जयपुर. जन्मदिन के 1 दिन पहले पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के आवास पर जुट रही भीड़ से राजेन्द्र राठौड़ बेहद खुश हैं (Rathore Praises Pilot). पायलट के फैन्स को वो सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ मुखर भीड़ मान रहे हैं. उन्होंने ने समर्थकों के दिलों में अपने नेता के प्रति प्यार को बड़ी बात माना. एक नसीहत भी दी. दावा किया कि कांग्रेस दो भागों में बंट चुकी है.
कांग्रेस नेता सचिन पायलट का जन्मदिन 7 सितंबर को है. वो 45 साल के हो जाएंगे लेकिन इसके ठीक 1 दिन पहले सिविल लाइंस स्थित आवास पर प्रशंसक और कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटी. इस मजमे को ही देखकर भाजपा नेता सचिन पायलट के मुरीद हो गए. राठौड़ ने सचिन पायलट को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं. फिर कहा कि जन्मदिन से पहले सिविल लाइंस स्थित उनके आवास पर जुटे हजारों समर्थकों की भीड़ के कारण इस इलाके में सड़के अस्त-व्यस्त हैं और लोगों को परेशानी भी हो रही है. जिसका सचिन पायलट ध्यान रखें.
राठौड़ की मानें तो मौजूदा गहलोत सरकार का जन्म ही सचिन पायलट के संघर्ष के कारण हुआ लेकिन कांग्रेस में चल रही अपमान की राजनीति के चलते पायलट को पार्टी से अलग थलग कर दिया गया (Rathore Hails Pilot). उसका दर्द सचिन पायलट और उनके समर्थकों के दिल में अब तक है. राठौड़ की मानें तो कांग्रेस ए और बी टीम में विभक्त हो चुकी है और ए टीम के नायक सचिन पायलट हैं. राठौड़ के अनुसार सचिन पायलट के मन में इस बात को लेकर आक्रोश है कि जिन वादों को उन्होंने जनता के बीच किया था सरकार बनने के बाद भी उसे ही पूरा नहीं करवा पाए. ऐसे में उनके आवास पर जो भीड़ जुट रही है वह कांग्रेस विरोधी और सरकार विरोधी भीड़ ही है.
ऐसा पहली बार नहीं है जब राठौड़ ने सचिन पायलट को सराहा हो. इससे पहले भी वो पूर्व डिप्टी सीएम को संस्कारवान नीलकंठ कह चुके हैं (Rathore Appreciates Sachin Pilot). ईटीवी से खास बातचीत में उन्होंने पायलट के लिए आसक्ति और गहलोत के लिए नापसंदगी जाहिर की थी.
कटारिया ने था सराहा: इनसे पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया अलग अलग मौकों पर पायलट के समर्थन में सियासी बयान दे चुके हैं. एक बार उन्होंने पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस नेता सचिन पायलट की सार्वजनिक रूप से न केवल प्रशंसा की थी बल्कि उन्हें राजस्थान में एक बड़ा जनाधार वाला नेता भी बताया था. उन्होंने कांग्रेस की खेमेबाजी को आधार बनाकर अपनी बात रखी थी. कहा था- पहले दिन से ही इस सरकार में खींचतान साफ देखी जा रही है. दोनों तरफ खेमेबंदी चल रही है, एक-दूसरे के लिए नकारा, निकम्मा और अंग्रेजी बोलने वाला जैसे शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है. लेकिन, यह बात भी सच है कि मरी हुई पार्टी को उस व्यक्ति (सचिन पायलट) ने अपने परिश्रम से जिंदा किया इसको कोई नकार नहीं सकता.