव से पहले बदले गए चेहरों को लेकर भी अपनी टीस व्यक्त की. उन्होंने कहा कि कई जगह मंडल अध्यक्ष बदल दिए गए हैं, इससे उनके मन में टीस है. जबकि, बाबा इस चुनाव में नए हैं. रोहिताश ने कहा कि राजनीति चतुर और होशियार का काम है. इसमें बाबा कितने सफल हो पाते हैं, ये अभी गर्भ का विषय है. लेकिन, एक बात बिलकुल साफ है कि पीएम मोदी की हवा निश्चित तौर पर बनी हुई है.

आपको बता दें कि 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बीच इस सीट से भाजपा प्रत्याशी महंत चांदनाथ ने भारी अंतर से जीत दर्ज की थी. लेकिन, उनके निधन के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के डॉ करण सिंह ने जीत दर्ज करते हुए चुनाव जीत लिया था. उपचुनाव में हाथ से फिसली इस सीट को वापस पाने के लिए इस बार भाजपा ने कांग्रेस के जितेंद्र सिंह के सामने बाबा बालकनाथ को मैदान में उतारा है. लेकिन, उनके इस मैदान में उतरने के साथ ही अंदरखाने विरोध के स्वर भी बने हुए हैं. भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पंडित धर्मवीर शर्मा का वीडियो वायरल हुआ. जिसमें शर्मा बाबा का साफतौर पर विरोध करते हुए नजर आए थे. अंदरखाने जारी इस विरोध के बीच बाबा बालकनाथ की राह आसान दिखाई नहीं दे रही है.

अलवर . लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरते हुए भाजपा ने अलवर लोकसभा सीट पर जीत हासिल करने के लिए बाबा बालकनाथ को मैदान में उतारा है. इस सीट को साधने के लिए पार्टी की ओर से खेले गए इस दांव के बाद बढ़ी राजनीतिक हलचल के बीच संगठन के भीतर जहां विरोध का स्वर बना हुआ है. वहीं, वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे डॉ रोहिताश शर्मा ने अलवर के सियासी जमीन का हवाला देते हुए बाबा बालकनाथ को नसीहत दी है. उन्होंने साफ कहा कि बाबा बालकनाथ को प्रत्याशी बनाना बेहतर कदम है. लेकिन, उनकी राह काफी कठिन भी है.

रोहिताश शर्मा ने कहा कि अलवर की धरती पर एक तपस्वी को प्रत्याशी बनाकर भेजना हमारे लिए काफी शुभ है. हम पूरी ताकत लगाकर पीएम नरेंद्र मोदी के हाथ को मजबूत करेंगे. लेकिन, इस चुनाव में बाबा बालकनाथ को भी काफी सावधानी और सतर्कता के साथ इस चुनाव को लड़ना होगा. उन्होंने आगे कहा कि अलवर कांटों भरा ताज है. लोकसभा उपचुनाव के दौरान जसवंत सिंह जैसे दिग्गज, अनुभवी नेता को हार का मुंह देखना पड़ा था. उस हार के पीछ जिला संगठन का कमजोर होना मुख्य कारण था. इसी का परिणाम जसवंत सिंह को चुनाव के दौरान झेलना पड़ा था. ऐसी परिस्थिति में बाबा बालकनाथ को मोदी की हवा के बीच कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि बाबा बालकनाथ ने यदि इन कठिनाइयों को पूरी मुस्तैदी के साथ खड़े रहकर पार कर लिया तो वे चुनाव जीत सकते हैं.

भाजपा के पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा ने अलवर सीट के प्रत्याशी बाबा बालकनाथ को दी नसीहत।

वे अच्छे प्रत्याशी हैं, मोदी की हवा भी और लोग मोदी को फिर अगला पीएम देखना चाहते हैं. लेकिन, भाजपा का जिले का चेहरा काफी कमजोर है. उन्होंने कहा कि स्थानीय संगठन काफी कमजोर है, ऐसे में ये कांग्रेल के दिग्गजों का मुकाबला कर पाएंगे इसमें संश्य है. इस दौरान रोहिताश शर्मा ने चुनाव से पहले बदले गए चेहरों को लेकर भी अपनी टीस व्यक्त की. उन्होंने कहा कि कई जगह मंडल अध्यक्ष बदल दिए गए हैं, इससे उनके मन में टीस है. जबकि, बाबा इस चुनाव में नए हैं. रोहिताश ने कहा कि राजनीति चतुर और होशियार का काम है. इसमें बाबा कितने सफल हो पाते हैं, ये अभी गर्भ का विषय है. लेकिन, एक बात बिलकुल साफ है कि पीएम मोदी की हवा निश्चित तौर पर बनी हुई है.

आपको बता दें कि 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बीच इस सीट से भाजपा प्रत्याशी महंत चांदनाथ ने भारी अंतर से जीत दर्ज की थी. लेकिन, उनके निधन के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के डॉ करण सिंह ने जीत दर्ज करते हुए चुनाव जीत लिया था. उपचुनाव में हाथ से फिसली इस सीट को वापस पाने के लिए इस बार भाजपा ने कांग्रेस के जितेंद्र सिंह के सामने बाबा बालकनाथ को मैदान में उतारा है. लेकिन, उनके इस मैदान में उतरने के साथ ही अंदरखाने विरोध के स्वर भी बने हुए हैं. भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पंडित धर्मवीर शर्मा का वीडियो वायरल हुआ. जिसमें शर्मा बाबा का साफतौर पर विरोध करते हुए नजर आए थे. अंदरखाने जारी इस विरोध के बीच बाबा बालकनाथ की राह आसान दिखाई नहीं दे रही है.

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बाबा बालकनाथ को वसुंधरा के इस खास नेता ने दी नसीहत...कहा प्रत्याशी बेहतर हैं लेकिन, अलवर कांटों भरा ताज है और राहें काफी कठिन





लोकसभा चुनाव के तहत अलवर सीट पर भाजपा ने बाबा बालकनाथ को मैदान में उतारा है. उनके मैदान में उतरने के बाद पूर्व मंत्री डॉ रोहिताश शर्मा ने बाबा बालकनाथ राह कठिन होने की बात कहकर सियासी हलचल को बढ़ा दिया है....

अलवर . लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरते हुए भाजपा ने अलवर लोकसभा सीट पर जीत हासिल करने के लिए बाबा बालकनाथ को मैदान में उतारा है. इस सीट को साधने के लिए पार्टी की ओर से खेले गए इस दांव के बाद बढ़ी राजनीतिक हलचल के बीच संगठन के भीतर जहां विरोध का स्वर बना हुआ है. वहीं, वसुंधरा  सरकार में मंत्री रहे डॉ रोहिताश शर्मा ने अलवर के सियासी जमीन का हवाला देते हुए बाबा बालकनाथ को नसीहत दी है. उन्होंने साफ कहा कि बाबा बालकनाथ को प्रत्याशी बनाना बेहतर कदम है. लेकिन, उनकी राह काफी कठिन भी है.

रोहिताश शर्मा ने कहा कि अलवर की धरती पर एक तपस्वी को प्रत्याशी बनाकर भेजना हमारे लिए काफी शुभ है. हम पूरी ताकत लगाकर पीएम नरेंद्र मोदी के हाथ को मजबूत करेंगे. लेकिन, इस चुनाव में बाबा बालकनाथ को भी काफी सावधानी और सतर्कता के साथ इस चुनाव को लड़ना होगा. उन्होंने आगे कहा कि अलवर कांटों भरा ताज है. लोकसभा उपचुनाव के दौरान जसवंत सिंह जैसे दिग्गज, अनुभवी नेता को हार का मुंह देखना पड़ा था. उस हार के पीछ जिला संगठन का कमजोर होना मुख्य कारण था. इसी का परिणाम जसवंत सिंह को चुनाव के दौरान झेलना पड़ा था. ऐसी परिस्थिति में बाबा बालकनाथ को मोदी की हवा के बीच कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि बाबा बालकनाथ ने यदि इन कठिनाइयों को पूरी मुस्तैदी के साथ खड़े रहकर पार कर लिया तो वे चुनाव जीत सकते हैं. वे अच्छे प्रत्याशी हैं, मोदी की हवा भी और लोग मोदी को फिर अगला पीएम देखना चाहते हैं. लेकिन, भाजपा का जिले का चेहरा काफी कमजोर है. उन्होंने कहा कि स्थानीय संगठन काफी कमजोर है,  ऐसे में ये कांग्रेल के दिग्गजों का मुकाबला कर पाएंगे इसमें संश्य है.  इस दौरान रोहिताश शर्मा ने चुनाव से पहले बदले गए चेहरों को लेकर भी अपनी टीस व्यक्त की. उन्होंने कहा कि कई जगह मंडल अध्यक्ष बदल दिए गए हैं, इससे उनके मन में टीस है. जबकि, बाबा इस चुनाव में नए हैं. रोहिताश ने कहा कि राजनीति चतुर और होशियार का काम है. इसमें बाबा कितने सफल हो पाते हैं, ये अभी गर्भ का विषय है. लेकिन, एक बात बिलकुल साफ है कि पीएम मोदी की हवा निश्चित तौर पर बनी हुई है. आपको बता दें कि 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बीच इस सीट से भाजपा प्रत्याशी महंत चांदनाथ ने भारी अंतर से जीत दर्ज की थी. लेकिन, उनके निधन के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के डॉ करण सिंह ने जीत दर्ज करते हुए चुनाव जीत लिया था. उपचुनाव में हाथ से फिसली इस सीट को वापस पाने के लिए इस बार भाजपा ने कांग्रेस के जितेंद्र सिंह के सामने बाबा बालकनाथ को मैदान में उतारा है. लेकिन, उनके इस मैदान में उतरने के साथ ही अंदरखाने विरोध के स्वर भी बने हुए हैं. भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पंडित धर्मवीर शर्मा का वीडियो वायरल हुआ. जिसमें शर्मा बाबा का साफतौर पर विरोध करते हुए नजर आए थे. अंदरखाने जारी इस विरोध के बीच  बाबा बालकनाथ की राह आसान दिखाई नहीं दे रही है.




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