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साइबर ठगी के चार मामलों का खुलासा, 7 करोड़ का फ्रॉड, 15 आरोपी गिरफ्तार - OPERATION CYBER ​​SHIELD

जोधपुर पुलिस ने ऑपरेशन साइबर शील्ड में 7 करोड़ रुपए की ठगी के चार मामलों का खुलासा करते हुए 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

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साइबर ठगी के चार मामलों का खुलासा (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 17, 2025, 6:43 PM IST

जोधपुर : पुलिस कमिश्नरेट के 'ऑपरेशन साइबर शील्ड' के तहत चार दिन में साइबर फ्रॉड मामलों का खुलासा हुआ है, जिसमें कुल 7 करोड़ रुपए की ठगी की गई है. पुलिस ने इन मामलों में 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 11 युवतियां शामिल हैं.

डीसीपी राजर्षी राज ने बताया कि इस ऑपरेशन के तहत चार महत्वपूर्ण मामलों का खुलासा किया गया. इनमें से दो मामलों में फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया गया, जिनसे 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. एक अन्य मामले में सोशल मीडिया के माध्यम से यूएसडीटी (USDT) का अवैध लेन-देन कर ठगी करने वाले एक युवक को पकड़ा गया. चौथे मामले में एक आरोपी को पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले से गिरफ्तार किया गया, जिसने एक बुजुर्ग को फ्रेंड्स क्लब का झांसा देकर 42 लाख रुपए की ठगी की थी. इन मामलों में पुलिस ने 10 क्रेडिट कार्ड, 37 एटीएम कार्ड, 52 सिम कार्ड और 35 मोबाइल बरामद किए हैं. डीसीपी ने बताया कि इस ऑपरेशन के तहत 203 मोबाइल नंबर और 799 आईएमआई नंबर को ब्लॉक करवाया गया है, जो साइबर क्राइम में उपयोग हो रहे थे. यह ऑपरेशन 31 जनवरी तक जारी रहेगा.

डीसीपी राजर्षी राज (ETV Bharat Jodhpur)

इसे भी पढ़ें- बड़ा खुलासा : चीन से ऑपरेट होता है भारत में साइबर फ्रॉड, पुलिस ने पकड़ी 50 करोड़ से ज्यादा की ठगी

साढ़े 6 करोड़ रुपए की ठगी : डीसीपी के अनुसार पुलिस थाना भगत की कोठी और पुलिस थाना कुड़ी भगतासनी ने फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया, जो वाहन चालकों को गाड़ी के खराब होने पर ब्रेकडाउन सर्विस देने के नाम पर ठगी कर रहे थे. इन कॉल सेंटरों के माध्यम से युवतियों और महिलाओं को सिम कार्ड देकर वाहन मालिकों के नंबर दिए जाते थे. फिर इन नंबरों पर कॉल कर बताया जाता कि किसी भी जगह गाड़ी खराब होने पर तुरंत सर्विस उपलब्ध करवाई जाएगी, जिसके लिए 3 से 4 हजार रुपए का एक कार्ड बेचा जाता था. जब वाहन चालक इस कार्ड को खरीदते, तो उस पर दिए गए नंबर बंद मिलते. इस ठगी के माध्यम से अब तक साढ़े 6 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की जा चुकी है. पुलिस ने इस मामले में कुल 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

फ्रेंड्स क्लब की सदस्यता के लिए ठगी : बासनी थाना क्षेत्र में एक 57 वर्षीय बुजुर्ग को कॉल कर एक व्यक्ति ने उसे महिलाओं से संपर्क करवाने के लिए फ्रेंड्स क्लब में सदस्यता दिलाने का झांसा दिया. बुजुर्ग व्यक्ति ने उसके बातों में आकर क्लब की सदस्यता के लिए शुल्क जमा किया. इसके बाद आरोपी ने बुजुर्ग को कुछ वीडियो भेजकर उसे ब्लैकमेल किया और 42 लाख रुपए से अधिक की ठगी की. इस मामले में बासनी पुलिस ने जांच शुरू की और पता चला कि मुख्य आरोपी पश्चिम बंगाल के मिदनापुर क्षेत्र का रहने वाला है. बासनी थाने के सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार के नेतृत्व में एक टीम वहां भेजी गई, जिसने आरोपी अश्विनी ओझा को गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से 1 लाख रुपए नकद भी बरामद किए गए हैं. डीसीपी ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है ताकि पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सके.

जोधपुर : पुलिस कमिश्नरेट के 'ऑपरेशन साइबर शील्ड' के तहत चार दिन में साइबर फ्रॉड मामलों का खुलासा हुआ है, जिसमें कुल 7 करोड़ रुपए की ठगी की गई है. पुलिस ने इन मामलों में 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 11 युवतियां शामिल हैं.

डीसीपी राजर्षी राज ने बताया कि इस ऑपरेशन के तहत चार महत्वपूर्ण मामलों का खुलासा किया गया. इनमें से दो मामलों में फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया गया, जिनसे 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. एक अन्य मामले में सोशल मीडिया के माध्यम से यूएसडीटी (USDT) का अवैध लेन-देन कर ठगी करने वाले एक युवक को पकड़ा गया. चौथे मामले में एक आरोपी को पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले से गिरफ्तार किया गया, जिसने एक बुजुर्ग को फ्रेंड्स क्लब का झांसा देकर 42 लाख रुपए की ठगी की थी. इन मामलों में पुलिस ने 10 क्रेडिट कार्ड, 37 एटीएम कार्ड, 52 सिम कार्ड और 35 मोबाइल बरामद किए हैं. डीसीपी ने बताया कि इस ऑपरेशन के तहत 203 मोबाइल नंबर और 799 आईएमआई नंबर को ब्लॉक करवाया गया है, जो साइबर क्राइम में उपयोग हो रहे थे. यह ऑपरेशन 31 जनवरी तक जारी रहेगा.

डीसीपी राजर्षी राज (ETV Bharat Jodhpur)

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साढ़े 6 करोड़ रुपए की ठगी : डीसीपी के अनुसार पुलिस थाना भगत की कोठी और पुलिस थाना कुड़ी भगतासनी ने फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया, जो वाहन चालकों को गाड़ी के खराब होने पर ब्रेकडाउन सर्विस देने के नाम पर ठगी कर रहे थे. इन कॉल सेंटरों के माध्यम से युवतियों और महिलाओं को सिम कार्ड देकर वाहन मालिकों के नंबर दिए जाते थे. फिर इन नंबरों पर कॉल कर बताया जाता कि किसी भी जगह गाड़ी खराब होने पर तुरंत सर्विस उपलब्ध करवाई जाएगी, जिसके लिए 3 से 4 हजार रुपए का एक कार्ड बेचा जाता था. जब वाहन चालक इस कार्ड को खरीदते, तो उस पर दिए गए नंबर बंद मिलते. इस ठगी के माध्यम से अब तक साढ़े 6 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की जा चुकी है. पुलिस ने इस मामले में कुल 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

फ्रेंड्स क्लब की सदस्यता के लिए ठगी : बासनी थाना क्षेत्र में एक 57 वर्षीय बुजुर्ग को कॉल कर एक व्यक्ति ने उसे महिलाओं से संपर्क करवाने के लिए फ्रेंड्स क्लब में सदस्यता दिलाने का झांसा दिया. बुजुर्ग व्यक्ति ने उसके बातों में आकर क्लब की सदस्यता के लिए शुल्क जमा किया. इसके बाद आरोपी ने बुजुर्ग को कुछ वीडियो भेजकर उसे ब्लैकमेल किया और 42 लाख रुपए से अधिक की ठगी की. इस मामले में बासनी पुलिस ने जांच शुरू की और पता चला कि मुख्य आरोपी पश्चिम बंगाल के मिदनापुर क्षेत्र का रहने वाला है. बासनी थाने के सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार के नेतृत्व में एक टीम वहां भेजी गई, जिसने आरोपी अश्विनी ओझा को गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से 1 लाख रुपए नकद भी बरामद किए गए हैं. डीसीपी ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है ताकि पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सके.

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