जयपुर. प्रदेश भर के रेजिडेंट चिकित्सक सोमवार रात 8 बजे से संपूर्ण कार्य बहिष्कार (Resident Doctors Strike in Rajasthan) पर चले गए हैं. इससे पहले चिकित्सकों की ओर से ओपीडी और आईपीडी सेवाओं का ही बहिष्कार किया जा रहा था, लेकिन अब रेजिडेंट चिकित्सक संपूर्ण कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं. इन चिकित्सकों का कहना है कि उनकी आठ सूत्रीय मांगे हैं, जिसे लेकर वे आंदोलन कर रहे हैं.
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दरअसल, बीते 8 दिनों से अपनी मांगों को लेकर रेजिडेंट चिकित्सक हड़ताल पर हैं. इन चिकित्सकों की मांग है कि नीट पीजी काउंसलिंग (Delay In Neet PG Counseling) जल्द से जल्द शुरू की जाए. हालांकि, काउंसलिंग से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, लेकिन रेजिडेंट चिकित्सकों का कहना है कि सरकार मामले में हस्तक्षेप करें. ऐसे में अपनी इन्हीं मांगों को लेकर चिकित्सक लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
बता दें, रेजिडेंट चिकित्सक सोमवार रात 8 बजे बाद पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार (Resident Doctors of 8 Medical Colleges boycott work) पर चले गए हैं, जिसमें आईसीयू और आपातकालीन सेवाएं भी शामिल है. रेजिडेंट चिकित्सकों की आठ सूत्रीय मांगे हैं जिनमें नीट पीजी काउंसलिंग शुरू करवाने के अलावा, शैक्षणिक गतिविधियों में आ रही परेशानी, in-service रेजिडेंट की पीजी पूर्ण होने के बाद कई महीनों तक वेतन संबंधी समस्याएं और मेडिकल कॉलेजों में प्री पैराक्लिनिकल विषय में सीनियर रेजिडेंट की सीटें नहीं होने आदि की मांग इन रेजिडेंट चिकित्सकों द्वारा की जा रही है.
हालांकि, मामले को लेकर हाल ही में प्रदेश के चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा (Parsadi Lal Meena Letter to Mansukh Mandaviya) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर काउंसलिंग मामले में आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह भी किया था. इसी दौरान 1054 जूनियर रेजिडेंट के अस्थाई पद भी स्वीकृत किए गए थे.