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केंद्रीय वित्त मंत्री की घोषणा से किसानों को ही घोर निराशा: रामपाल जाट

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा किसानों के लिए की गई घोषणा को किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने निराशाजनक बताया है. उन्होंने कहा कि इस घोषणा में गांव के छोटे उद्योग की कोई चर्चा ही नहीं है. उन्होंने कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की बात की जा रही है, लेकिन घोषणा एक करोड़ से अधिक के जो उद्योग धंधे हैं, उनको प्रमोट करने के लिए की जा रही है.

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रामपाल जाट ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री की घोषणा से किसान निराश
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Published : May 15, 2020, 8:51 AM IST

जयपुर. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा किसानों के लिए की गई घोषणा को किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने निराशाजनक बताया है. जाट के अनुसार आत्मनिर्भर अभियान बनाने की बात की जा रही है, लेकिन घोषणा एक करोड़ से अधिक के जो उद्योग धंधे हैं, उनको प्रमोट करने के लिए की जा रही है. गांव के जो छोटे उद्योग है, उनकी कहीं चर्चा ही नहीं है. जाट ने कहा इसका मतलब ये हुआ कि सरसों होगी गांव में और तेल बनेगा शहर में.

यह भी पढ़ें- आर्थिक पैकेज: वित्तमंत्री की दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस, जानिए मुख्य बातें

रामपाल जाट ने एक बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार की इस घोषणा में किसानों को केवल शब्द जाल में फंसाया गया है और शब्दों की इस जादूगरी में किसानों को कुछ नहीं मिला है. रामपाल जाट के अनुसार केंद्र सरकार यदि समर्थन मूल्य पर खरीद को 365 दिन कर देती, तो इससे किसानों को राहत मिलती, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.

वहीं किसान महापंचायत के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार कम से कम प्रदेश सरकार की ओर से भेजे गए सुझाव पर ही अमल कर लेती तो किसानों को काफी राहत मिलती है, लेकिन मौजूदा पैकेज में उसको लेकर भी कोई घोषणा नहीं की गई है.

यह भी पढ़ें- आर्थिक पैकेज पर चर्चा : राहत के लिए सिर्फ नाम की घोषणाएं, जानिए क्या कहती हैं अर्चना शर्मा

रामपाल जाट ने कहा कि प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान में संपूर्ण उपज की खरीद की घोषणा होती और खरीद में आ रही बाधाएं भी हटाई जाती, तो किसानों को उसका फायदा मिलता, लेकिन सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाना ही नहीं चाहती है.

जयपुर. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा किसानों के लिए की गई घोषणा को किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने निराशाजनक बताया है. जाट के अनुसार आत्मनिर्भर अभियान बनाने की बात की जा रही है, लेकिन घोषणा एक करोड़ से अधिक के जो उद्योग धंधे हैं, उनको प्रमोट करने के लिए की जा रही है. गांव के जो छोटे उद्योग है, उनकी कहीं चर्चा ही नहीं है. जाट ने कहा इसका मतलब ये हुआ कि सरसों होगी गांव में और तेल बनेगा शहर में.

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रामपाल जाट ने एक बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार की इस घोषणा में किसानों को केवल शब्द जाल में फंसाया गया है और शब्दों की इस जादूगरी में किसानों को कुछ नहीं मिला है. रामपाल जाट के अनुसार केंद्र सरकार यदि समर्थन मूल्य पर खरीद को 365 दिन कर देती, तो इससे किसानों को राहत मिलती, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.

वहीं किसान महापंचायत के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार कम से कम प्रदेश सरकार की ओर से भेजे गए सुझाव पर ही अमल कर लेती तो किसानों को काफी राहत मिलती है, लेकिन मौजूदा पैकेज में उसको लेकर भी कोई घोषणा नहीं की गई है.

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रामपाल जाट ने कहा कि प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान में संपूर्ण उपज की खरीद की घोषणा होती और खरीद में आ रही बाधाएं भी हटाई जाती, तो किसानों को उसका फायदा मिलता, लेकिन सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाना ही नहीं चाहती है.

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