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कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट, वन बार वन वोट के साथ ही परिणाम के बाद लिस्ट BCR भेजने का सुझाव

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Published : Sep 26, 2022, 4:52 PM IST

सुप्रीम कोर्ट और बार कौंसिल ऑफ राजस्थान (BCR) के बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव को लेकर आदेशों की पालना के लिए रूपरेखा तय करने के लिए गठित कमेटी ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट बार एसोसिएशन को सौंपी (report of committee for BCR election) है. इसमें वन बार वन वोट के सुझाव सहित अन्‍य सुझाव भी दिए गए हैं.

Report of committee for BCR election suggestions include one BAR one Vote
कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट, वन बार वन वोट के साथ ही परिणाम के बाद लिस्ट BCR भेजने का सुझाव

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव में 'वन बार वन वोट' सहित अन्य मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट और बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के आदेशों की पालना के लिए रूपरेखा तय करने के लिए गठित कमेटी ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट बार एसोसिएशन को सौंपी है. पांच पूर्व बार अध्यक्षों कमलाकर शर्मा, लोकेश शर्मा, आरपी सिंह, आरबी माथुर और माधव मित्र की ओर से मामले में सुप्रीम कोर्ट और बीसीआर के आदेशों की कड़ाई से पालन करने की बात कही गई है.

रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि दूसरी बार में वोट देने वाला वकील हाईकोर्ट बार में ना तो चुनाव लड़ पाएगा और ना ही अपना वोट दे (Suggestions for BCR election) पाएगा. वहीं मतदाता सूची को अंतिम रूप देने से कम से कम दो दिन पहले हर सदस्य इस संबंध में शपथ पत्र देगा. यदि यह शपथ पत्र झूठा पाया जाए, तो उसकी सदस्यता तीन साल के लिए स्वतः ही निरस्त हो जाएगी और चुनाव समिति अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए प्रकरण को बीसीआर को भेजने के साथ ही आईपीसी के तहत भी कार्रवाई पर विचार करे. कमेटी ने सुझाव दिया है कि यह शपथ पत्र एक बार दिया जाएगा और यदि कोई वकील दूसरी बार में शिफ्ट होना चाहता है तो एसोसिएशन में प्रार्थना पत्र करेगा, जिस पर कार्यकारिणी निर्णय करेगी.

पढ़ें: उदयपुर में 40 साल से हाईकोर्ट बेंच का इंतजार...हर माह 7 तारीख को वकील करते हैं प्रदर्शन

वहीं एक बार शपथ पत्र देने के बाद उसे तीन वार्षिक चुनाव से पहले वापस नहीं लिया जा सकेगा. इसके अलावा चुनाव परिणाम के सात दिन में कमेटी वोटर लिस्ट को बीसीआर को भेजे. इसके अलावा अगले वर्ष के चुनाव की अग्रिम सूचना वर्तमान वर्ष के चुनाव परिणाम से पूर्व ही घोषित की जाए. वहीं यदि कार्यकारिणी एक साल में चुनाव नहीं करा जाए, तो तीन पूर्व अध्यक्षों की कमेटी जल्द से जल्द चुनाव करना सुनिश्चित करे.

पढ़ें: बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के निर्देश पर बनी जिला बार एसोसिएशन की कमेटी की हुई बैठक

पांच सदस्यीय कमेटी ने सुझाव दिया है कि कोई भी पदाधिकारी व सदस्य लगातार दो कार्यकाल से अधिक पद पर नहीं रहे. इसके अलावा अध्यक्ष पद के लिए 15 साल, उपाध्यक्ष और महासचिव के लिए 10 साल और अन्य पदों के लिए 5 साल का अनुभव जरूरी होने के साथ ही अध्यक्ष व महासचिव के लिए 20 हजार रुपए, उपाध्यक्ष के लिए 15 हजार रुपए और अन्य पदाधिकारियों व सदस्य के लिए 10 हजार रुपए इलेक्शन फीस रखी जाए.

पढ़ें: VIRAL VIDEO: सुलभ कॉम्प्लेक्स की उद्घाटन पट्टिका को लेकर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष के बीच विवाद

गौरतलब है कि बीसीआर ने सितंबर 2017 और मई 2022 के सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए गत दिनों सभी बार एसोसिएशनों को पत्र लिखकर आदेश की पालना को कहा था. इसके बाद हाईकोर्ट बार ने 18 नवंबर को चुनाव घोषित करते हुए सुप्रीम कोर्ट और बीसीआर के आदेशों की पालना को लेकर रूपरेखा तय करने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव में 'वन बार वन वोट' सहित अन्य मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट और बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के आदेशों की पालना के लिए रूपरेखा तय करने के लिए गठित कमेटी ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट बार एसोसिएशन को सौंपी है. पांच पूर्व बार अध्यक्षों कमलाकर शर्मा, लोकेश शर्मा, आरपी सिंह, आरबी माथुर और माधव मित्र की ओर से मामले में सुप्रीम कोर्ट और बीसीआर के आदेशों की कड़ाई से पालन करने की बात कही गई है.

रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि दूसरी बार में वोट देने वाला वकील हाईकोर्ट बार में ना तो चुनाव लड़ पाएगा और ना ही अपना वोट दे (Suggestions for BCR election) पाएगा. वहीं मतदाता सूची को अंतिम रूप देने से कम से कम दो दिन पहले हर सदस्य इस संबंध में शपथ पत्र देगा. यदि यह शपथ पत्र झूठा पाया जाए, तो उसकी सदस्यता तीन साल के लिए स्वतः ही निरस्त हो जाएगी और चुनाव समिति अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए प्रकरण को बीसीआर को भेजने के साथ ही आईपीसी के तहत भी कार्रवाई पर विचार करे. कमेटी ने सुझाव दिया है कि यह शपथ पत्र एक बार दिया जाएगा और यदि कोई वकील दूसरी बार में शिफ्ट होना चाहता है तो एसोसिएशन में प्रार्थना पत्र करेगा, जिस पर कार्यकारिणी निर्णय करेगी.

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वहीं एक बार शपथ पत्र देने के बाद उसे तीन वार्षिक चुनाव से पहले वापस नहीं लिया जा सकेगा. इसके अलावा चुनाव परिणाम के सात दिन में कमेटी वोटर लिस्ट को बीसीआर को भेजे. इसके अलावा अगले वर्ष के चुनाव की अग्रिम सूचना वर्तमान वर्ष के चुनाव परिणाम से पूर्व ही घोषित की जाए. वहीं यदि कार्यकारिणी एक साल में चुनाव नहीं करा जाए, तो तीन पूर्व अध्यक्षों की कमेटी जल्द से जल्द चुनाव करना सुनिश्चित करे.

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पांच सदस्यीय कमेटी ने सुझाव दिया है कि कोई भी पदाधिकारी व सदस्य लगातार दो कार्यकाल से अधिक पद पर नहीं रहे. इसके अलावा अध्यक्ष पद के लिए 15 साल, उपाध्यक्ष और महासचिव के लिए 10 साल और अन्य पदों के लिए 5 साल का अनुभव जरूरी होने के साथ ही अध्यक्ष व महासचिव के लिए 20 हजार रुपए, उपाध्यक्ष के लिए 15 हजार रुपए और अन्य पदाधिकारियों व सदस्य के लिए 10 हजार रुपए इलेक्शन फीस रखी जाए.

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गौरतलब है कि बीसीआर ने सितंबर 2017 और मई 2022 के सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए गत दिनों सभी बार एसोसिएशनों को पत्र लिखकर आदेश की पालना को कहा था. इसके बाद हाईकोर्ट बार ने 18 नवंबर को चुनाव घोषित करते हुए सुप्रीम कोर्ट और बीसीआर के आदेशों की पालना को लेकर रूपरेखा तय करने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था.

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