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कलेक्टर की जयपुरवासियों से अपील, पटाखे चलाते समय रोगी, विद्यार्थियों और बुजुर्गों का रखें ध्यान

जयपुर में कलेक्टर जगरूप सिंह यादव शहरवासियों से अनुरोध किया है कि जिम्मेदार नागरिक बनें. इसके साथ ही दीपावली के अवसर पर पटाखे और आतिशबाजी चलाते समय रोगियों, विद्यार्थियों, बुजुर्गों की सुविधा और असुविधा और इस संबंध में जारी किये गए दिशा निर्देशों और एडवाइजरी का पूरा ध्यान रखें.

जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव, jaipur latest news
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Published : Oct 26, 2019, 6:56 PM IST

जयपुर. जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने जयपुर वासियों से अनुरोध किया है कि जिम्मेदार नागरिक की तरह दीपावली के अवसर पर पटाखे और आतिशबाजी चलाते समय रोगियों, विद्यार्थियों, बुजुर्गों की सुविधा और असुविधा और इस संबंध में जारी किये गए दिशा निर्देशों और एडवाइजरी का पूरा ध्यान रखें. यथा संभव हो सके ग्रीन पटाखों का ही उपयोग करें.

जगरूप सिंह यादव ने शहरवासियों से कहा कि जिम्मेदार नागरिक बने

कलेक्टर यादव ने बताया कि दीपावली पर पटाखों के उपयोग को लेकर जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है. वह सामान्यत अन्य सामाजिक, धार्मिक अवसरों पर आतिशबाजी के उपयोग पर भी लागू होती है. उन्होंने कहा कि अधिक शोर वाले पटाखे चलाने से कई बार पक्षियों की जान चली जाती है.

वहीं, वायु प्रदूषण के कारण अस्थमा रोगियों की जान पर बन आती है और जलने का भी खतरा रहता है. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को भी इससे परेशानी होती है. ऐसे में ग्रीन पटाखों का उपयोग को ही प्रोत्साहित करें.

पढ़ें- यात्रीगण कृपया ध्यान दें, दीपावली के मौके पर ट्रेनों में बढ़ती भीड़ को लेकर रेलवे ने आपके लिए शुरू की है 5 नई ट्रेनें

साथ ही उन्होंने कहा कि नया चलन होने के कारण ग्रीन पटाखों की उपलब्धता वर्तमान में कम हो सकती है. लेकिन, ऐसा नहीं है कि बाजार में ग्रीन पटाखे है ही नहीं. समय और उपयोग के साथ ग्रीन पटाखों का व्यापार और उपलब्धता बढ़ेगी. ग्रीन पटाखों के उपयोग से प्रदूषण में 40% तक की कमी आती है. रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक और शांत क्षेत्र में पटाखों के उपयोग पर नॉइज कंट्रोल एक्ट एक्ट के तहत पाबंदी है.

बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय और पर्यावरण मंत्रालय की ओर से एडवाइजरी जारी की जा चुकी है. यादव ने कहा कि हर सार्वजनिक स्थल पर आतिशबाजी के लिए उसी तरह से संबंधित निकाय मजिस्ट्रेट की अनुमति आवश्यक है. जिस प्रकार से अन्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों अथवा धरना प्रदर्शन और बैठक के लिए अनुमति ली जाती है.

जयपुर. जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने जयपुर वासियों से अनुरोध किया है कि जिम्मेदार नागरिक की तरह दीपावली के अवसर पर पटाखे और आतिशबाजी चलाते समय रोगियों, विद्यार्थियों, बुजुर्गों की सुविधा और असुविधा और इस संबंध में जारी किये गए दिशा निर्देशों और एडवाइजरी का पूरा ध्यान रखें. यथा संभव हो सके ग्रीन पटाखों का ही उपयोग करें.

जगरूप सिंह यादव ने शहरवासियों से कहा कि जिम्मेदार नागरिक बने

कलेक्टर यादव ने बताया कि दीपावली पर पटाखों के उपयोग को लेकर जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है. वह सामान्यत अन्य सामाजिक, धार्मिक अवसरों पर आतिशबाजी के उपयोग पर भी लागू होती है. उन्होंने कहा कि अधिक शोर वाले पटाखे चलाने से कई बार पक्षियों की जान चली जाती है.

वहीं, वायु प्रदूषण के कारण अस्थमा रोगियों की जान पर बन आती है और जलने का भी खतरा रहता है. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को भी इससे परेशानी होती है. ऐसे में ग्रीन पटाखों का उपयोग को ही प्रोत्साहित करें.

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साथ ही उन्होंने कहा कि नया चलन होने के कारण ग्रीन पटाखों की उपलब्धता वर्तमान में कम हो सकती है. लेकिन, ऐसा नहीं है कि बाजार में ग्रीन पटाखे है ही नहीं. समय और उपयोग के साथ ग्रीन पटाखों का व्यापार और उपलब्धता बढ़ेगी. ग्रीन पटाखों के उपयोग से प्रदूषण में 40% तक की कमी आती है. रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक और शांत क्षेत्र में पटाखों के उपयोग पर नॉइज कंट्रोल एक्ट एक्ट के तहत पाबंदी है.

बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय और पर्यावरण मंत्रालय की ओर से एडवाइजरी जारी की जा चुकी है. यादव ने कहा कि हर सार्वजनिक स्थल पर आतिशबाजी के लिए उसी तरह से संबंधित निकाय मजिस्ट्रेट की अनुमति आवश्यक है. जिस प्रकार से अन्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों अथवा धरना प्रदर्शन और बैठक के लिए अनुमति ली जाती है.

Intro:जयपुर। जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने जयपुर वासियों से अनुरोध किया है कि जिम्मेदार नागरिक की तरह दीपावली के अवसर पर पटाखे और आतिशबाजी चलाते समय रोगियों, विद्यार्थियों, बुजुर्गों की सुविधा और असुविधा और इस संबंध में जारी किये गए दिशा निर्देशों एवं एडवाइजरी का पूरा ध्यान रखें। यथा संभव हो सके ग्रीन पटाखों का ही उपयोग करें।


Body:कलेक्टर यादव ने बताया कि दीपावली पर पटाखों के उपयोग को लेकर जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है, वह सामान्यत अन्य सामाजिक, धार्मिक अवसरों पर आतिशबाजी के उपयोग पर भी लागू होती है। उन्होंने कहा कि अधिक शोर वाले पटाखे चलाने से कई बार पक्षियों की जान चली जाती है। वायु प्रदूषण के कारण अस्थमा रोगियों की जान पर बन आती है और जलने का भी खतरा रहता है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को भी इससे परेशानी होती है
ऐसे में ग्रीन पटाखों का उपयोग को ही प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि नया चलन होने के कारण ग्रीन पटाखों की उपलब्धता वर्तमान कम हो सकती है, लेकिन ऐसा नही है कि बाजार में ग्रीन पटाखे है ही नही। समय और उपयोग के साथ ग्रीन पटाखों का व्यापार और उपलब्धता बढ़ेगा। ग्रीन पटाखों के उपयोग से प्रदूषण में 40% तक की कमी आती है। रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक और शांत क्षेत्र में पटाखों के उपयोग पर नॉइज़ कंट्रोल एक्ट एक्ट के तहत पाबंदी है। सर्वोच्च न्यायालय और पर्यावरण मंत्रालय
की ओर से एडवाइजरी जारी की जा चुकी है। यादव ने कहा कि हर सार्वजनिक स्थल पर आतिशबाजी के लिए उसी तरह से संबंधित निकाय मजिस्ट्रेट की अनुमति आवश्यक है जिस प्रकार से अन्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों अथवा धरना प्रदर्शन और बैठक के लिए अनुमति ली जाती है।

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