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राजस्थान विधानसभा: नए जिलों के गठन को लेकर राजस्व मंत्री ने कही ये बात

राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य सरकार की नए जिलों के गठन की कोई मंशा नहीं है. सरकार ने इस संबंध में किसी कमेटी का भी गठन नहीं किया है. पिछली सरकार के समय नए जिलों के गठन को लेकर बनी परमेश चंद्र कमेटी की रिपोर्ट आधी अधूरी थी. रिपोर्ट पर सिर्फ अध्यक्ष के हस्ताक्षर थे, कमेटी के सदस्यों के नहीं.

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Published : Mar 16, 2021, 3:50 PM IST

harish chaudhary,  rajasthan assembly
राजस्थान विधानसभा बजट सत्र

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज मंगलवार को नए जिलों के गठन को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि फिलहाल कोई नया जिला बनाने की मंशा राज्य सरकार की नहीं है. वर्तमान राज्य सरकार ने इस संबंध में किसी भी समिति का गठन भी नहीं किया है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय नए जिलों, उपखंड, पुलिस उपखंडों के पुनर्गठन, सर्जन के संबंध में राज्य सरकार को सुझाव देने के लिए पूर्व आईएएस परमेश चंद्र की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन 20 जनवरी 2014 को किया गया था और वर्तमान में नवीन जिला बनाने का प्रस्ताव राज्य सरकार के एक्टिव कंसीडरेशन में नहीं है.

पढ़ें: नवजात बच्चों की मौत को लेकर उठाए कदमों को केंद्र ने भी सराहा: रघु शर्मा

राज्य सरकार की नीति प्रशासनिक आवश्यकता एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धियों के आधार पर ही नए जिले के गठन के संबंध में निर्णय लिया जाता है. इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया ने कहा कि या तो मैं सवाल नहीं समझ पा रहा हूं या जवाब नहीं. उन्होंने कहा कि सरकार चाहे यह हो या पहले की हो सरकार ने जो समिति बनाई वह सरकार की होती है. सरकार कभी नहीं बदलती केवल व्यक्ति बदलता है. फिर इसमें लिखा गया कि परमेश्वर चंद्र की समिति की कमेटी बनी हुई है इस जवाब का मतलब क्या हुआ.

राजस्थान विधानसभा बजट सत्र

इस पर मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि पिछली सरकार के समय परमेश चंद्र कमेटी बनी उसने अपनी रिपोर्ट दी जो आधी अधूरी थी. क्योंकि उसमें बाकी दूसरे सदस्यों के उस पर हस्ताक्षर नहीं थे. उस पर सिर्फ अध्यक्ष के हस्ताक्षर थे. इसका मतलब साफ है कि यह केवल अध्यक्ष की रिकमेंडेशन थी. अगर उस पर सभी सदस्यों के हस्ताक्षर होते तो वह पूरी कमेटी के रिकमेंडेशन मानी जाती. इसलिए यह कमेटी की रिपोर्ट पूर्ण रिपोर्ट नहीं है और आज की तारीख में कोई कमेटी नए जिलों को लेकर नहीं है.

136 महाविद्यालय बिना भवन के

भवन विहीन महाविद्यालय की जानकारी और बजट प्रावधान को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि प्रदेश में कुल 136 ऐसे महाविद्यालय हैं जिनमें भवन नहीं है. उच्च उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने और आधारभूत सुविधाएं विकसित करने के लिए विभिन्न महाविद्यालयों में इस बार बजट घोषणा में भवन निर्माण एवं अन्य मदों में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.

पढ़ें: सदन में गूंजा फोन टैपिंग मामला, भाजपा ने वेल में किया हंगामा, स्थगन को स्पीकर ने किया खारिज

भंवर सिंह भाटी ने कहा कि साल 2018-2019 में जितने भी राजकीय महाविद्यालय खोले गए थे. उनके भवन के लिए वित्तीय प्रावधान नहीं किया गया था. यह भवन एमपी, एमएलए कोष या भामाशाह की सहायता से बनाने की घोषणा की गई थी. इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा की 136 की सूची दी गई है. इनमें से 2005-2006 से लेकर 2017-18 तक केवल 31 कॉलेज ऐसे थे जिनके पास अपनी बिल्डिंग नहीं थी और अब जो आपने प्रदेश में 116 कॉलेज खोले हैं, उनमें से किसी में बिल्डिंग नहीं है.

कटारिया ने पूछा कि बजट में कहा गया कि इस बार 100 करोड़ का प्रावधान रखा है तो फिर पिछले महाविद्यालय के लिए कितना बजट प्रावधान था. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि मंत्री ने मान लिया है कि उन्होंने बजट के लिए कोई प्रोविजन नहीं किया गया है. इसी साल से 100 करोड़ का प्रोविजन किया गया है.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज मंगलवार को नए जिलों के गठन को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि फिलहाल कोई नया जिला बनाने की मंशा राज्य सरकार की नहीं है. वर्तमान राज्य सरकार ने इस संबंध में किसी भी समिति का गठन भी नहीं किया है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय नए जिलों, उपखंड, पुलिस उपखंडों के पुनर्गठन, सर्जन के संबंध में राज्य सरकार को सुझाव देने के लिए पूर्व आईएएस परमेश चंद्र की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन 20 जनवरी 2014 को किया गया था और वर्तमान में नवीन जिला बनाने का प्रस्ताव राज्य सरकार के एक्टिव कंसीडरेशन में नहीं है.

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राज्य सरकार की नीति प्रशासनिक आवश्यकता एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धियों के आधार पर ही नए जिले के गठन के संबंध में निर्णय लिया जाता है. इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया ने कहा कि या तो मैं सवाल नहीं समझ पा रहा हूं या जवाब नहीं. उन्होंने कहा कि सरकार चाहे यह हो या पहले की हो सरकार ने जो समिति बनाई वह सरकार की होती है. सरकार कभी नहीं बदलती केवल व्यक्ति बदलता है. फिर इसमें लिखा गया कि परमेश्वर चंद्र की समिति की कमेटी बनी हुई है इस जवाब का मतलब क्या हुआ.

राजस्थान विधानसभा बजट सत्र

इस पर मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि पिछली सरकार के समय परमेश चंद्र कमेटी बनी उसने अपनी रिपोर्ट दी जो आधी अधूरी थी. क्योंकि उसमें बाकी दूसरे सदस्यों के उस पर हस्ताक्षर नहीं थे. उस पर सिर्फ अध्यक्ष के हस्ताक्षर थे. इसका मतलब साफ है कि यह केवल अध्यक्ष की रिकमेंडेशन थी. अगर उस पर सभी सदस्यों के हस्ताक्षर होते तो वह पूरी कमेटी के रिकमेंडेशन मानी जाती. इसलिए यह कमेटी की रिपोर्ट पूर्ण रिपोर्ट नहीं है और आज की तारीख में कोई कमेटी नए जिलों को लेकर नहीं है.

136 महाविद्यालय बिना भवन के

भवन विहीन महाविद्यालय की जानकारी और बजट प्रावधान को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि प्रदेश में कुल 136 ऐसे महाविद्यालय हैं जिनमें भवन नहीं है. उच्च उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने और आधारभूत सुविधाएं विकसित करने के लिए विभिन्न महाविद्यालयों में इस बार बजट घोषणा में भवन निर्माण एवं अन्य मदों में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.

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भंवर सिंह भाटी ने कहा कि साल 2018-2019 में जितने भी राजकीय महाविद्यालय खोले गए थे. उनके भवन के लिए वित्तीय प्रावधान नहीं किया गया था. यह भवन एमपी, एमएलए कोष या भामाशाह की सहायता से बनाने की घोषणा की गई थी. इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा की 136 की सूची दी गई है. इनमें से 2005-2006 से लेकर 2017-18 तक केवल 31 कॉलेज ऐसे थे जिनके पास अपनी बिल्डिंग नहीं थी और अब जो आपने प्रदेश में 116 कॉलेज खोले हैं, उनमें से किसी में बिल्डिंग नहीं है.

कटारिया ने पूछा कि बजट में कहा गया कि इस बार 100 करोड़ का प्रावधान रखा है तो फिर पिछले महाविद्यालय के लिए कितना बजट प्रावधान था. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि मंत्री ने मान लिया है कि उन्होंने बजट के लिए कोई प्रोविजन नहीं किया गया है. इसी साल से 100 करोड़ का प्रोविजन किया गया है.

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