जयपुर. सूर्य ग्रहण होने पर कई बार चेतावनी दी जाती है कि ग्रहण को नंगी आंखों से ना देखें क्योंकि इससे आंखें खराब होने का खतरा होता है. हाल ही बीते वर्ष 2019 के 26 दिसंबर को हुए आखिरी सूर्य ग्रहण के बाद कुछ बच्चों की आंखें खराब होने के मामले सामने आए हैं. जिसके बाद कुछ चिकित्सक भी हैरान है.
सवाई मानसिंह अस्पताल के नेत्र विभाग के एचओडी डॉक्टर कमलेश खिलनानी ने बताया कि सूर्य ग्रहण के बाद आंखों के खराब होने के कुछ मामले सामने आए हैं. इनमें खासकर छोटे बच्चों हैं जिनकी आंखें 40 फीसदी से अधिक खराब हो चुकी हैं. वहीं इनमें से 2 बच्चे तो ऐसे हैं जिनका रेटीना 70% तक खराब हो चुका है.
डॉक्टर कमलेश खिलनानी ने बताया कि वैसे तो नंगी आंखों से ग्रहण देखना खतरनाक हो सकता है लेकिन इस बार जो ग्रहण हुआ उसके बाद अस्पताल में कुछ मरीज आंखों की समस्या लेकर आए हैं. इनमें से अधिकतर बच्चों की आंखों में धुंधलापन नजर आ रहा है.
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ऐसे मामले सामने आने पर खुद चिकित्सक भी हैरान हैं. डॉक्टर कमलेश खिलनानी ने बताया कि इससे पहले भी कई बार सूर्य ग्रहण हुए लेकिन इस तरह के मामले सामने नहीं आए लेकिन 26 दिसंबर को हुए सूर्यग्रहण के बाद कुछ बच्चों को लेकर उनके परिजन अस्पताल पहुंचे थे. इन बच्चों को आंखों से धुंधला दिखाई देने लगा. अधिकतर बच्चों की आंखों की रोशनी 40 से 50 फ़ीसदी तक जा चुकी है.
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गौरतलब है कि साल 2019 का अंतिम सूर्यग्रहण 26 दिसंबर को था. यह सूर्य ग्रहण सुबह 7.59 बजे शुरू हुआ था और दोपहर 01.35 पर समाप्त हुआ, जोकि 5 घंटे 36 मिनट का था. इस दौरान कुछ बच्चों ने बिना चश्मे या सुरक्षा इंतजाम के सूर्यग्रहण देखा था. फिलहाल नेत्र रोग विशेषज्ञ प्रभावित बच्चों के इलाज में जुटे हैं.