जयपुर. ग्रेटर नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त के साथ मारपीट, राजकार्य में बाधा सहित आपराधिक षड्यंत्र मामले में ग्रेटर नगर निगम मेयर सौम्या गुर्जर को आरोप मुक्त करने के फैसले को चुनौती देने वाली राज्य सरकार और तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव की रिवीजन याचिका (Revision petition against Mayor Soumya gurjar) पर शनिवार को डीजे कोर्ट में सुनवाई हुई. डीजे कोर्ट ने रिवीजन याचिका को सुनवाई के लिए एडीजे कोर्ट क्रम- 4 महानगर प्रथम कोर्ट में भेज दिया है. जहां अदालत 18 अप्रैल को मामले पर सुनवाई करेगी. इसी मामले में आरोपी चारों पार्षदों अजय सिंह, शंकरलाल, रामकिशोर और पारस कुमार जैन ने भी उन पर आरोप तय करने वाले फैसले को चुनौती देने वाली रिवीजनों पर भी साथ ही में सुनवाई की जाएगी.
रिवीजन याचिका में यज्ञमित्र सिंह ने कहा है कि 4 जून 2021 को कोई मीटिंग निर्धारित नहीं थी. इसके अलावा आरोपी पार्षद किसी ऐसी कमेटी के सदस्य भी नहीं थे, जिसका संबंध सफाई व्यवस्था से हो. इसके बावजूद सौम्या गुर्जर की ओर से बार-बार व्यक्ति भेजकर तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह को अपने कक्ष में बुलाया गया. जहां आरोपी पहले से मौजूद थे. जिससे उनका आपराधिक षड्यंत्र साबित है. इसके बावजूद ट्रायल कोर्ट ने इसके विपरीत सौम्या को आपराधिक षड्यंत्र से आरोप मुक्त कर दिया. तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ अभ्रदता हुई थी, ऐसे में मेयर सौम्या को आरोप मुक्त करने का फैसला गलत है.
पार्षदों की ओर से कहा गया कि उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है. ऐसे में अदालत की ओर से लगाए गए आरोपों को रद्द किया जाए. गौरतलब है कि नगर निगम ग्रेटर के तत्कालीन यज्ञमित्र देव सिंह ने ज्योति नगर पुलिस थाने में गत वर्ष 4 जून को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बैठक के दौरान महापौर सौम्या गुर्जर ने उनके साथ अभद्रता की और आरोपी पार्षदों ने धक्का-मुक्की कर मारपीट की थी. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पांचों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था.