जयपुर. प्रदेश में सरकारी भर्तियों में आरक्षण नियमों में बदलाव के बाद ओबीसी वर्ग में युवाओं को हो रहे नुकसान के चलते नियमों में संशोधन की मांग को लेकर प्रदेश भर में विरोध हो रहा (Demand of withdraw OBC reservation amendment) है. सोमवार को इसी क्रम में राजधानी जयपुर में राजस्थान यूनिवर्सिटी में भी बड़ी संख्या में युवा जुटे और यूनिवर्सिटी परिसर में रैली निकालकर विरोध जताया.
ओबीसी के 21 फीसदी आरक्षण में भूतपूर्व सैनिकों का कोटा शामिल करने के मामले को लेकर ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदेश भर में आंदोलन हो रहे हैं. सोमवार को राजस्थान यूनिवर्सिटी में बड़ी संख्या में युवा जुटे और यूनिवर्सिटी परिसर में रैली निकालकर विरोध जताया. वहीं शाम को 12 सदस्यों के प्रतिनिधि मंडल ने सीएमओ के उच्चाधिकारियों से वार्ता की. हालांकि यहां कोई रास्ता नहीं निकला. जिसके बाद ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति ने प्रदेश भर में बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
इससे पहले राजस्थान यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन के दौरान पूर्व आरएएस अधिकारी रहे जस्सा राम चौधरी, पूर्व आरपीएस महेंद्र चौधरी और डॉ रामसिंह सामोता भी मौजूद रहे. उन्होंने बताया कि 2018 में ओबीसी सहित अन्य कैटेगरी के आरक्षण में भूतपूर्व सैनिकों के आरक्षण कोटे को खत्म कर, मूल भर्ती के कुल पदों में से भूतपूर्व सैनिकों का 12.5 प्रतिशत कोटा तय किया गया. इससे कुल पदों में ओबीसी की आबादी ज्यादा होने से भूतपूर्व सैनिकों में सबसे ज्यादा ओबीसी के भूतपूर्व सैनिकों का चयन होता है. इसके बाद सरकार इन भूतपूर्व सैनिकों के आरक्षण वर्गों की कैटेगरी में से कटौती करती है. इससे ओबीसी के 21 प्रतिशत आरक्षण कोटे के अधिकांश पदों पर भूतपूर्व सैनिकों का चयन हो जाता है और मूल वर्ग के युवाओं को मौका नहीं मिल पाता. ऐसे में युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से किए गए आरक्षण नियमों में बदलाव का ओबीसी वर्ग खुलकर विरोध कर रहा है.