जयपुर. प्रदेश में घटित होने वाले सड़क हादसों को लेकर सरकार काफी गंभीर है. सरकार हर वर्ष प्रदेश में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए विभिन्न तरह के जागरुकता अभियान चलाती हैं. इसके बावजूद भी प्रदेश में सड़क हादसों का ग्राफ कम होने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश में हर वर्ष होने वाले सड़क हादसे और उस में मरने एवं घायल होने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. जिसे देखते हुए पुलिस के साथ-साथ सरकार भी काफी चिंतित नजर आ रही है. प्रदेश में ज्यादातर सड़क हादसे नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर घटित हो रहे हैं. ऐसे स्पॉट जहां पर सर्वाधिक हादसे घटित होते हैं, वहां पर हादसों को रोकने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ मिलकर रोड इंजीनियरिंग डिफेक्ट (Road Accidents in Rajasthan) और अन्य खामियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.
इस तरह से बढ़ रहा हादसों का आंकड़ा: यदि बात राजस्थान में घटित हुए सड़क हादसों की करें तो, वर्ष 2021 में जनवरी से मई के माह तक कुल 8709 सड़क हादसे घटित हुए. जिसमें 4059 लोगों ने अपनी जान गवाई है. वहीं 8216 लोग गंभीर रूप से घायल हुए. 2022 में जनवरी से मई माह तक घटित हुए सड़क हादसों पर नजर डालें तो यह आंकड़ा 10105 है. सड़क हादसों में 4780 लोगों ने अपनी जान गवाई वहीं 10107 लोग गंभीर रूप से घायल हुए. वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष 2022 में सड़क हादसों में 16% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है. इसी प्रकार से मृतकों की संख्या में तकरीबन 18% और गंभीर रूप से घायलों की संख्या में 23% से अधिक की वृद्धि (Increasing Road Accidents In Rajasthan) दर्ज की गई है.
तेज रफ्तार और ओवरटेकिंग बन रही हादसों की वजह: प्रदेश में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों को लेकर जब पुलिस ने ब्लैक स्पॉट की स्टडी की जहां पर सर्वाधिक सड़क हादसे घटित होते हैं, तो यह चौंकाने वाली बात सामने आई है कि अधिकतर हादसे तेज रफ्तार में होने के चलते घटित हो रहे हैं. हाईवे पर अनेक जगह रोड इंजीनियरिंग डिफेक्ट भी पाया गया है, जिसके चलते सड़क हादसे हो रहे हैं. हाईवे पर अनेक जगहों पर रोड का कर्व इंजीनियरिंग के हिसाब से जिस डिग्री का होना चाहिए, उतने डिग्री का नहीं है. जिसके चलते हाईवे पर मौजूद ऐसे कर्व हादसों का कारण बनते हैं. इसके साथ ही हाईवे पर तेज रफ्तार में वाहन दौड़ाने वाले चालक अचानक ओवरटेक करने के चक्कर में वाहन पर से नियंत्रण खो बैठते हैं (4780 people died within 5 months in road accidents in Rajasthan) और हादसों का शिकार हो जाते हैं.
हाईवे पर डिवाइडर नहीं होने के चलते हो रहे हादसे: राजस्थान में कई नेशनल और स्टेट हाईवे ऐसे हैं जहां रोड के बीच में डिवाइडर मौजूद नहीं है. ऐसे में ओवर टेक करने के दौरान वाहनों में आमने-सामने की भिड़ंत हो जाती है. बीकानेर जिले में होने वाले अधिकतर सड़क हादसे हाईवे पर डिवाइडर न होने के चलते आमने-सामने से हुई वाहनों की भिड़ंत के चलते हुए हैं. इसी की वजह से मई माह तक 149 लोग अपनी जान गवा चुके हैं. वही 290 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
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आवारा पशु बन रहे हादसों का कारण: आवारा पशु भी प्रदेश के हाईवे पर घटित होने वाले हादसों का एक बड़ा कारण है. हाईवे पर वाहन तेज गति में चलते हैं, ऐसे में अचानक सामने आवारा पशु के आ जाने से कई सड़क हादसे घटित होते हैं. कई बार आवारा पशुओं को बचाने के चक्कर में चालक वाहन से नियंत्रण खो बैठता है ,और दूसरे वाहनों से टकराकर हादसे का शिकार हो जाता है. जयपुर से कोटा की ओर जाने वाले नेशनल हाईवे पर आवारा पशुओं के चलते कई सड़क हादसे घटित होते हैं. हालांकि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से हाईवे पर जगह-जगह संकेतक लगाए गए हैं. लेकिन इसके बावजूद भी आवारा पशुओं को वहां से हटाने का काम नहीं किया गया है. रात के वक्त गाड़ी के अचानक से आवारा पशु के बीच आ जाने से सड़क हादसे होते हैं, क्योंकि रात में विजिबिलिटी कम होती है. जिसके चलते चालक दूर से हाईवे पर खड़े पशुओं को नहीं देख पाता है, और हड़बड़ाहट में हादसे का शिकार हो जाता है.
सड़क हादसों में राजस्थान के यह 5 जिले हैं टॉप: प्रदेश में सड़क हादसों के टॉप 5 जिलों की यदि बात करें तो सबसे पहले उदयपुर जिले का नाम आता है. वर्ष 2022 में जनवरी से मई के माह तक उदयपुर जिले में 562 सड़क हादसे घटित हुए हैं. जिसमें 287 लोगों की मौत हुई है. वहीं 552 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. जयपुर ग्रामीण सड़क हादसों के मामले में प्रदेश में दूसरे नंबर पर आता है. वर्ष 2022 में जनवरी से मई के माह तक 538 सड़क दुर्घटनाएं घटित हुई हैं. जिसमें 228 लोगों की मौत हुई है. वहीं 513 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
वहीं अजमेर प्रदेश में सड़क हादसों की दृष्टि से तीसरे नंबर पर आता है, जहां वर्ष 2022 में जनवरी से मई के माह तक 509 सड़क हादसे घटित हुए हैं. जिसमें 226 लोगों की मौत हुई है, और 456 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. प्रदेश में सड़क हादसों में चौथे नंबर पर सीकर जिले का नाम है. जिले में वर्ष 2022 के जनवरी से मई के माह तक 424 सड़क हादसे घटित हुए हैं. जिसमें 193 लोगों की मौत हुई है. वहींं 434 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. सड़क हादसों में पांचवें नंबर पर भीलवाड़ा जिले का नाम आता है. जहां वर्ष 2022 में जनवरी से मई माह तक 409 सड़क हादसे घटित हुए हैं. जिसमें 187 लोगों की मौत हुई है तो वहीं 461 लोग गंभीर रूप से (4780 people died within 5 months in road accidents in Rajasthan ) घायल हुए हैं.