जयपुर. लोकसभा और राज्यसभा में पारित हुए कृषि विधेयक को लेकर देशभर में सियासत गरमाई हुई है. इस बीच एनडीए के घटक दल और भाजपा सहयोगी दल आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल का बड़ा बयान सामने आया है. बेनीवाल ने कहा है कि आरएलपी ने अभी तक इन तीनों ही कृषि कानूनों का समर्थन नहीं किया है. बेनीवाल ने कहा कि हम इन कानूनों को लेकर कृषि विशेषज्ञ से विस्तार से बात कर रहे हैं कि इसमें किसानों का कितना फायदा या नुकसान है.
नागौर सांसद और आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल ने कहा कि लोकसभा में जब कृषि से जुड़े यह तीनों विधेयक पारित किए गए थे तब वे सदन में नहीं थे क्योंकि गलत रिपोर्ट के कारण मुझे कोरोना पॉजिटिव बता दिया गया था. बेनीवाल ने कहा कि देश और प्रदेश के किसान संगठनों का आरएलपी पर बहुत भरोसा है और किसानों के इसी भरोसे को देखते हुए पहले वह नए कृषि कानून का अध्ययन करेंगे.
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बेनीवाल ने कहा कि केंद्रीय कृषि कानून में कुछ चीजें बेहद अच्छे हैं, लेकिन कई किसान संगठन चाहते हैं कि MSP पर ही किसान के माल की खरीद हो. साथ ही MSP को लेकर कानून भी बने. बेनीवाल के अनुसार जब तक स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश पूरी तरह लागू नहीं होगी तब तक देश के किसान का भला नहीं हो सकता है.
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि किसान संगठनों से बात करने के बाद हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस बारे में मुलाकात करेंगे और किसानों की बात उन तक पहुंचाएंगे. उसके बाद ही हम इस कानून के समर्थन या विरोध को लेकर अपना फैसला लेंगे, लेकिन तब तक इस कानून को हमारा समर्थन नहीं है.