जयपुर. राजधानी जयपुर सहित प्रदेश वासियों की लाइफ लाइन राजस्थान रोडवेज को कहा जाता है. राजस्थान रोडवेज प्रदेश वासियों के लिए यात्रा करने का सबसे सस्ता और सरल साधन भी माना जाता है, लेकिन इस समय राजस्थान रोडवेज की आर्थिक स्थिति किसी से छुपी हुई नहीं है. रोडवेज को लगातार घाटा ही हो रहा है. रोडवेज के अभी तक कुल घाटे की बात की जाए तो लगभग 5300 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है, लेकिन प्रदेश में लगातार बढ़ रहे पेट्रोल और डीजल के दामों से रोडवेज के घाटे में दिनोंदिन बढ़ोतरी हो रही है.
इसके साथ ही रोडवेज के संचालन पर भी असर देखने को मिल रहा है. हालांकि रोडवेज के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है, कि रोडवेज जनता से जुड़ा हुआ विभाग है. रोडवेज का मुख्य उद्देश आमजन को राहत देना है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जुड़ा हुआ विभाग हमेशा घाटे का ही विभाग रहता है, लेकिन रोडवेज के ना ही कोई बड़े अधिकारी ना ही रोडवेज से जुड़ी यूनियन और खुद परिवहन विभाग रोडवेज को घाटे से उबारने के प्रयास कर रहा है. डीजल के बढ़ रहे दामों का असर रोडवेज पर देखने को मिल रहा है. बता दें कि लगभग1 साल पहले डीजल के दाम करीब 75 रुपए लीटर हुआ करते थे, लेकिन अब डीजल के दाम 90 रुपए लीटर तक हो गए हैं.
इसका सीधा असर रोडवेज पर देखने को मिल रहा है. बता दें कि पिछले 1 साल में डीजल के दाम में15 रुपए बढ़े हैं. जिससे रोडवेज के घाटे में दिनोंदिन बढ़ोतरी हो रही है. 15 रुपए के हिसाब से बात की जाए तो 1 महीने में यानी जनवरी महीने में ही रोडवेज को 54 करोड़ रुपए से अधिक का घाटा भी हुआ है. हालांकि रोडवेज प्रशासन की ओर से रोडवेज को जनता से जुड़ा हुआ विभाग कहा जा रहा है.
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राजस्थान रोडवेज के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रोडवेज की गाड़ियां 1 लीटर डीजल में 5 किलोमीटर संचालित होती है. वहीं, हर महीने रोडवेज की बसें लगभग 13 लाख किलोमीटर संचालित होती है. जिसमें प्रतिदिन रोडवेज को 2 लाख 60 हजार लीटर डीजल उपयोग भी आता है. ऐसे में रोडवेज को रोजाना करोड़ों रुपए का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. बता दें कि कोरोना से पहले रोडवेज की बसें 14 पॉइंट 50 लाख किलोमीटर संचालित होती थी, लेकिन कोविड-19 के बाद से रोडवेज बसों के संचालन पर असर भी देखने को मिला है. रोडवेज घाटे की बात की जाए तो राजस्थान रोडवेज को अभी तक 5300 करोड़ रुपए का घाटा है. पेट्रोल डीजल के बढ़ रहे दामों के चलते लगातार रोडवेज का घाटा बढ़ता जा रहा है.
माह | किलोमीटर | आय | यात्री संख्या | घाटा |
जनवरी | 3.61 करोड़ | 116 करोड़ | 1.84 करोड़ | 54 करोड़ |
फरवरी | 3.49 करोड़ | 126 करोड़ | 1.98 करोड़ | 52 करोड़ |
मार्च | 1.84 करोड़ | 141 करोड़ | 2.07 करोड़ | 27 करोड़ |
राजस्थान रोडवेज के cmd राजेश्वर सिंह ने बताया कि रोडवेज पहले से ही घाटे में संचालित हो रहा है और कोविड-19 के दौरान अक्टूबर तक रोडवेज का संचालन पूर्ण रूप से ठप रहा था. उस से रोडवेज का घाटा लगातार बढ़ता गया है. राजस्थान रणवीर के सीएमडी राजेश्वर सिंह ने बताया कि डीजल के बढ़ रहे दामों का असर राजस्थान रोडवेज पर सीधा देखा जा रहा है. रोडवेज के घाटों में भी बढ़ोतरी हो रही है.
राजेश्वर सिंह का कहना है, कि डीजल के बढ़ रहे दामों के सामने भी इसका कोई विकल्प नहीं है. क्योंकि राजस्थान रोडवेज जनता से जुड़ा हुआ विभाग है. किसी भी स्थिति में परिवहन सुविधाओं को बनाए रखना यात्रियों को सुविधाएं देना यह राजस्थान रोडवेज का कर्तव्य है. राजस्थान रोडवेज के सीएमडी राजेश्वर सिंह ने बताया कि यह एक वाणिज्य संगठन है. इसका मुख्य कार्य यात्री सुविधाओं को मुख्य रखना है वह राजस्थान रोडवेज रखेगा इसके साथ ही राजेश्वर सिंह का कहना है, कि अभी तक रोडवेज की ओर से किराए में बढ़ोतरी करने को लेकर भी किसी भी तरह का प्रस्ताव तैयार नहीं किया गय