जयपुर. स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने जेईटी में डमी अभ्यर्थी बैठाने के मामले में बड़ी चूक करते हुए एक नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया. इतना ही नहीं उसे अदालत में पेश कर 1 दिन के रिमांड भी हासिल कर ली. वहीं एसओजी ने नाबालिग को अदालत में पेश कर 1 दिन का रिमांड बढ़ाने की मांग की. दूसरी ओर आरोपी की घटना के समय नाबालिग होने की जानकारी मिलने पर अदालत ने उसके प्रकरण को किशोर न्याय बोर्ड (JET Accused Sent To Juvenile Justice Board) में भेज दिया.
मामले के अनुसार एसओजी ने जेईटी में डमी अभ्यर्थी और मूल अभ्यर्थी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था. परीक्षा ((joint entrance test) ) के दिन इनमें से एक आरोपी की उम्र साढ़े 17 साल थी. सुनवाई के दौरान एसओजी की ओर से रिमांड मांगने पर बाल अपचारी के वकील ने अदालत में उसकी दसवीं कक्षा की अंक तालिका सहित अन्य दस्तावेज पेश कर दिए. कहा कि परीक्षा के दिन 8 अगस्त 2021 को वह 18 साल का नहीं हुआ था. ऐसे में एसओजी उसे गिरफ्तार नहीं ले सकती है. इस पर अदालत ने आरोपी के प्रकरण को किशोर न्याय बोर्ड में भेज दिया.
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नाबालिग की गिरफ्तारी को लेकर क्या है कानून: गौरतलब है कि किसी नाबालिग को पुलिस वर्दी में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. उसे सिर्फ निरूद्ध किया (Minors Can only Be Detained) जा सकता है. वहीं किशोर न्याय बोर्ड में पेश करते समय बाल अपचारी के परिजन भी उपस्थित रहते हैं. इसके अलावा न तो उसका रिमांड लिया जा सकता है और न ही उसकी पहचान सार्वजनिक की जा सकती है.
जानें पूरा मामला: जेट परीक्षा 2021 में शामिल हुए अभ्यर्थी जिन्होंने 12वीं कक्षा में जो विषय पढ़ा (JET Exam Fraud Case in Rajasthan) भी नहीं था, उस विषय में परीक्षा दी और उच्च रैंक भी हासिल किया. इसके साथ ही कुछ अभ्यर्थियों के दसवीं कक्षा में काफी कम अंक आने के बावजूद भी उन्होंने जेट परीक्षा में 200 के अंदर रैंक प्राप्त किए. जिसके चलते जेट समन्वयक प्रकोष्ठ ने इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए कमेटी का गठन किया. सितंबर 2021 में 7 सदस्य कमेटी ने इस पूरे प्रकरण की जांच करना शुरू किया.
कमेटी की जांच में ये तथ्य सामने आए की जुलाई 2021 में आयोजित की गई जेट परीक्षा में 16 व्यक्तियों ने अपने स्थान पर डमी अभ्यर्थी को परीक्षा दिलवाई थी. इसके साथ ही हाई रैंक हासिल करने वाले 77 अभ्यर्थियों में से 30 अभ्यर्थियों ने प्रवेश प्रक्रिया का विकल्प ही नहीं भरा. सितंबर माह में हुई काउंसलिंग में 43 अभ्यर्थियों में से 18 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे. ऐसे में जेट परीक्षा में बड़े स्तर पर धांधली होने की संभावना को देखते हुए राजस्थान एसओजी को इसकी जांच सौंपी गई. जिसमें कार्रवाई करते हुए 3 मई को ही 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था.