जयपुर. राजधानी जयपुर का रामगंज क्षेत्र जिसे एक समय कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट केंद्र भी कहा जाने लगा था, लेकिन चिकित्सा विभाग के प्रयासों के बाद अब यह हॉटस्पॉट केंद्र कोरोना फ्री होने की राह तक पहुंच चुका है. रामगंज मॉडल की चर्चा अब देश में होने लगी है और अन्य राज्यों ने भी इससे जुड़ी जानकारी चिकित्सा विभाग से मांगी है.
एक समय रामगंज ऐसा क्षेत्र था जहां बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे थे और इस क्षेत्र को कोरोना फ्री करना चिकित्सा विभाग के लिए सबसे बड़ी परेशानी बनती जा रही थी. बता दें कि रामगंज क्षेत्र का एरिया काफी सघन है और एक ही मकान में करीब 30 से 40 लोग रहते हैं. अकेले रामगंज क्षेत्र से करीब 666 पॉजिटिव केस देखने को मिले थे, लेकिन अब यह क्षेत्र कोरोना फ्री होने की कगार पर पहुंच चुका है. रामगंज में कोरोना के अब तीन एक्टिव केस ही मौजूद हैं.
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जयपुर के सीएमएचओ फर्स्ट डॉक्टर नरोत्तम शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 26 मार्च को रामगंज में पहला कोरोना पॉजिटिव केस पाया गया था. इसके बाद चिकित्सा विभाग ने थ्री लेयर स्क्रीनिंग का काम इस क्षेत्र में शुरू किया. उन्होंने बताया कि रामगंज का भौगोलिक क्षेत्र काफी अलग है और एक ही मकान में करीब 30 से 40 लोग रहते हैं. ऐसे में इन लोगों की स्क्रीनिंग कर सैंपल लेना सबसे अधिक मुश्किल भरा कार्य था.
शर्मा ने बताया कि थ्री लेयर स्क्रीनिंग के तहत सबसे पहले आशा सहयोगिनियों की ओर से उम्रदराज लोग, गर्भवती महिलाएं और बच्चों की एक अलग से सूची तैयार की गई. इसके बाद इस क्षेत्र में काम कर रही चिकित्सा विभाग की टीमों ने पल्स ऑक्सीमीटर से लोगों की जांच की और ब्लड प्रेशर, लंग्स, किडनी और हार्ट आदि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को अलग से चिन्हित किया गया.
केंद्र की ओर से ली गई जानकारी
जयपुर सीएमएचओ फर्स्ट डॉक्टर नरोत्तम शर्मा ने बताया कि रामगंज जैसे हॉटस्पॉट क्षेत्र में कोरोना पर विजय के बाद केंद्र की ओर से भी इस मॉडल की जानकारी ली गई. वहीं, मध्य प्रदेश सरकार ने भी चिकित्सा विभाग से पूरे मामले की जानकारी मांगी है कि आखिर इस तरह उन्होंने रामगंज हॉटस्पॉट केंद्र को कोरोना फ्री किया.