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फिर होगी मरीजो को आफत, रेजिडेंट डॉक्टर जा सकते है हड़ताल पर !

रेजिडेंट डॉक्टर और सरकार के बीच हुई वार्ता विफल रही है. ऐसे में मंगलवार सुबह 9 बजे तक बात नहीं बनी, तो फिर रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर जाएंगे. ऐसे में सरकारी अस्पतालों में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

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Published : Dec 2, 2019, 10:26 PM IST

जयपुर. प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्थाएं एक बार फिर बेपटरी हो सकती है, क्योंकि रेजिडेंट डॉक्टरों ने फिर हड़ताल पर जाने की ठानी है. ऐसे में तीमारदार अपने मरीजों के इलाज को लेकर परेशान होते नजर आएंगे. रेजिडेंट डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में रेजिडेंट डॉक्टर और सरकार के बीच लगातार वार्ता विफल हो रही है. लेकिन सुबह 9 बजे तक बात नहीं बनी तो रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे.

रेजिडेंट डॉक्टर जा सकते है हड़ताल पर

रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा, फीस वृद्धि वापस लेने सहित चार सूत्री मांगे हैं. मांगों को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर और सरकार के बीच वार्ता भी हुई. लेकिन वार्ता में सहमति नहीं बनी और असफल रही. वहीं वार्ता के बाद डॉक्टरों ने जीबीएम बुलाई, जिसमें कहीं अहम बातों पर मंथन हुआ. जीबीएम के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने कहा है कि मांगों को पूरा करने और सरकार का रुख रखने के लिए डॉक्टरों ने मंगलवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया है. यदि फिर भी सरकार मांगों को लेकर नहीं मानती है तो मंगलवार सुबह से प्रदेशभर के रेजीडेंट डॉक्टरो ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है.

यह भी पढ़ें- दारा सिंह एनकाउंटर केस: दारा की विधवा और साथी सहित 9 पुलिसकर्मियों को नोटिस

ऐसे में यदि मंगलवार सुबह 9 बजे तक सरकार रेजिडेंट डॉक्टरों की मांगों को नहीं मानती है, तो फिर अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्थाएं बिगड़ सकती है. इसको लेकर रेजिडेंट डॉक्टरों ने चेतावनी भी जारी की है कि हड़ताल के दौरान कुछ भी परेशानी होगी तो उसकी जिम्मेदार सीधे सरकार होगी. ऐसे में साफ जाहिर होता है कि सभी को अब अपनी मांगों को मनवाने का जरिया हड़ताल नजर आता है लेकिन इस बीच इसका खामियाजा सिर्फ आम जनता को भुगतना पड़ता है. क्योंकि इस साल अनगिनत बार रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर जा चुके हैं.

जयपुर. प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्थाएं एक बार फिर बेपटरी हो सकती है, क्योंकि रेजिडेंट डॉक्टरों ने फिर हड़ताल पर जाने की ठानी है. ऐसे में तीमारदार अपने मरीजों के इलाज को लेकर परेशान होते नजर आएंगे. रेजिडेंट डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में रेजिडेंट डॉक्टर और सरकार के बीच लगातार वार्ता विफल हो रही है. लेकिन सुबह 9 बजे तक बात नहीं बनी तो रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे.

रेजिडेंट डॉक्टर जा सकते है हड़ताल पर

रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा, फीस वृद्धि वापस लेने सहित चार सूत्री मांगे हैं. मांगों को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर और सरकार के बीच वार्ता भी हुई. लेकिन वार्ता में सहमति नहीं बनी और असफल रही. वहीं वार्ता के बाद डॉक्टरों ने जीबीएम बुलाई, जिसमें कहीं अहम बातों पर मंथन हुआ. जीबीएम के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने कहा है कि मांगों को पूरा करने और सरकार का रुख रखने के लिए डॉक्टरों ने मंगलवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया है. यदि फिर भी सरकार मांगों को लेकर नहीं मानती है तो मंगलवार सुबह से प्रदेशभर के रेजीडेंट डॉक्टरो ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है.

यह भी पढ़ें- दारा सिंह एनकाउंटर केस: दारा की विधवा और साथी सहित 9 पुलिसकर्मियों को नोटिस

ऐसे में यदि मंगलवार सुबह 9 बजे तक सरकार रेजिडेंट डॉक्टरों की मांगों को नहीं मानती है, तो फिर अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्थाएं बिगड़ सकती है. इसको लेकर रेजिडेंट डॉक्टरों ने चेतावनी भी जारी की है कि हड़ताल के दौरान कुछ भी परेशानी होगी तो उसकी जिम्मेदार सीधे सरकार होगी. ऐसे में साफ जाहिर होता है कि सभी को अब अपनी मांगों को मनवाने का जरिया हड़ताल नजर आता है लेकिन इस बीच इसका खामियाजा सिर्फ आम जनता को भुगतना पड़ता है. क्योंकि इस साल अनगिनत बार रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर जा चुके हैं.

Intro:रेजिडेंट डॉक्टर और सरकार के बीच वार्ता विफल रही. ऐसे में मंगलवार सुबह 9 बजे तक नहीं बनी बात. तो फिर रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर जाएंगे. ऐसे में सरकारी अस्पतालों में मरीजों को झेलनी पड़ेगी परेशानी.


Body:जयपुर : प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्थाएं एक बार फिर बेपटरी हो सकती है. क्योंकि रेजिडेंट डॉक्टरों ने फिर हड़ताल पर जाने की ठानी है. ऐसे में तीमारदार अपने मरीजों के इलाज को लेकर परेशान होते नजर आएंगे. क्योंकि रेजिडेंट डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में रेजिडेंट डॉक्टर और सरकार के बीच लगातार वार्ता विफल हो रही है. लेकिन सुबह 9 बजे तक बात नहीं बनी तो रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे.

रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा, फीस वृद्धि वापस लेने सहित चार सूत्री मांगे हैं. मांगों को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर और सरकार के बीच वार्ता भी हुई. लेकिन वार्ता में सहमति नहीं बनी और असफल रही. वही वार्ता के बाद डॉक्टरों ने जीबीएम बुलाई, जिसमें कहीं अहम बातों पर मंथन हुआ. जीबीएम के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने कहा है, कि मांगों को पूरा करने और सरकार का रुख रखने के लिए डॉक्टरों ने मंगलवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया है. यदि फिर भी सरकार मांगों को लेकर नहीं मानती है तो मंगलवार सुबह से प्रदेशभर के रेजीडेंट डॉक्टरो ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है.

ऐसे में यदि मंगलवार सुबह 9 बजे तक सरकार रेजिडेंट डॉक्टरों की मांगों को नहीं मानती है, तो फिर अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्थाएं बिगड़ सकती है. इसको लेकर रेजिडेंट डॉक्टरों ने चेतावनी भी जारी की है की हड़ताल के दौरान कुछ भी परेशानी होगी तो उसकी जिम्मेदार सीधे सरकार होगी. ऐसे में साफ जाहिर होता है कि सभी को अब अपनी मांगों को मनवाने का जरिया हड़ताल नजर आता है लेकिन इस बीच इसका खामियाजा सिर्फ आम जनता को भुगतना पड़ता है. क्योंकि इस साल अनगिनत बार रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर जा चुके हैं.

बाइट -डॉ अजीत बागड़ा, अध्यक्ष, जार्ड


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