झालावाड़: जिला अस्पताल के न्यू इमरजेंसी वार्ड में शुक्रवार को देश के पहले आईरेड काउन्टर का उद्घाटन जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ द्वारा किया गया. ऐसे में जिला अस्पताल में काउंटर खुलने से सड़क दुर्घटना में इलाज के लिए पहुंचने वाले गंभीर मरीजों की सभी प्रकार सूचनाओं का संकलन ऐप के माध्यम से किया जा सकेगा. आई रेड ऐप से सार्वजनिक निर्माण विभाग, नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया, रिडकोर, परिवहन, पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग को मरीज की सड़क दुर्घटना से जुड़ी सभी जानकारी ऐप से मिल सकेगी.
उद्घाटन के दौरान जिला कलेक्टर ने कहा कि पिछले एक वर्ष में जिले में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. गत एक वर्ष में जिले में सड़क दुर्घटनाओं में कई लोग घायल हुए हैं व कई लोगों की मौत हुई है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा संचालित आईरेड मोबाइल ऐप का मुख्य उद्देश्य जिले में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना है. इस ऐप में संबंधित विभागों द्वारा डाटा डालने के बाद दुर्घटना में घायल एवं मृत व्यक्तियों के बीमा क्लेम में भी सुविधा मिलेगी. वहीं गंभीर रोगी के इलाज एवं उपचार की सम्पूर्ण जानकारी, मृत्यु होने की स्थिति में पोस्टमार्टम रिपोर्ट सहित अन्य मेडिकल डाटा ऐप पर अपलोड किया जा सकेगा.
पढ़ें: सीट बेल्ट नहीं पहनने से 2021 में गई 16,397 लोगों की जान: एमओआरटीएच - MORTH
जिला अस्पताल में आईरेड काउंटर शुरू होने से जिले में होने वाली प्रत्येक छोटी एवं बड़ी सड़क दुर्घटनाओं की सूचना का संकलन इस ऐप में किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि आईरेड ऐप को कई योजनाओं से जोड़ा गया है एवं जोड़ा जाना प्रस्तावित है. जिसमें प्रधानमंत्री कैश लेश ट्रीटमेंट योजना, हिट एण्ड रन दुर्घटनाओं के आंकड़े, अनइन्श्योरड वाहनों के आंकड़े एवं दुर्घटना पीड़ित को क्लेम सेटलमेंट प्रोसेस की जानकारी उपलब्ध कराना शामिल है. इस मौके पर पीपीटी के माध्यम से आईरेड ऐप की पूरी जानकारी आमजन को दी गई.
पढ़ें: सड़क हादसों पर अब लगेगी लगाम, केंद्र सरकार ने तैयार की है बड़ी स्कीम - स्टेट सपोर्ट प्रोग्राम
आईरेड ऐप में विभागों की भूमिका:
1. पुलिस विभाग का कार्य: दुर्घटना होने पर इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर दुर्घटना स्थल का दौरा कर ऐप पर दुर्घटना कब, कैसे और कहां हुई, चित्र, वीडियो आदि को कैप्चर करके, वाहन, चालक, यात्री तथा पैदल यात्री की सूचना डालकर एसएचओ को सौंपेगा. एसएचओ मामले की समीक्षा कर, एफआईआर विवरण अपडेट करेगा व आवश्यक कार्यवाही के लिए परिवहन, राजमार्ग और स्वास्थ्य विभाग को सूचित करेगा.
2. परिवहन विभाग का कार्य: पुलिस एफआईआर होने पर परिवहन विभाग एमवीआई दुर्घटनाग्रस्त वाहन का निरीक्षण करेगा. एप्लिकेशन के माध्यम से आवश्यक विवरण अपडेट करेगा.
पढ़ें: एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं भारत की खूनी सड़कों की हकीकत - Automotive industry
3. सार्वजनिक निर्माण विभाग, एनएचएआई, रिडकोर, आरएसआरडीसी एवं एलएसजी सड़क एजेंसी के कार्य: सार्वजनिक निर्माण विभाग के इंजीनियर दुर्घटनास्थल का निरीक्षण करेंगे. एप्लिकेशन के माध्यम से आवश्यक विवरण अपडेट करेंगे और दुर्घटनास्थल निरीक्षण के लिए संबंधित एसएचओ के अनुरोध का जवाब देंगे.
4. चिकित्सा विभाग का कार्य: जिला अस्पताल में दुर्घटना मामलों का एक डेटा सेंटर होगा. यहां पर रोड पर एक्सीडेंट का डेटा संग्रह किया जाएगा. सभी अस्पताल को उक्त एप्लिकेशन पर पंजीकरण करना होगा. जिला प्रशासन एवं नोडल अधिकारी आईरेड एप्लिकेशन पर अस्पतालों के पंजीकरण को मंजूरी देंगे.