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budget 2022 expectations: केंद्रीय बजट में कृषि में स्वावलंबन एवं गांव में स्वायत्तता को मिले प्राथमिकता: रामपाल जाट

किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट का कहना है कि (Rampal Jat suggestions for farmer in budget) आगामी केंद्रीय बजट में कृषि में स्वावलंबन एवं गांव में स्वायत्तता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. इसके लिए किसानों और ग्रामीणों की क्षेत्रों की संख्या के अनुपात में बजट राशि का आवंटन ग्रामीण क्षेत्रों के लिए होना चाहिए.

Rampal Jat suggestions for farmer in budget
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट
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Published : Jan 30, 2022, 10:29 PM IST

Updated : Jan 31, 2022, 2:10 PM IST

जयपुर. आगामी केंद्रीय बजट को लेकर किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा है कि किसान की खुशहाली के बिना आजादी अधूरी है. खुशहाली के दो आयाम ऋण मुक्ति और पूरे दाम हैं. इसलिए किसानों के हित देखते हुए केंद्रीय बजट में कृषि में स्वावलंबन एवं गांव में स्वायत्तता को प्राथमिकता दी जानी (demands for farmers in Union budget) चाहिए. इसके लिए किसानों और ग्रामीणों की क्षेत्रों की संख्या के अनुपात में बजट राशि का आवंटन ग्रामीण क्षेत्रों के लिए होना चाहिए. रामपाल जाट ने रविवार को एक बयान जारी कर यह बात कही.

रामपाल जाट ने कहा कि आय में असमानता को कम करने के लिए प्रयास बजट में परिलिक्षित होने चाहिए. ऐसी सामाजिक व्यवस्था बने, जिसमें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय राष्ट्रीय जीवन की सभी संस्थाओं को अनुप्राणित करते हुए, उसकी प्रभावी स्थापना और संरक्षण द्वारा लोक कल्याण की अभिवृद्धि के प्रयास दिखते हों. उन्होंने कहा कि अभी देश में गरीब, अधिक गरीब तथा अमीर, अधिक अमीर हो रहे हैं. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी के आंकड़ों से स्पष्ट है कि वर्ष 2015-16 के बाद 5 वर्षों में 20 प्रतिशत सबसे गरीब परिवारों की आय 53 प्रतिशत घटी और इसी अवधि में सबसे अधिक अमीर वर्ग की आय में 39 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.

केंद्रीय बजट में कृषि में स्वावलंबन एवं गांव में स्वायत्तता को मिले प्राथमिकता: रामपाल जाट

पढ़ें: Rajasthan Budget 2022 : महिलाओं को आत्मनिर्भर और बच्चों के स्वास्थ्य सुधार की दिशा में हो बजट, जानिए क्या है सुझाव और उम्मीद

उन्होंने कहा कि फार्मा कंपनियों का लाभांश 124 फीसदी बढ़ा है. पेटेंट कानून की आड़ में लूट जारी है. यह सरकारों के बिना संरक्षण एवं सहयोग के संभव नहीं है. असमानता को दूर करने के लिए अवसरों की समान रूप से उपलब्धता होनी चाहिए, जिसे बजट में परिलक्षित होना चाहिए. इसके लिए सरकार को आर्थिक रूप से कमजोरों के साथ खड़े रहने की दिशा का संकेत बजट में देना चाहिए. राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 2003—2005 के मध्य किये गए सर्वेक्षण के अनुसार किसानों की आय मजदूरों से भी कम थी.

पढ़ें: केंद्रीय बजट में भाजपा सांसद सुभाष बहेड़िया ने रखी मांग...भीलवाड़ा में स्थापित हो टेक्सटाइल पार्क, कपड़े पर भी जीएसटी में मिले राहत

उन्होंने कहा कि सरकारी नीतियों एवं उपेक्षा के कारण किसानों की ऋण चुकाने की क्षमता समाप्ति की ओर है. 1995 के बाद आत्महत्याओं में बढ़ोतरी उसका सूचक है. किसानों को उनकी उपजों के दामों की प्राप्ति की सुनिश्चितता के लिए कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी के कानून बनाने की अनुशंसा को गंभीरता से लेकर पूरा करना चाहिए. कृषि उत्पादों का खर्च कम करने के लिए खाद, बीज, कीटनाशक जैसी सामग्री का उत्पादन एवं उसका प्रशिक्षण ग्रामस्तर पर करना, डीजल को कृषि कार्य के लिए बिना लाभ-हानि के आधार पर उपलब्ध करवाना, हर खेत को पानी के लिए योजनाओं का निर्माण एवं क्रियान्वयन प्राथमिकता पर करना और इसी दिशा में समानता के लिए बिजली की निःशुल्क उपलब्धता जैसे कदम उठाने चाहिए.

पढ़ें: आय असमानता को दूर करने के लिए कांग्रेस ने की केंद्रीय बजट में 'न्याय' जैसी योजना की मांग

जाट ने कहा कि बेरोजगारी के कारण युवा वर्ग तनाव में है. उनके परिजन चिंता ग्रस्त हैं. इसके लिए प्रत्येक गांव को औद्योगिक क्षेत्र घोषित कर, शहरों के पड़ोस में निर्मित औद्योगिक क्षेत्रों जैसी सुविधाएं एवं प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए. जब से यह सुविधा एवं प्रोत्साहन शुरू हुई तब से ही इसे लागू कर बैकलॉग देने की घोषणा करनी चाहिए. जाट ने कहा कि सत्तारूढ़ दल की घोषणा के अनुसार 'कृषि के लिए पृथक से बजट' श्रेयस्कर मार्ग है.

जयपुर. आगामी केंद्रीय बजट को लेकर किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा है कि किसान की खुशहाली के बिना आजादी अधूरी है. खुशहाली के दो आयाम ऋण मुक्ति और पूरे दाम हैं. इसलिए किसानों के हित देखते हुए केंद्रीय बजट में कृषि में स्वावलंबन एवं गांव में स्वायत्तता को प्राथमिकता दी जानी (demands for farmers in Union budget) चाहिए. इसके लिए किसानों और ग्रामीणों की क्षेत्रों की संख्या के अनुपात में बजट राशि का आवंटन ग्रामीण क्षेत्रों के लिए होना चाहिए. रामपाल जाट ने रविवार को एक बयान जारी कर यह बात कही.

रामपाल जाट ने कहा कि आय में असमानता को कम करने के लिए प्रयास बजट में परिलिक्षित होने चाहिए. ऐसी सामाजिक व्यवस्था बने, जिसमें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय राष्ट्रीय जीवन की सभी संस्थाओं को अनुप्राणित करते हुए, उसकी प्रभावी स्थापना और संरक्षण द्वारा लोक कल्याण की अभिवृद्धि के प्रयास दिखते हों. उन्होंने कहा कि अभी देश में गरीब, अधिक गरीब तथा अमीर, अधिक अमीर हो रहे हैं. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी के आंकड़ों से स्पष्ट है कि वर्ष 2015-16 के बाद 5 वर्षों में 20 प्रतिशत सबसे गरीब परिवारों की आय 53 प्रतिशत घटी और इसी अवधि में सबसे अधिक अमीर वर्ग की आय में 39 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.

केंद्रीय बजट में कृषि में स्वावलंबन एवं गांव में स्वायत्तता को मिले प्राथमिकता: रामपाल जाट

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उन्होंने कहा कि फार्मा कंपनियों का लाभांश 124 फीसदी बढ़ा है. पेटेंट कानून की आड़ में लूट जारी है. यह सरकारों के बिना संरक्षण एवं सहयोग के संभव नहीं है. असमानता को दूर करने के लिए अवसरों की समान रूप से उपलब्धता होनी चाहिए, जिसे बजट में परिलक्षित होना चाहिए. इसके लिए सरकार को आर्थिक रूप से कमजोरों के साथ खड़े रहने की दिशा का संकेत बजट में देना चाहिए. राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 2003—2005 के मध्य किये गए सर्वेक्षण के अनुसार किसानों की आय मजदूरों से भी कम थी.

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उन्होंने कहा कि सरकारी नीतियों एवं उपेक्षा के कारण किसानों की ऋण चुकाने की क्षमता समाप्ति की ओर है. 1995 के बाद आत्महत्याओं में बढ़ोतरी उसका सूचक है. किसानों को उनकी उपजों के दामों की प्राप्ति की सुनिश्चितता के लिए कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी के कानून बनाने की अनुशंसा को गंभीरता से लेकर पूरा करना चाहिए. कृषि उत्पादों का खर्च कम करने के लिए खाद, बीज, कीटनाशक जैसी सामग्री का उत्पादन एवं उसका प्रशिक्षण ग्रामस्तर पर करना, डीजल को कृषि कार्य के लिए बिना लाभ-हानि के आधार पर उपलब्ध करवाना, हर खेत को पानी के लिए योजनाओं का निर्माण एवं क्रियान्वयन प्राथमिकता पर करना और इसी दिशा में समानता के लिए बिजली की निःशुल्क उपलब्धता जैसे कदम उठाने चाहिए.

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जाट ने कहा कि बेरोजगारी के कारण युवा वर्ग तनाव में है. उनके परिजन चिंता ग्रस्त हैं. इसके लिए प्रत्येक गांव को औद्योगिक क्षेत्र घोषित कर, शहरों के पड़ोस में निर्मित औद्योगिक क्षेत्रों जैसी सुविधाएं एवं प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए. जब से यह सुविधा एवं प्रोत्साहन शुरू हुई तब से ही इसे लागू कर बैकलॉग देने की घोषणा करनी चाहिए. जाट ने कहा कि सत्तारूढ़ दल की घोषणा के अनुसार 'कृषि के लिए पृथक से बजट' श्रेयस्कर मार्ग है.

Last Updated : Jan 31, 2022, 2:10 PM IST
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