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शहीद के परिवारों को नौकरी और अन्य सहायता के लिए पॉलिसी भी बदलनी पड़े तो सरकार बदले: राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़

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Published : Jul 2, 2020, 7:03 PM IST

बीजेपी सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ गुरुवार को हंदवाड़ा में शहीद हुए कर्नल आशुतोष शर्मा के परिवार से मिलने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर शहीदों के परिवार वालों को नौकरी या सहायता देने के लिए किसी पॉलिसी में बदलाव करना पड़े, तो सरकार को करना चाहिए.

MP Rajyavardhan Singh Rathore, Support to the martyr family, Shaheed Colonel Ashutosh Sharma
शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा के परिवार से मिलने पहुंचे राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़

जयपुर. सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ गुरुवार को हंदवाड़ा में शहीद हुए 21वीं राष्ट्रीय राइफल के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा के परिवार वालों से मिलने के लिए उनके निवास पर पहुंचे. सांसद राठौड़ ने परिवार वालों को केंद्र सरकार के स्तर पर हर तरह के सहयोग देने का आश्वासन दिया.

शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा के परिवार से मिलने पहुंचे राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़

इस दौरान उन्होंने परिजनों को सरकार की तरफ से मिलने वाली सहायता और उसमें हो रही देरी की भी जानकारी ली. सांसद राठौड़ ने कहा कि देश के लिए शहीद होने वाले योद्धा के मान सम्मान में किसी तरह की कोई कमी नहीं रहनी चाहिए. भारत पहले ही बहुत चुनौतियों से गुजर रहा है फिर राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार, हम सबको इन योद्धाओं के परिवार जनों के मान सम्मान में कोई कमी नहीं रखनी चाहिए.

पढ़ें- जुड़वा बच्चों के जन्मदिन पर घर आने वाले थे शहीद दीपचंद ...लेकिन किस्मत को कुछ और ही था मंजूर

राठौड़ ने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि शहीद के परिवार वालों को नौकरी या अन्य किस तरह की सहायता देने के लिए अगर नियमों में संशोधन करना पड़े, तो सरकार को करना चाहिए. उन्होंने कहा कि शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा का परिवार भले ही मूल रूप से उत्तर प्रदेश का हो, लेकिन वह लंबे समय से राजस्थान में रह रहे हैं और आगे की जिंदगी भी वो राजस्थान में ही गुजारना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि यह हमारे राजस्थान के लोगों के लिए गर्व की बात है.

ऐसे में सरकार को चाहिए कि इस परिवार को शहीद के नाते जो सहायता मिलनी चाहिए वह समय पर पूरी तरह से मिले. अगर इसके लिए सरकार को किसी पॉलिसी में बदलाव भी करने की जरूरत पड़े तो सरकार को करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें इस बात को समझना चाहिए कि आज हम यहां पर इस लिए सुरक्षित हैं, क्योंकि देश की सीमा पर एक कोई योद्धा है, जो हमारे लिए हमेशा बलिदान होने के लिए तत्पर है. ऐसे में हमारी भी जिम्मेदारी बन जाती है कि हम योद्धाओं के परिवार का मान सम्मान करें.

पढ़ें- कांग्रेस सेना के मामलों में राजनीतिक रंग देने में लगी रहती हैः राज्यवर्धन सिंह राठौड़

वहीं, शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा की पत्नी पल्लवी ने कहा कि वह लंबे समय से जयपुर में रह रही हैं. उनके सभी रिश्तेदार परिवार वाले भी लगभग 16 साल से राजस्थान में ही हैं. ऐसे में वह भी चाहती हैं कि उनकी बेटी के साथ वह आगे की जिंदगी राजस्थान में ही गुजारें. इसलिए उन्होंने भी अनुरोध किया कि शहीद के परिवार वालों को जो सहायता मिली चाहिए वह किसी तरह से स्टेट और अदर स्टेट के नियमों में नहीं फंसे. देश एक है हम इंडिया में रहते हैं, इसलिए स्टेट का डिवाइडेशन नहीं होना चाहिए.

बता दें कि मई 2020 में कश्मीर के हंदवाड़ा में 21 राष्ट्रीय राइफल के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा समेत पांच जवान शहीद हो गए थे. कर्नल आशुतोष शर्मा की पत्नी और उनके अन्य परिवार के लोग पिछले 16 साल से जयपुर में ही रह रहे हैं. शहीद कर्नल शर्मा की पत्नी अपनी आगे की जिंदगी राजस्थान में ही रहकर गुजारना चाहती हैं. लेकिन वह मूल तौर पर उत्तर प्रदेश की हैं, जिसके चलते उन्हें राजस्थान में शहीद की पत्नी के नाते जो आर्थिक सहायता, नौकरी और जमीन मिलनी चाहिए वह कानूनी पेचीदगियों के चलते नहीं मिल पा रही है.

जयपुर. सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ गुरुवार को हंदवाड़ा में शहीद हुए 21वीं राष्ट्रीय राइफल के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा के परिवार वालों से मिलने के लिए उनके निवास पर पहुंचे. सांसद राठौड़ ने परिवार वालों को केंद्र सरकार के स्तर पर हर तरह के सहयोग देने का आश्वासन दिया.

शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा के परिवार से मिलने पहुंचे राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़

इस दौरान उन्होंने परिजनों को सरकार की तरफ से मिलने वाली सहायता और उसमें हो रही देरी की भी जानकारी ली. सांसद राठौड़ ने कहा कि देश के लिए शहीद होने वाले योद्धा के मान सम्मान में किसी तरह की कोई कमी नहीं रहनी चाहिए. भारत पहले ही बहुत चुनौतियों से गुजर रहा है फिर राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार, हम सबको इन योद्धाओं के परिवार जनों के मान सम्मान में कोई कमी नहीं रखनी चाहिए.

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राठौड़ ने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि शहीद के परिवार वालों को नौकरी या अन्य किस तरह की सहायता देने के लिए अगर नियमों में संशोधन करना पड़े, तो सरकार को करना चाहिए. उन्होंने कहा कि शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा का परिवार भले ही मूल रूप से उत्तर प्रदेश का हो, लेकिन वह लंबे समय से राजस्थान में रह रहे हैं और आगे की जिंदगी भी वो राजस्थान में ही गुजारना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि यह हमारे राजस्थान के लोगों के लिए गर्व की बात है.

ऐसे में सरकार को चाहिए कि इस परिवार को शहीद के नाते जो सहायता मिलनी चाहिए वह समय पर पूरी तरह से मिले. अगर इसके लिए सरकार को किसी पॉलिसी में बदलाव भी करने की जरूरत पड़े तो सरकार को करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें इस बात को समझना चाहिए कि आज हम यहां पर इस लिए सुरक्षित हैं, क्योंकि देश की सीमा पर एक कोई योद्धा है, जो हमारे लिए हमेशा बलिदान होने के लिए तत्पर है. ऐसे में हमारी भी जिम्मेदारी बन जाती है कि हम योद्धाओं के परिवार का मान सम्मान करें.

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वहीं, शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा की पत्नी पल्लवी ने कहा कि वह लंबे समय से जयपुर में रह रही हैं. उनके सभी रिश्तेदार परिवार वाले भी लगभग 16 साल से राजस्थान में ही हैं. ऐसे में वह भी चाहती हैं कि उनकी बेटी के साथ वह आगे की जिंदगी राजस्थान में ही गुजारें. इसलिए उन्होंने भी अनुरोध किया कि शहीद के परिवार वालों को जो सहायता मिली चाहिए वह किसी तरह से स्टेट और अदर स्टेट के नियमों में नहीं फंसे. देश एक है हम इंडिया में रहते हैं, इसलिए स्टेट का डिवाइडेशन नहीं होना चाहिए.

बता दें कि मई 2020 में कश्मीर के हंदवाड़ा में 21 राष्ट्रीय राइफल के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा समेत पांच जवान शहीद हो गए थे. कर्नल आशुतोष शर्मा की पत्नी और उनके अन्य परिवार के लोग पिछले 16 साल से जयपुर में ही रह रहे हैं. शहीद कर्नल शर्मा की पत्नी अपनी आगे की जिंदगी राजस्थान में ही रहकर गुजारना चाहती हैं. लेकिन वह मूल तौर पर उत्तर प्रदेश की हैं, जिसके चलते उन्हें राजस्थान में शहीद की पत्नी के नाते जो आर्थिक सहायता, नौकरी और जमीन मिलनी चाहिए वह कानूनी पेचीदगियों के चलते नहीं मिल पा रही है.

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