जयपुर. बीते वित्तीय वर्ष में जिस जयपुर नगर निगम ने 177 करोड़ रुपए के राजस्व की वसूली कर 3 साल का रिकॉर्ड तोड़ा था, वही नगर निगम कोरोना के कारण इस साल प्रथम तिमाही में बस हाथ मल रहा है. यही नहीं, शहर के डेयरी बूथ से आने वाला किराया भी कैम्प नहीं लगने की वजह से अटक गया है. हालांकि, अब निगम प्रशासन ने डेयरी बूथ का डाटा ऑनलाइन कर किराया वसूलने का नया पैंतरा निकाला है.
जयपुर नगर निगम की झोली वर्तमान वित्तीय वर्ष में खाली पड़ी है. कोरोना महामारी की वजह से शहरी सरकार की अर्थव्यवस्था बिगड़ सी गई है. यही वजह है कि इस वित्तीय वर्ष में निगम के खजाने में अब तक करीब 4 करोड़ का राजस्व ही आ पाया है.
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वहीं, शहर की 5 हजार डेयरी बूथों से आने वाला त्रैमासिक किराया भी जमा नहीं हुआ है. ऐसे में अब कोरोना संक्रमण से बचाव रखते हुए निगम प्रशासन ने शहर की डेयरी बूथ का डाटा ऑनलाइन कर दिया है. राजस्व उपायुक्त नवीन भारद्वाज ने बताया कि नगर निगम जयपुर से अलॉटेड डेयरी बूथ संचालकों को जोन कार्यालय पर जाकर किराया राशि जमा करानी होती है.
इस समस्या का समाधान करते हुए डेयरी बूथ का डाटा ऑनलाइन कर दिया गया है. कोई भी डेयरी बूथ संचालक नगर निगम की वेबसाइट पर अपने बूथ का किराया चेक कर सकता है और उसका भुगतान भी कर सकता है. इसके अलावा ऐसे डेयरी बूथ संचालक जिनका डाटा ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है, उन्हें ये सुविधा दी गई है कि निगम के अलॉटमेंट लेटर और अंतिम भुगतान की रसीद यदि मेल कर दी जाएगी, तो उनका भी ऑनलाइन डाटा का जनरेट कर दिया जाएगा. इससे जनता को घर बैठे सुविधा मिलेगी और निगम का रेवेन्यू जेनरेट होगा.
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बता दें कि जयपुर नगर निगम डेयरी बूथ संचालकों से प्रत्येक महीने के 1 हजार की दर से क्वार्टरली किराया वसूलता है, लेकिन इस बार मार्च में लगने वाले कैंप को स्थगित करने के बाद अब तक किराया वसूला नहीं जा सका है. ऐसे में अब इस ऑनलाइन व्यवस्था से निगम के खजाने में तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपए आएंगे.