चमोली/देहरादून: उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से आई तबाही के बाद अब पूरा फोकस राहत-बचाव के काम पर है. सबसे बड़ी मुश्किल तपोवन की टनल में आ रही है, जहां करीब 35 लोगों के फंसे होने की आशंका है. सुरंग कीचड़ से भरी हुई है, ऐसे में अंदर जाने में काफी मुश्किलें हैं. लेकिन रेस्क्यू करने वाली टीम अभी भी मिशन में जुटी हैं.
लगातार तीन दिनों से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सेना और स्थानीय प्रशासन रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर चला रहा है. एनडीआरएफ के साथ-साथ दूसरी एजेंसियां इस कोशिश में लगीं हैं कि किसी तरह उस छोर तक पहुंचा जाए, जहां करीब 35 लोगों के फंसे होने की संभावना जताई जा रही है.
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🔸#Uttarakhand #GlacierBurst Update
— ѕαtчα prαdhαnसत्य नारायण प्रधान ସତ୍ଯପ୍ରଧାନ-DG NDRF (@satyaprad1) February 9, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
🔸@NDRFHQ @ Work 24x7
🔸Working at 𝐓𝐮𝐧𝐧𝐞𝐥
🔸Cutting thru tough debris/cable
🔸Never Give Up 🙏🏻
🔸#DutyWillContinue✊
🔸#CloseCoordWithAgencies✊#Committed2Help 🇮🇳@PMOIndia @HMOIndia @BhallaAjay26 @PIBHomeAffairs @PIBDehradun pic.twitter.com/JrKesEQnbj
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ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए टनल में राहत बचाव कार्य में जुटे विद्या दत्त ने बताया कि टनल के अंदर बड़ी-बड़ी मशीनों के अलावा एक स्कॉर्पियो गाड़ी, एक बड़ा लोडर, एक जेसीबी के साथ-साथ दो अन्य गाड़ियां भी मौजूद हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन को मॉनिटर करने के लिए दो बड़े अधिकारी खुद टनल के अंदर मौजूद हैं. विद्या दत्त ने बताया कि अभी टनल के अंदर मलबे के बाद पानी भी हो सकता है, लिहाजा सावधानी के साथ मलबे को बाहर निकाला जा रहा है.
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तपोवन टनल में रेस्क्यू काम में जुटे लोगों का कहना है कि सुरंग के अंदर भारी कीचड़, गाद और बोल्डर की वजह से राहत बचाव कार्य में समय लग रहा है. राहत बचाव कार्यों में जुटीं एजेंसियों ने तीन दिन में लगभग 100 मीटर तक मलबा साफ किया है. ऐसे में 3 या 4 दिन और लग सकते हैं. विद्या दत्त का कहना है कि पीछे से आ रही 1.7 किमी लंबी टनल में भी पानी और मलबा आया होगा. लिहाजा एंट्री प्वॉइंट्स के साथ-साथ दूसरे हिस्सों को भी नुकसान पहुंचा होगा.