जयपुर. कोरोना महामारी के चलते देशभर में जारी लॉकडाउन का दौर भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन प्रदेश में उद्योग धंधे अब तक अपनी पुरानी गति नहीं पकड़ पाए. साथ ही ऐसे औद्योगिक इकाई भी है, जो लॉकडाउन के चलते बंद हुए तो वापस अनलॉक में खुल ही नहीं पाए. सरकार भले ही उद्योग धंधों को वापस गति मिलने की बात कहती हो. लेकिन प्रदेश में बिजली की खपत के आंकड़े बताते हैं की अनलॉक में भी उद्योग धंधे परवान नहीं चढ़ पाया.
कोरोना महामारी के चलते देशभर में 22 मार्च से लॉकडाउन शुरू हुआ. राजस्थान बिजली की खपत में भी इसका असर दिखा. लॉकडाउन के दौरान तमाम औद्योगिक व्यवसायिक और अन्य गतिविधियां बंद रही. जिसके चलते प्रदेश में अप्रैल माह में 20 फीसदी बिजली की खपत कम रही.
पिछले साल अप्रैल में जहां राजस्थान में 600 करोड़ यूनिट बिजली की खपत हुई थी. वहीं इस साल अप्रैल में महज 487 करोड़ यूनिट बिजली की खपत हुई. बात करें मई की तो इस बार मई में भी लॉकडाउन रहा और प्रदेश में 729 करोड़ यूनिट की खपत हो पाई, जो पिछले साल मई की तुलना में करीब 10 फीसदी कम है. इन दोनों ही महीनों में औद्योगिक इकाई बंद रही, लेकिन घरेलू बिजली की खपत बढ़ गई.
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इसके बाद प्रदेश में अनलॉक का दौर शुरू हुआ. उम्मीद थी बिजली की खपत भी बढ़ेगी और औद्योगिक इकाइयां भी परवान चढ़ेगी. उद्योग धंधे और संस्थान शुरू हुए और बिजली की खपत भी बढ़ने लगी. लेकिन इतनी खबर नहीं हो पाई जितनी पिछले साल हुआ करती थी, जबकि 1 साल में आबादी भी बढ़ी और उद्योग धंधे भी. बात करें जयपुर डिस्कॉम में आने वाले 13 जिलों के तो बिजली खपत के आंकड़े यही इशारा करते हैं.
बीते साल जून माह में घरेलू बिजली की खपत 13243.03 लाख यूनिट जो इस साल जून माह में 13132.53 लाख यूनिट रही. मतलब घरेलू बिजली खपत में कोई अंतर नहीं आया. लेकिन अब एक नजर नॉन डोमेस्टिक कनेक्शन और उद्योग इकाइयों की बिजली खपत पर भी डाल लें.
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पिछले साल जून में नॉन डोमेस्टिक कनेक्शन 5860.74 लाख यूनिट बिजली की खपत हुई, जो इस साल जून में घटकर 3658.57 लाख यूनिट ही रह गई. मतलब करीब 38% खपत कम हुई. इसी तरह बड़ी औद्योगिक इकाइयों में पिछले साल जून में 15355.28 लाख यूनिट खपत हुई थी, जो इस साल जून में घटकर 7668.99 लाख यूनिट ही रह गई. मतलब बड़ी औद्योगिक इकाइयों में पिछले साल की तुलना में इस साल जून में खबर करीब आधी ही रही.
लगभग, यही स्थिति जुलाई माह में भी जयपुर डिस्कॉम में देखी गई. जो इस बात का सबूत है की वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण काल के दौरान लॉकडाउन में जो उद्योग धंधे बंद हुए वह अनलॉक का दौर शुरू होने के बाद भी अब तक पूरी तरह खड़े नहीं हो पाए हैं.