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रीट भर्ती पेपर लीक मामले में राज्य सरकार और बोर्ड से मांगा जवाब

मांग की गई है कि जांच में पेपर लीक होना पाया जाता है तो परीक्षा को रद्द कर नए सिरे से परीक्षा आयोजित की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

रीट भर्ती पेपर लीक मामला
रीट भर्ती पेपर लीक मामला
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Published : Oct 6, 2021, 3:06 PM IST

Updated : Oct 7, 2021, 10:59 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने रीट भर्ती-2021 में हुए कथित पेपर लीक मामले को प्रमुख शिक्षा सचिव, डीजीपी, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सहित एसओजी से 27 अक्टूबर तक जवाब मांगा है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह ने यह आदेश मधु कुमारी नागर व अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया की रीट परीक्षा शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही अनाधिकृत लोगों के पास पेपर और आंसर की आ गई थी. इसके अलावा राज्य सरकार ने एक तरफ पेपर लीक और नकल कराने को लेकर एफआईआर दर्ज कर कई लोगों को गिरफ्तार और निलंबित भी किया है, लेकिन दूसरी ओर इसे पेपर लीक नहीं मान रही है.

पढ़ें. जारोली का काम जीरो, REET पेपर लीक के तार सत्ता से जुड़े, बत्तीलाल कांग्रेस कार्यकर्ता : वासुदेव देवनानी

याचिका में कहा गया की पेपर लीक को लेकर सवाई माधोपुर के गंगापुर सिटी और जयपुर के सिंधी कैम्प थाने में एफआईआर दर्ज हुई है. जिसमें पुलिसकर्मियों सहित अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है. ऐसे में पुलिस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती.

इसलिए मामले की जांच सीबीआई या किसी स्वतंत्र जांच एजेन्सी से कराई जाए और जांच लंबित रहने तक परीक्षा का परिणाम जारी नहीं किया जाए. इसके अलावा जांच में पेपर लीक होना पाया जाता है तो परीक्षा को रद्द कर नए सिरे से परीक्षा आयोजित की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

रीट पेपर लीक मामले में सियासत तेज

रीट पेपर लीक मामले में कांग्रस सरकार घिरती नजर आ रही है. एक तरफ हाईकोर्ट सरकार से पेपर लीक मामले में जवाब मांग रही है तो दूसरी ओर भाजपा भी हमलावर हो गई है. भाजपा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीना ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. डीपी जारोली की भूमिका पर भी सवालिया निशान लगा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि जयपुर जिले में सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. प्रदीप पाराशर को गलत तरीके से समन्वयक बनाया गया. यही कारण है कि पेपर आउट हो गया. वहीं दूसरी और राजेंद्र राठौड़, सतीश पूनिया समेत कई भाजपा नेताओं ने भी पेपर लीक मामले में गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है.

पढ़ें. REET Paper Leak: शिक्षा मंत्री पर कार्रवाई करने वाले भी धांंधली में शामिल, सीबीआई जांच हुई तो आंच सीएमओ तक पहुंचेगी- किरोड़ी लाल मीणा

बेरोजगार युवक भी आंदोलन की राह पर

रीट पेपर लीक मामले को लेकर बेरोजगार युवा भी आंदोलन की राह पर हैं. राजनीतिक पार्टियों से लेकर बेरोजगार युवा संघ तक रीट मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार अभी भी कोई निर्णय नहीं ले सकी है. शहीद स्मारक पर धरने दे रहे बेरोजगारों पर पुलिस की ओऱ से लाठियां भांजने के बाद मामले को लेकर युवाओं में भी नाराजगी है.

शिक्षा मंत्री डोटासरा को भी घेरा

आरपीएससी मामले के बाद रीट पेपर लीक मामले में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा फिर घिर गए हैं. भाजपा नेताओं ने डोटासरा की भूमिका पर भी सवालिया निशान लगाते हुए मामले की जांच कराने की मांग की है. भाजपाइयों ने पेपर लीक प्रकरण में डोटासरा की भूमिका को भी संदिग्ध बताया है.

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने रीट भर्ती-2021 में हुए कथित पेपर लीक मामले को प्रमुख शिक्षा सचिव, डीजीपी, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सहित एसओजी से 27 अक्टूबर तक जवाब मांगा है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह ने यह आदेश मधु कुमारी नागर व अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया की रीट परीक्षा शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही अनाधिकृत लोगों के पास पेपर और आंसर की आ गई थी. इसके अलावा राज्य सरकार ने एक तरफ पेपर लीक और नकल कराने को लेकर एफआईआर दर्ज कर कई लोगों को गिरफ्तार और निलंबित भी किया है, लेकिन दूसरी ओर इसे पेपर लीक नहीं मान रही है.

पढ़ें. जारोली का काम जीरो, REET पेपर लीक के तार सत्ता से जुड़े, बत्तीलाल कांग्रेस कार्यकर्ता : वासुदेव देवनानी

याचिका में कहा गया की पेपर लीक को लेकर सवाई माधोपुर के गंगापुर सिटी और जयपुर के सिंधी कैम्प थाने में एफआईआर दर्ज हुई है. जिसमें पुलिसकर्मियों सहित अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है. ऐसे में पुलिस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती.

इसलिए मामले की जांच सीबीआई या किसी स्वतंत्र जांच एजेन्सी से कराई जाए और जांच लंबित रहने तक परीक्षा का परिणाम जारी नहीं किया जाए. इसके अलावा जांच में पेपर लीक होना पाया जाता है तो परीक्षा को रद्द कर नए सिरे से परीक्षा आयोजित की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

रीट पेपर लीक मामले में सियासत तेज

रीट पेपर लीक मामले में कांग्रस सरकार घिरती नजर आ रही है. एक तरफ हाईकोर्ट सरकार से पेपर लीक मामले में जवाब मांग रही है तो दूसरी ओर भाजपा भी हमलावर हो गई है. भाजपा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीना ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. डीपी जारोली की भूमिका पर भी सवालिया निशान लगा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि जयपुर जिले में सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. प्रदीप पाराशर को गलत तरीके से समन्वयक बनाया गया. यही कारण है कि पेपर आउट हो गया. वहीं दूसरी और राजेंद्र राठौड़, सतीश पूनिया समेत कई भाजपा नेताओं ने भी पेपर लीक मामले में गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है.

पढ़ें. REET Paper Leak: शिक्षा मंत्री पर कार्रवाई करने वाले भी धांंधली में शामिल, सीबीआई जांच हुई तो आंच सीएमओ तक पहुंचेगी- किरोड़ी लाल मीणा

बेरोजगार युवक भी आंदोलन की राह पर

रीट पेपर लीक मामले को लेकर बेरोजगार युवा भी आंदोलन की राह पर हैं. राजनीतिक पार्टियों से लेकर बेरोजगार युवा संघ तक रीट मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार अभी भी कोई निर्णय नहीं ले सकी है. शहीद स्मारक पर धरने दे रहे बेरोजगारों पर पुलिस की ओऱ से लाठियां भांजने के बाद मामले को लेकर युवाओं में भी नाराजगी है.

शिक्षा मंत्री डोटासरा को भी घेरा

आरपीएससी मामले के बाद रीट पेपर लीक मामले में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा फिर घिर गए हैं. भाजपा नेताओं ने डोटासरा की भूमिका पर भी सवालिया निशान लगाते हुए मामले की जांच कराने की मांग की है. भाजपाइयों ने पेपर लीक प्रकरण में डोटासरा की भूमिका को भी संदिग्ध बताया है.

Last Updated : Oct 7, 2021, 10:59 PM IST
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