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बाड़मेर-जैसलमेर में 1570 एमसीएम गैस उत्पादन कर 384 करोड़ का राजस्व अर्जन का रचा नया इतिहास...

राज्य में प्राकृतिक गैस के उत्पादन में पिछले 13 साल में सात गुना बढ़ोतरी हुई है तो राज्य सरकार को (Rajasthan Government Revenue from Gas) राजस्व प्राप्ति में 113 गुना से भी अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

Subodh Agarwal
डॉ. सुबोध अग्रवाल
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Published : Apr 10, 2022, 7:30 PM IST

जयपुर. हाल ही समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में रेकॉर्ड 1570 मिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस का उत्पादन हुआ है. वहीं, राजस्व अर्जन का भी नया कीर्तिमान (Natural Gas in Rajasthan) बनाते हुए राज्य सरकार को 384 करोड़ 54 रुपये राजस्व प्राप्त हुआ है. यह जानकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव खान व पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने दी. रविवार को एक बयान जारी कर उन्होंने बताया कि प्राकृतिक गैस के उत्पादन और राजस्व प्राप्ति में नया इतिहास रचा जा रहा है.

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य में केयर्न वेदांता, फोकस एनर्जी और ऑयल इंडिया द्वारा प्राकृतिक गैस का उत्पादन किया जा रहा है. इसमें सर्वाधिक गैस का उत्पादन केयर्न वेदांता द्वारा बाड़मेर के रागेश्वरी व आसपास के क्षेत्र में किया जा रहा है. फोकस एनर्जी द्वारा जैसलमेर के शाहगढ़ और ऑयल इंडिया द्वारा जैसलमेर के तनोट डांडेवाला क्षेत्र में किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ओएनजीसी के मनहेरा टीब्बा क्षेत्र मेें दो वर्षों से उत्पादन बंद है और कंपनी द्वारा गैस डिहाइड्रेशन यूूनिट लगाई जा रही है, ताकि दोबारा उत्पादन आरंभ किया जा सके.

अग्रवाल ने आगे बताया कि वर्ष 2009-10 में राज्य में समग्र रूप से 214.53 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन हो रहा था जो हाल ही 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 में बढ़कर 1570 मिलियन क्यूबिक मीटर सालाना हो गया है. वहीं, 2009-10 में प्राकृतिक गैस उत्पादन से प्राप्त होने वाला राजस्व 3 करोड़ 39 लाख रुपए था जो 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में रेकॉर्ड 384 करोड़ 54 लाख रुपये हो गया है. उन्होंने बताया कि यह राजस्व इससे पहले के वित्तीय वर्ष 2020-21 की तुलना में भी 3 गुना से भी अधिक है.

पढ़ें : राजस्थान : 60 क्षेत्रों में बजरी खनन के लिए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति जारी, रियल एस्टेट सहित निर्माण क्षेत्र को बड़ी राहत

एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि ओएनजीसी के मनहेरा क्षेत्र में उत्पादन चालू होता तो प्राकृतिक गैस का उत्पादन व राजस्व और भी अधिक होता. उन्होंने बताया कि राज्य में केयर्न वेदांता द्वारा बाड़मेर के रागेश्वरी व आसपास के क्षेत्र में गैस का उत्पादन किया जा रहा है. इनके द्वारा 20-21 में 110 मिलियन क्यूबिक मीटर प्रतिमाह के ओसत से करीब 1320 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस का वार्षिक उत्पादन कर पाइपलाइन के माध्यम से गैस नेशनल ग्रीड में भेजी जाती हैं. वहां से एग्रीमेंट के तहत जीएनएफसी, कृभको, नर्मदा वैली आदि फर्टिलाइजर उत्पादक कंपनियों को भेजी जाती है.

उन्होंने ने बताया कि फोकस एनर्जी और ऑयल इंडिया द्वारा उत्पादित (Subodh Agarwal on Rajasthan Industry Revenue) गैस रामगढ़ पॉवर प्लांट को उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि फोकस एनर्जी द्वारा जैसलमेर के शाहगढ़ ब्लॉक में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 96 मिलियन क्यूबिक मीटर और ऑयल इंडिया द्वारा जैसलमेर के तनोत डांडेवाला क्षेत्र में 2021-22 में 96 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन किया गया है.

पेट्रोलियम विभाग के निदेशक ओम कसेरा ने बताया कि पश्चिम राजस्थान के बाड़मेर और जैसलमेर में प्राकृतिक गैस के विपुल भण्डार होने से चार में से तीन कंपनियों द्वारा उत्पादन किया जा रहा है. कसेरा ने बताया कि 2018-19 में जहां 708.94 मिलियन क्यूबिक मीटर उत्पादन के साथ 100 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था जो 2021-22 में बढ़कर 1570.43 मिलियन क्यूबिक मीटर उत्पादन और 384 करोड़ 54 लाख रुपए का राजस्व अर्जन हो गया है। उन्होंने बताया कि ओएनजीसी के क्षेत्र में भी नई यूनिट से शीघ्र ही उत्पादन आरंभ कराने के प्रयास जारी है.

जयपुर. हाल ही समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में रेकॉर्ड 1570 मिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस का उत्पादन हुआ है. वहीं, राजस्व अर्जन का भी नया कीर्तिमान (Natural Gas in Rajasthan) बनाते हुए राज्य सरकार को 384 करोड़ 54 रुपये राजस्व प्राप्त हुआ है. यह जानकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव खान व पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने दी. रविवार को एक बयान जारी कर उन्होंने बताया कि प्राकृतिक गैस के उत्पादन और राजस्व प्राप्ति में नया इतिहास रचा जा रहा है.

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य में केयर्न वेदांता, फोकस एनर्जी और ऑयल इंडिया द्वारा प्राकृतिक गैस का उत्पादन किया जा रहा है. इसमें सर्वाधिक गैस का उत्पादन केयर्न वेदांता द्वारा बाड़मेर के रागेश्वरी व आसपास के क्षेत्र में किया जा रहा है. फोकस एनर्जी द्वारा जैसलमेर के शाहगढ़ और ऑयल इंडिया द्वारा जैसलमेर के तनोट डांडेवाला क्षेत्र में किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ओएनजीसी के मनहेरा टीब्बा क्षेत्र मेें दो वर्षों से उत्पादन बंद है और कंपनी द्वारा गैस डिहाइड्रेशन यूूनिट लगाई जा रही है, ताकि दोबारा उत्पादन आरंभ किया जा सके.

अग्रवाल ने आगे बताया कि वर्ष 2009-10 में राज्य में समग्र रूप से 214.53 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन हो रहा था जो हाल ही 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 में बढ़कर 1570 मिलियन क्यूबिक मीटर सालाना हो गया है. वहीं, 2009-10 में प्राकृतिक गैस उत्पादन से प्राप्त होने वाला राजस्व 3 करोड़ 39 लाख रुपए था जो 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में रेकॉर्ड 384 करोड़ 54 लाख रुपये हो गया है. उन्होंने बताया कि यह राजस्व इससे पहले के वित्तीय वर्ष 2020-21 की तुलना में भी 3 गुना से भी अधिक है.

पढ़ें : राजस्थान : 60 क्षेत्रों में बजरी खनन के लिए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति जारी, रियल एस्टेट सहित निर्माण क्षेत्र को बड़ी राहत

एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि ओएनजीसी के मनहेरा क्षेत्र में उत्पादन चालू होता तो प्राकृतिक गैस का उत्पादन व राजस्व और भी अधिक होता. उन्होंने बताया कि राज्य में केयर्न वेदांता द्वारा बाड़मेर के रागेश्वरी व आसपास के क्षेत्र में गैस का उत्पादन किया जा रहा है. इनके द्वारा 20-21 में 110 मिलियन क्यूबिक मीटर प्रतिमाह के ओसत से करीब 1320 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस का वार्षिक उत्पादन कर पाइपलाइन के माध्यम से गैस नेशनल ग्रीड में भेजी जाती हैं. वहां से एग्रीमेंट के तहत जीएनएफसी, कृभको, नर्मदा वैली आदि फर्टिलाइजर उत्पादक कंपनियों को भेजी जाती है.

उन्होंने ने बताया कि फोकस एनर्जी और ऑयल इंडिया द्वारा उत्पादित (Subodh Agarwal on Rajasthan Industry Revenue) गैस रामगढ़ पॉवर प्लांट को उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि फोकस एनर्जी द्वारा जैसलमेर के शाहगढ़ ब्लॉक में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 96 मिलियन क्यूबिक मीटर और ऑयल इंडिया द्वारा जैसलमेर के तनोत डांडेवाला क्षेत्र में 2021-22 में 96 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन किया गया है.

पेट्रोलियम विभाग के निदेशक ओम कसेरा ने बताया कि पश्चिम राजस्थान के बाड़मेर और जैसलमेर में प्राकृतिक गैस के विपुल भण्डार होने से चार में से तीन कंपनियों द्वारा उत्पादन किया जा रहा है. कसेरा ने बताया कि 2018-19 में जहां 708.94 मिलियन क्यूबिक मीटर उत्पादन के साथ 100 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था जो 2021-22 में बढ़कर 1570.43 मिलियन क्यूबिक मीटर उत्पादन और 384 करोड़ 54 लाख रुपए का राजस्व अर्जन हो गया है। उन्होंने बताया कि ओएनजीसी के क्षेत्र में भी नई यूनिट से शीघ्र ही उत्पादन आरंभ कराने के प्रयास जारी है.

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