जयपुर. जनवरी के आखरी सप्ताह में 20 जिलों के 90 नगर निकाय के चुनाव होने हैं. कांग्रेस और बीजेपी के साथ-साथ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भी सभी नगर निकाय चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर दिया है. इसको लेकर आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने बताया कि चुनाव को लेकर उनकी पार्टी की ओर से प्रभारी नियुक्त कर दिए गए हैं.
आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल ने कहा कि हाल ही में हुए नगर निकाय चुनाव में आरएलपी की अच्छी परफॉर्मेंस रही है. हमने 40 लाख से अधिक वोट हासिल किए हैं. बहुत कम समय में बनी इस नई पार्टी ने मतदाताओं के बीच में अपनी पहचान बना ली है. ऐसे में अब जो जनवरी के आखिरी सप्ताह में 90 नगर निकाय के चुनाव हो रहे हैं, उनमें सभी सीटों पर आरएलपी अपना उम्मीदवार उतारेगी. क्षेत्र में चुनाव की जिम्मेदारी संभालने के लिए प्रभारी नियुक्त किए जा रहे हैं. यह सभी प्रभारी इन क्षेत्रों से पार्टी के कार्यकर्ताओं के बायोडाटा एकत्रित करेंगे, उसके बाद प्रदेश कार्यकारिणी नाम तय करेगी.
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि गहलोत सरकार के विफलता भरे इन 2 सालों के कामकाज को लेकर हम जनता के बीच में वोट मांगेंगे. जिस तरीके से महिलाओं पर अत्याचार बढ़ा है, दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं, राजस्थान क्राइम के मामलों में पहले दूसरे पायदान पर आ चुका है. जनता के जनहित के मुद्दों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. गहलोत सरकार की यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल भ्रष्टाचार का एक नया अध्याय लिख रहे हैं. इन सभी मुद्दों को लेकर आम जनता के बीच में जाएंगे.
इतना ही नहीं हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान की 3 विधानसभाओं पर होने वाले उपचुनाव में भी अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है. हनुमान बेनीवाल ने कहा कि इन तीनों सीटों पर आरएलपी अपना उम्मीदवार उतारेगी ही नहीं, बल्कि हम क्लीन स्वीप करेंगे.
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बेनीवाल ने किसानों से हो रही केंद्र सरकार की वार्ता को लेकर कहा कि देश का अन्नदाता सड़कों पर पिछले 40 दिन से ज्यादा हो गए धरना दे रहा है. 50 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है, लेकिन केंद्र सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है. किसान नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया जाता है और 7 दिन से भी अधिक का समय अगली वार्ता बैठक के लिए दिया जाता है. इससे साफ समझ में आता है कि केंद्र सरकार किसानों के इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं है.
हनुमान बेनीवाल ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह इस मामले में सीधी दखल देते हुए किसानों से बातचीत करें और उनकी मांगों पर सहमति बनाएं. देश का अन्नदाता इस तरह कड़ाके की ठंड में सड़कों पर बैठा है, यह देश के लिए हित में नहीं है. हनुमान बेनीवाल ने कहा कि किसानों की पार्टी है राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, इसलिए उन्होंने किसानों के हित में एनडीए से किया हुआ अपना गठबंधन तोड़ा है और जिस पार्टी को हम ने समर्थन किया था, उस पार्टी के खिलाफ हम हजारों की संख्या में लोगों को लेकर धरने पर बैठे हैं.
गहलोत वसुंधरा का गठबंधन
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में पिछले 22 सालों से अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे का गठबंधन चल रहा है. दोनों मिलकर प्रदेश के जनता की गाढ़ी कमाई में भ्रष्टाचार का नया अध्याय लिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से भर्तियों में गड़बड़ियां हो रही हैं, वह सबके सामने हैं. कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ही दो अलग-अलग धर्मों में बैठी हुई हैं. प्रदेश की जनता को विकल्प की तलाश है और उस विकल्प के रूप में आरएलपी उभर कर सामने आएगी. उन्होंने कहा कि 2023-24 की चुनाव में आरएलपी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी और जनता को एक नया विकल्प देगी.