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Jaipur News: MSP पर चना खरीद के लिए किसानों की पंजीयन सीमा 20 प्रतिशत बढ़ाई गई , 25 मई से कर सकेंगे पंजीयन - Rajasthan hindi news

किसानों के लिए न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर चना को बेचना करने के लिए पंजीयन सीमा को 20 प्रतिशत तक बढ़ाया गया (Registration limit of farmers increased by twenty percentage) है. इस बढ़ोतरी के बाद 7693 किसानों की इसका लाभ मिल सकेगा. वहीं किसान 25 मई से चना बेचना के लिए पंजीयन कर सकेंगे.

Registration limit of farmers increased by twenty percentage
नेहरू सहकार भवन
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Published : May 24, 2022, 10:04 PM IST

जयपुर. प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर चना को बेचान करने के लिए किसानों की पंजीयन सीमा को 20 फीसदी बढ़ाया गया (Registration limit of farmers increased by twenty percentage) है. राज्य के 22 जिलों के 152 केंद्रों पर चने की निर्धारित पंजीयन सीमा पूर्ण होने के कारण पंजीयन की सीमा में यह वृद्धि की गई है. जिससे 7693 किसानों को लाभ मिल सकेगा. किसान 25 मई से चना बेचान के लिए पंजीयन करा सकेंगे.

यह जानकारी सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने मंगलवार को दी. उन्होंने बताया कि अब तक 96 हजार 338 किसानों ने चना विक्रय के लिए पंजीकरण करवाया है. इनमें से 68 हजार 925 किसानों को जुलाई की तारीख आवंटित कर दी गई है और 46 हजार 369 किसानों से 90 हजार 660 मीट्रिक टन चना खरीदा गया है. जिसकी राशि 474 करोड़ रुपए है. न्यूनतम समर्थन मूल्य चना खरीद 29 जून तक होगी. सहकारिता मंत्री ने बताया कि चना खरीद की पंजीयन सीमा 20 फीसदी बढ़ाने से राज्य के 22 जिलों और अजमेर, अलवर, बारां, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चित्तौडगढ़, दौसा, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनू, जोधपुर, नागौर, पाली, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सीकर, श्रीगंगानगर, टोंक, उदयपुर जिलों के संबंधित 152 केन्द्रों पर किसान पंजीयन करवा सकेंगे.

पढ़े:मूंग उत्पादक 63 केन्द्रों पर पंजीयन सीमा में 10 प्रतिशत की हुई बढ़ोत्तरी, किसी समस्या के लिए टोल फ्री नंबर और ई-मेल के जरिए करें शिकायत

प्रबन्ध निदेशक राजफैड उर्मिला राजोरिया ने बताया कि सरसों के बाजार भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य 5050 रूपए प्रति क्विंंटल से अधिक होने के कारण किसान समर्थन मूल्य केन्द्रों पर न आकर बाजार में सरसों का विक्रय कर रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि मौसम में आ रहे बदलाव के फलस्वरूप समस्त क्रय केन्द्र प्रभारियों को क्रय कृषि जिन्स चने को सुरक्षित रखने के लिए कारगर कदम उठाने के लिए निर्देशित किया गया. जिसके तहत त्रिपाल आदि की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है. उर्मिला राजोरिया ने बताया कि जिन्स तुलाई के लिए आने वाले कृषकों के लिए पेयजल, छाया और शीघ्र परिवहन की व्यवस्था कर दो दिवस में भण्डारण रसीदें जारी कराने के प्रयास किये जा रहे है.

जयपुर. प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर चना को बेचान करने के लिए किसानों की पंजीयन सीमा को 20 फीसदी बढ़ाया गया (Registration limit of farmers increased by twenty percentage) है. राज्य के 22 जिलों के 152 केंद्रों पर चने की निर्धारित पंजीयन सीमा पूर्ण होने के कारण पंजीयन की सीमा में यह वृद्धि की गई है. जिससे 7693 किसानों को लाभ मिल सकेगा. किसान 25 मई से चना बेचान के लिए पंजीयन करा सकेंगे.

यह जानकारी सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने मंगलवार को दी. उन्होंने बताया कि अब तक 96 हजार 338 किसानों ने चना विक्रय के लिए पंजीकरण करवाया है. इनमें से 68 हजार 925 किसानों को जुलाई की तारीख आवंटित कर दी गई है और 46 हजार 369 किसानों से 90 हजार 660 मीट्रिक टन चना खरीदा गया है. जिसकी राशि 474 करोड़ रुपए है. न्यूनतम समर्थन मूल्य चना खरीद 29 जून तक होगी. सहकारिता मंत्री ने बताया कि चना खरीद की पंजीयन सीमा 20 फीसदी बढ़ाने से राज्य के 22 जिलों और अजमेर, अलवर, बारां, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चित्तौडगढ़, दौसा, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनू, जोधपुर, नागौर, पाली, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सीकर, श्रीगंगानगर, टोंक, उदयपुर जिलों के संबंधित 152 केन्द्रों पर किसान पंजीयन करवा सकेंगे.

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प्रबन्ध निदेशक राजफैड उर्मिला राजोरिया ने बताया कि सरसों के बाजार भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य 5050 रूपए प्रति क्विंंटल से अधिक होने के कारण किसान समर्थन मूल्य केन्द्रों पर न आकर बाजार में सरसों का विक्रय कर रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि मौसम में आ रहे बदलाव के फलस्वरूप समस्त क्रय केन्द्र प्रभारियों को क्रय कृषि जिन्स चने को सुरक्षित रखने के लिए कारगर कदम उठाने के लिए निर्देशित किया गया. जिसके तहत त्रिपाल आदि की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है. उर्मिला राजोरिया ने बताया कि जिन्स तुलाई के लिए आने वाले कृषकों के लिए पेयजल, छाया और शीघ्र परिवहन की व्यवस्था कर दो दिवस में भण्डारण रसीदें जारी कराने के प्रयास किये जा रहे है.

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