जयपुर. रणथंभौर अभ्यारण में टाइगर के गले में फंदा मिलने के मामले पर क्षेत्रीय वन अधिकारी को एपीओ किया गया है. बाघ के गले में फंदा मिलने के मामले में कार्रवाई करते हुए रणथंभौर की नैनयाकी रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी अनिल कुमार मीणा को एपीओ किया गया है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्रुति शर्मा ने रेंजर अनिल कुमार को एपीओ करने के आदेश जारी किए हैं.
रणथंभौर में बाघ टी- 108 के गले में शिकारी का फंदा मिला है, जिससे साफ जाहिर होता है कि रणथंभौर नेशनल पार्क में शिकारी सक्रिय हैं. लोहे के तार के फंदे पर एक कपड़ा भी लिपटा हुआ था. यह तस्वीरें कैमरा ट्रैप में कैद हो गईं. कैमरा ट्रैप में टाइगर के गले में फंदा देखकर वन विभाग के अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए. कैमरा ट्रैप में फोटो आने से विभाग को मामले की जानकारी मिली. अगर कैमरा ट्रैप में फोटो नहीं आती तो, वन विभाग अनजान ही बना रहता.
रणथंभौर के फलोदी रेंज के देवपुरा और आचेर गांव में दो जगह फंदे के साथ बाघ की फोटो कैमरा ट्रैप में कैद हुई. मामला सामने आने के बाद चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे अधिकारी अरिजीत बनर्जी ने बाघ को ट्रेंकुलाइज करके जरूरी इलाज करने के निर्देश दिए. जिसके बाद वन विभाग की टीम ने बाघ को ट्रेंकुलाइज कर उसके गले से फंदा हटाया. बाघ के गले में फंदा मिलने के बाद वन विभाग की ओर से रेड अलर्ट जारी किया गया है.
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वन विभाग के फील्ड अधिकारियों और कर्मचारियों के अवकाश भी रद्द कर दिए गए हैं. सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को वन क्षेत्रों में वन्यजीवों की सख्त निगरानी के निर्देश दिए गए हैं. वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को रेड अलर्ट के दौरान शिकारियों की धरपकड़ के लिए गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं.