जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों का संवेदनशीलता के साथ त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि शहरों के साथ ही गांव-ढाणी तक उपभोक्ताओं को बिना ट्रिपिंग के निर्बाध विद्युत आपूर्ति करना सुनिश्चित करें.
दरअसल, गहलोत बुधवार सायं को मुख्यमंत्री निवास पर ऊर्जा विभाग की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बिजली बिलों को लेकर उपभोक्ताओं के परिवादों का जल्द से जल्द समाधान किया जाए. जिला एवं उपखंड स्तर पर अभियंता आमजन की शिकायतों को गंभीरता से लें, इस काम में किसी तरह की कोताही न हो.
मुख्यमंत्री ने कहा कि रिहायशी भवनों तथा अन्य निजी इमारतों से गुजर रही बिजली लाइनों को हटाने के लिए रूपरेखा तैयार की जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि सुरक्षा की दृष्टि से सरकारी स्कूलों से गुजर रही विद्युत लाइनों को हटाने के लिए अभियान चलाएं और इन्हें निशुल्क शिफ्ट किया जाए. उन्होंने कहा कि बारिश के इस मौसम में आमजन को विद्युत जनित खतरों से बचाने के लिए एहतियात बरती जाए. विद्युत तंत्र की मेंटिनेंस का काम समय पर हो.
पढ़ें- जीवन रक्षा के साथ-साथ आजीविका बचाने में भी नहीं रखी कोई कमी: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
गहलोत ने कहा कि विद्युत छीजत को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए तीनों वितरण कंपनियां प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करें. जिन फीडरों पर अधिक छीजत पाई जाए उस फीडर पर संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए. उन्होंने कहा कि छीजत कम होगी तो उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण विद्युत उपलब्ध कराने में और आसानी होगी.
इस बैठक में ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा ने प्रस्तुतीकरण में बताया कि प्रदेश में मांग के अनुरूप बिजली की पर्याप्त उपलब्धता है. वर्तमान में शहरी एवं औद्योगिक क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 22 से 23 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है. उन्होंने बताया कि दिसम्बर 2018 से मार्च 2020 तक प्रदेश में एक लाख 39 हजार कृषि कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं.