श्रीगांगानगर. राजस्थान सरकार द्वारा 28 दिसंबर 2024 को अनूपगढ़ जिले के निरस्त होने के बाद यहां के लोगों में गहरा आक्रोश है. जिले की विभिन्न मंडियों में 28 दिसंबर से लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. आज जिला बचाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर अनूपगढ़ क्षेत्र की मंडियों में दुकानदारों ने स्वेच्छा से अपनी दुकानों को बंद रखा और जिला बहाल करने की मांग की.
सभी व्यापारी संघो ने दिया बंद को समर्थन: बता दें कि अनूपगढ़ को वापस जिले का दर्जा देने की मांग को लेकर शुरू किये गए इस आंदोलन को सभी व्यापारियों का समर्थन मिला. आज के बंद में ईंट भट्ठा एसोसिएशन, बार संघ, किराणा संघ, सब्जी मंडी सहित अन्य सामाजिक संगठनों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई. साथ ही, अनूपगढ़ क्षेत्र के पेट्रोल पंप भी आज सुबह 9 बजे से 12 बजे तक बंद करने की घोषणा की गयी. अनूपगढ़ बाजार के व्यापारियों का कहना है कि राजस्थान सरकार द्वारा जिले का निरस्तीकरण यहां के विकास को रोकने जैसा है. उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए इस जिले ने विकास की गति को बढ़ाया था, लेकिन भाजपा सरकार के कदम से विकास रुक गया है.
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जिला बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुरेश बिश्नोई ने बताया कि अनूपगढ़ जिला सभी मापदंडों पर खरा उतरता था, इसलिए इसे पिछली सरकार ने जिला घोषित किया था. उन्होंने कहा कि जब तक राजस्थान सरकार अनूपगढ़ जिले को बहाल नहीं करती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. यदि सरकार इस मुद्दे पर कोई समाधान नहीं निकालती, तो भविष्य में और बड़े आंदोलन की योजना बनाई जाएगी. बता दें कि अनूपगढ़ का श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय से अंतिम छोर करीब ढाई सौ किलोमीटर दूरी पर है. अनूपगढ़ को जिला बनाने के लिए यहां के लोगों ने करीब बारह वर्षो तक लगातार धरना प्रदर्शन किया था.