जयपुर. प्रदेश भर के रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार को 2 घंटे के कार्य बहिष्कार पर रहे. इस दौरान कोविड ड्यूटी का बहिष्कार रेजिडेंट चिकित्सकों की ओर से नहीं किया गया. इन रेजिडेंट डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार मूलभूत मांगों को नहीं मानती है तो आने वाले समय में रेजीडेंट चिकित्सक कोविड ड्यूटी का बहिष्कार भी कर सकते हैं.
इस मामले को लेकर जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (जार्ड) के उपाध्यक्ष डॉ. प्रशांत पाराशर का कहना है कि हमारी कुछ सरकार से मांगी थी. जिसे लेकर हमने करीब 1 महीने पहले सरकार को अवगत भी करा दिया था. जिसमें पीजी बैच की एग्जाम तय समय पर मई के आखिरी सप्ताह में पूरी कराई जाए. वहीं बीते 1 साल से रेजीडेंट चिकित्सक स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग कर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी सरकार की ओर से स्टाइपेंड नहीं बढ़ाया गया और अन्य राज्यों के मुकाबले राजस्थान के रेजिडेंट चिकित्सकों का स्टाइपेंड काफी कम है. इसके अलावा कोविड-19 में कार्यरत चिकित्सकों को हार्ड ड्यूटी एलाउंस दिया जाए और रेजिडेंट चिकित्सकों को कोविड-19 ड्यूटी के बाद 7 दिन क्वॉरेंटाइन लीव दी जाए.
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आपातकालीन सेवाएं और कोविड ड्यूटी सुचारू रही
वहीं जार्ड के जनरल सेक्रेटरी रविंद्र बिजारणिया का कहना है कि यदि सरकार हमारी इन मूलभूत मांगों को पूरा नहीं करती है तो एसोसिएशन की ओर से कड़े कदम उठाए जाएंगे और यहां तक की कोविड ड्यूटी का भी बहिष्कार किया जाएगा. सोमवार को रेजिडेंट चिकित्सकों की ओर से 2 घंटे का कार्य बहिष्कार भी किया गया लेकिन इस दौरान आपातकालीन सेवाओं और कोविड ड्यूटी सुचारू रूप से चालू रही.