जयपुर. जेडीए आयुक्त ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि अफॉर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी 2009 की पॉलिसी में आरडब्लूए का शीघ्र गठन किया जाए. जिन परियोजनाओं में कब्जा नहीं लिया है, उनमें कब्जा लिया जाए और जिन परियोजनाओं में कार्य बंद है. इस संबंध में स्वास्थ्य शासन सचिव को पत्र लिखा जाए. परियोजनाओं में मौका निरीक्षण कर शेष बचे कार्यों के संबंध रूड़सिको से समन्वय कर विद्युत और सिविल कार्यों को जल्द पूरा कराकर कब्जा लिया जाए. निरस्त और आवंटन के लिए उपलब्ध फ्लैट्स का डाटा 9 सितंबर तक कंप्यूटर प्रकोष्ठ में फील्ड कराकर आवेदन आमंत्रित करने के निर्देश दिए.
राजस्थान टाउनशिप पॉलिसी 2010 के तहत 4 फेज में जोनस में एलआईजी और ईडब्ल्यूएस के 1896 फ्लैट का लॉटरी में आवंटन किया गया था. उनमें उपायुक्त जोन और अधिशाषी अभियंता की गठित कमेटी द्वारा कब्जा लिया जाना था. 21 प्रोजेक्ट्स में से 11 प्रोजेक्ट में जिनको भौतिक कब्जा नहीं दिया गया, उन मामलों में उपायुक्त द्वारा ऐसे प्रकरणों की सूची तैयार कर 9 सितंबर तक एसीटीपी बीपीसी को भिजवाने के निर्देश दिए गए.
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जेडीए आयुक्त के मुताबिक मुख्यमंत्री जन आवास योजना के प्रावधानों के अंतर्गत जेडीए द्वारा 63 योजनाओं में प्रोविजनल 3ए के अंतर्गत ईडब्ल्यूएस, एलआईजी के 35499 फ्लैट अनुमोदित किए गए. इन परियोजनाओं में जयपुर विकास प्राधिकरण और राज्य सरकार द्वारा भूमि कन्वर्जन, भवन मानचित्र जैसे चार्जेस में छूट दी गई. ऐसे मामलों में निजी विकास कर्ताओं द्वारा स्वयं आवेदन पत्र आमंत्रित कर लॉटरी से आवंटन किया गया. ऐसे प्रकरणों की सूची इकजाई कर सचिव जेडीए के माध्यम से जयपुर विकास आयुक्त को प्रस्तुत की जाए. विकास कर्ताओं द्वारा लॉटरी से आवंटन की प्रक्रिया की पालना के लिए उससे अवगत कराया जाए. ईडब्ल्यूएस, एलआईजी प्रोविजन 1ए के अंतर्गत 1227 भूखंडों को मॉनिटरिंग के लिए निर्धारित प्रोफार्मा में सूचना देने के लिए निर्देश दिए.
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जेडीए आयुक्त ने अफॉर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी 2009, राजस्थान टाउनशिप पॉलिसी 2010 और मुख्यमंत्री जन आवास योजना 2015 का डाटा गूगल सीट पर तैयार कर आगामी अक्टूबर में होने वाली मीटिंग में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. भविष्य में आवंटन से बचे भूखंड या फ्लैट प्राप्त होते हैं, तो उपायुक्त जोन और एसीटीपी बीपीसी की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए.